क्योंकि उसने गरीबों को पीसा था, उसने उनको मर जाने के लिए यों ही छोड़ दिया था। उसने उस मकान को हड़प लिया था, जो उसने नहीं बनाया था।
आमोस 5:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम गरीब को रौंदते हो, उससे भेंट के रूप में जबरदस्ती अनाज लेते हो। तुमने घूस की कमाई से पत्थरों के भव्य मकान बनाए हैं; पर तुम उन मकानों में रह नहीं सकोगे! तुमने अंगूर के हरे-भरे उद्यान लगाए हैं; लेकिन तुम उनका रस न पी सकोगे! पवित्र बाइबल तुम गरीबों से अनुचित कर वसूलते हो। तुम उनसे ढेर सारा गेहूँ लेते हो और इस धन का उपयोग तुम तराशे पत्थरों से सुन्दर महल बनाने में करते हो। किन्तु तुम उन महलों मे नहीं रहोगे। तुम अंगूरों की बेलों के सुन्दर खेत बनाते हो। किन्तु तुम उनसे प्राप्त दाखमधु को नहीं पीओगे। Hindi Holy Bible तुम जो कंगालों को लताड़ा करते, और भेंट कहकर उस से अन्न हर लेते हो, इसलिये जो घर तुम ने गढ़े हुए पत्थरों के बनाए हैं, उन में रहने न पाओगे; और जो मनभावनी दाख की बारियां तुम ने लगाई हैं, उनका दाखमधु न पीने पाओगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम जो कंगालों को लताड़ा करते, और भेंट कहकर उनसे अन्न हर लेते हो, इसलिये जो घर तुम ने गढ़े हुए पत्थरों के बनाए हैं, उन में रहने न पाओगे; और जो मनभावनी दाख की बारियाँ तुम ने लगाई हैं, उनका दाखमधु न पीने पाओगे। सरल हिन्दी बाइबल तुम निर्धनों के भूंसा पर भी कर लेते हो और उनके अन्न पर कर लगाते हो. इसलिये, यद्यपि तुमने पत्थर की हवेलियां बनाई है, पर तुम उनमें निवास न कर सकोगे; यद्यपि तुमने रसदार अंगूर की बारियां लगाई हैं, पर तुम उनका दाखरस पी न सकोगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम जो कंगालों को लताड़ा करते, और भेंट कहकर उनसे अन्न हर लेते हो, इसलिए जो घर तुम ने गढ़े हुए पत्थरों के बनाए हैं, उनमें रहने न पाओगे; और जो मनभावनी दाख की बारियाँ तुम ने लगाई हैं, उनका दाखमधु न पीने पाओगे। |
क्योंकि उसने गरीबों को पीसा था, उसने उनको मर जाने के लिए यों ही छोड़ दिया था। उसने उस मकान को हड़प लिया था, जो उसने नहीं बनाया था।
उपजाऊ खेतों में से आनन्द और हर्ष का लोप हो गया। अब अंगूर-उद्यानों में आनन्द के गीत नहीं गाए जाते, हर्ष-ध्वनि सुनाई नहीं पड़ती। अंगूर के रस-कुण्डों में से रस निकालने वाले नहीं रहे। अंगूर-रस पेरने के समय की जानेवाली हर्ष-ध्वनि बन्द हो गई।
उसके सैनिक तेरी धन-सम्पत्ति को लूट लेंगे। वे तेरे व्यापार की वस्तुओं को छीन लेंगे। वे तेरी शहरपनाह को ढाह देंगे, और तेरे भव्य और सुन्दर मकानों को खण्डहर बना देंगे। वे तेरे पत्थरों, लकड़ियों और मलवों का ढेर समुद्र में फेंक देंगे।
तुम दुर्बल भेड़ों को पांजर और सींग से मार-मार कर भगा देते हो, और वे यहां-वहां बिखर जाती हैं।
पर तू खलियान के अन्न से, अंगूर के कुण्ड से भी तृप्त न होगा। नया अंगूर-रस भी तुझे तृप्त न कर सकेगा।
तो मैं तुम्हारे साथ यह व्यवहार करूंगा : तुम पर आतंक ढाहूंगा, तुम्हें क्षय रोग और ऐसे ज्वर से पीड़ित करूंगा जिसके कारण आंखें धंस जातीं और प्राण मुरझा जाते हैं। तुम्हारा बीज बोना व्यर्थ होगा; क्योंकि तुम्हारे शत्रु ही उनको खाएंगे।
प्रभु यों कहता है : मैं इस्राएल प्रदेश के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा; मैं उसको नहीं छोड़ूंगा। इस्राएल प्रदेश के निवासी चांदी के सिक्कों में निरपराध व्यक्ति को, केवल एक जोड़ी जूती के बदले गरीब को बेच देते हैं!
वे जमीन की धूल पर निर्धन का सिर रौंदते हैं; वे सीधे-सादे व्यक्ति को उसके मार्ग से फेर देते हैं। पिता और पुत्र, दोनों एक ही कन्या से सम्भोग करते हैं। यों उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र कर दिया है।
मैं सामरी नगर के ग्रीष्म महल और शीत महल को ध्वस्त कर दूंगा; मैं हाथी-दांत से सजे भवन और अन्य कोठियों को खण्डहर बना दूंगा।’ प्रभु ने यह कहा है।
असीरिया देश के गढ़ों में, मिस्र देश के किलों में यह घोषणा सुनाओ: ‘सामरी पहाड़ियों पर एकत्र हो, और वहाँ से सामरी राज्य के भीतर अशान्ति का नजारा देखो, अत्याचार और दमन के दृश्य देखो।’
ओ सामरी राज्य की समृद्ध नारियो! ओ सामरी पहाड़ की महिलाओ! यह सन्देश सुनो! तुम गरीबों का दमन करती हो, तुम दरिद्रों को रौंदती हो। तुम अपने पतियों को आदेश देती हो : ‘शराब लाओ, ताकि हम पीएं।’
क्या घोड़े चट्टानों पर दौड़ते हैं? क्या बैलों से समुद्र पर हल चलाया जाता है? परन्तु तुमने न्याय-व्यवस्था को जहर, और धर्म को चिरायता-सा कड़ुवा बना दिया है।
मैं अपने निज लोग इस्राएलियों की समृद्धि लौटा दूंगा। वे उजाड़ नगरों का पुन:निर्माण करेंगे, और उनको आबाद करेंगे। वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे, और उनके फलों का रस पीएंगे। वे साग-सब्जी के बगीचे लगाएंगे, और उनके फल खाएंगे।
अत: प्रभु कहता है : ‘मैं सामरी नगर को खुले मैदान के मलवे के सदृश बना दूंगा; ऐसा स्थान जहां लोग अंगूर के उद्यान लगाएंगे। मैं उसके खण्डहरों के पत्थर घाटी में फेंक दूंगा, और उसकी नींव उखाड़ दूंगा।
वे पराए खेतों का लालच करते हैं, और उन्हें हड़प लेते हैं; वे दूसरे के मकानों की लालसा करते हैं, और उन्हें हथिया लेते हैं। वे पड़ोसी और उसके परिवार पर अत्याचार करते हैं, वे अन्य व्यक्ति और उसकी पैतृक सम्पत्ति का शोषण करते हैं।
तू बोएगा पर फसल काट नहीं पाएगा। तू जैतून का तेल निकालेगा, पर उसको सिर पर नहीं लगा पाएगा। तू अंगूर से रस निकालेगा, पर उसको पी नहीं पाएगा।
शत्रु उनकी सम्पत्ति लूटेंगे; उनके आबाद घर उजड़ जाएंगे। यद्यपि वे मकान बनाएंगे, तथापि वे उनमें रह नहीं पाएंगे। यद्यपि वे अंगूर-उद्यान लगाएंगे तथापि वे उसका अंगूर-रस पी नहीं सकेंगे।’
तुमने बहुत बोया, पर काटा थोड़ा। तुम खाते हो, पर तृप्त नहीं होते। पानी पीते हो, पर प्यास नहीं बुझती। तुम कपड़े पहिनते हो, पर उससे तुम्हारी ठण्ड दूर नहीं होती। मजदूर कमाता है, पर अपनी कमाई को ऐसी थैली में रखता है, जिसमें छेद है।’
यदि एदोम यह कहेगा, ‘हमारा देश उजड़ गया, पर हम खण्डहरों को फिर बसाएंगे’ तो स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की यह वाणी है: ‘वे अपने देश का पुन: निर्माण करेंगे, पर मैं उनके मकानों को ढाह दूंगा। उनका नाम “दुष्ट राज्य” पड़ेगा, ऐसा राष्ट्र जिससे प्रभु सदा नाराज रहता है।’
तू कुंआरी कन्या से सगाई करेगा, पर दूसरा व्यक्ति उससे विवाह करेगा। तू मकान बनाएगा, पर स्वयं उसमें निवास नहीं कर सकेगा। तू अंगूर का उद्यान लगाएगा, पर उसके फलों का आनन्द नहीं ले पाएगा।
तब भी आपने दरिद्र का तिरस्कार किया है। क्या धनी आप लोगों का शोषण नहीं करते और आप को अदालतों में घसीट कर नहीं ले जाते?