दाऊद जैतून पहाड़ पर चढ़ने लगा। वह रो रहा था। वह नंगे पैर था। उसका सिर ढका था। जो लोग उसके साथ थे, वे भी अपना सिर ढांपे हुए थे। वे रोते हुए पहाड़ पर चढ़ रहे थे।
अय्यूब 9:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर ने यह पृथ्वी दुर्जनों के हाथ में सौंप दी है; उसने न्यायाधीशों की आंखों पर पट्टी बांध दी है ताकि वे न्याय और अन्याय को न पहचान सकें! यदि वह नहीं तो फिर कौन यह कार्य करता है? पवित्र बाइबल जब धरती दुष्ट जन को दी जाती है तो क्या मुखिया को परमेश्वर अंधा कर देता है? यदि यह परमेश्वर ने नहीं किया तो फिर किसने किया है? Hindi Holy Bible देश दुष्टों के हाथ में दिया गया है। वह उसके न्यायियों की आंखों को मून्द देता है; इसका करने वाला वही न हो तो कौन है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) देश दुष्टों के हाथ में दिया गया है। वह उसके न्यायियों की आँखों को बन्द कर देता है; इसका करनेवाला वही न हो तो कौन है? सरल हिन्दी बाइबल समस्त को दुष्ट के हाथों में सौप दिया गया है, वे अपने न्यायाधीशों के चेहरे को आवृत्त कर देते हैं. अगर वे नहीं हैं, तो वे कौन हैं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 देश दुष्टों के हाथ में दिया गया है। परमेश्वर उसके न्यायियों की आँखों को मूँद देता है; इसका करनेवाला वही न हो तो कौन है? |
दाऊद जैतून पहाड़ पर चढ़ने लगा। वह रो रहा था। वह नंगे पैर था। उसका सिर ढका था। जो लोग उसके साथ थे, वे भी अपना सिर ढांपे हुए थे। वे रोते हुए पहाड़ पर चढ़ रहे थे।
राजा मुँह ढककर उच्च स्वर में चिल्लाता रहा, ‘ओ मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे!’
मोरदकय राजभवन के प्रवेश-द्वार पर लौटा, पर हामान शोक करता हुआ, सिर ढके हुए, शीघ्रता से अपने घर गया।
सम्राट राजमहल के उद्यान से उस स्थान पर लौटा जहां वे शराब पी रहे थे। उसने देखा कि जिस दीवान पर एस्तर लेटी है, उस पर हामान झुका हुआ है। सम्राट ने कहा, ‘क्या यह मेरे ही सामने, मेरे ही महल में महारानी पर बलात्कार करना चाहता है?’ सम्राट के मुंह से ये शब्द निकलते ही खोजों ने हामान का चेहरा ढक दिया।
क्या तुझे निर्दोष पर अत्याचार करना अच्छा लगता है? तू अपनी ही सृष्टि से घृणा क्यों करता है? तू दुर्जन की योजनाओं को सफल क्यों करता है?
परमेश्वर ने मुझे अधर्मियों के हाथ में सौंप दिया है; वह दुर्जनों के पंजों में मुझे फंसाता है।
मैं सहायता के लिए पुकारता हूँ: “मुझ पर अत्याचार हो रहा है! मुझे बचाओ!” पर मुझे कोई उत्तर नहीं देता। मैं न्याय के लिए दुहाई देता हूँ, पर मुझे न्याय नहीं मिलता!
तुम शक्तिशाली और प्रतिष्ठित हो। अत: तुमने लाठी के जोर से दूसरों की भूमि पर अधिकार कर लिया और तुम्हारे लोग उस पर बस गए।
शहर में मरने वाले गरीबों की कराहें सुनाई देती हैं; घायल दरिद्र व्यक्तियों के प्राण दुहाई देते हैं। तब भी परमेश्वर उनकी प्रार्थना पर ध्यान नहीं देता!
जो मैंने कहा, क्या वह सच नहीं है? कौन व्यक्ति मुझे झूठा सिद्ध कर सकता है? कौन व्यक्ति मेरी बातों को निस्सार कह सकता है?’
उनके साथ एलीहू नामक एक युवक था। उसके पिता का नाम बारकेल था, जो बूजी वंश और राम के कुल का था। एलीहू का क्रोध अय्यूब के प्रति भड़क उठा; क्योंकि उसने अपने दु:ख के लिए परमेश्वर को दोषी और स्वयं को निर्दोष प्रमाणित किया था।
अपने हाथों द्वारा दुर्जनों से, पृथ्वी के उन पुरुषों से, जिनका भाग इसी जीवन में है, मेरे प्राण को मुक्त कर। उनके पेट तेरे दण्ड-भण्डार से भरे जाएं; उनके पुत्रों को यथेष्ट से अधिक दण्ड मिले; वे अपने बच्चों के लिए भी पर्याप्त दण्ड छोड़ जाएं।
तब मैंने पुनर्विचार किया कि सूर्य के नीचे धरती पर कितना अत्याचार होता है। जिन पर अत्याचार होता है, वे आंसू बहाते हैं, पर उनके आंसू पोंछनेवाला कोई नहीं है। अत्याचार करनेवालों के पास शक्ति थी, किन्तु आंसू बहानेवालों के पास उन्हें सान्त्वना देनेवाला भी नहीं था।
वर्षा न होने के कारण भूमि में दरारें पड़ गई हैं; किसान उदास हैं, वे सिर को ढक कर बैठे हुए हैं।
‘यह दण्ड प्रहरियों के आदेश के अनुसार दिया गया। यह निर्णय पवित्र दूतों के वचन के अनुरूप है। यह इसलिए दिया गया कि जीव-लोक के प्राणी जान लें कि सर्वोच्च परमेश्वर मनुष्यों के राज्य पर शासन करता है, और वह जिस को चाहता है, उसको यह राज्य देता है, और उस पर शासन करने के लिए छोटे-से-छोटे मनुष्य को भी नियुक्त करता है।’
ओ पुरोहितो! तुमने अपनी बातों से प्रभु को उकता दिया है। फिर भी तुम पूछते हो, ‘हमने कैसे प्रभु को उकता दिया?’ तुम यह कहकर उसे उकता देते हो, ‘जो बुराई करता है, वह प्रभु की दृष्टि में भला है, क्योंकि प्रभु बुरे कार्यों से प्रसन्न होता है।’ तुम यह भी पूछते हो, ‘न्याय करने वाला परमेश्वर कहां है?’