ऊत्स देश में एक मनुष्य रहता था। उसका नाम अय्यूब था। वह प्रत्येक दृष्टि से सिद्ध और निष्कपट था। वह परमेश्वर से डरता और बुराई से दूर रहता था।
अय्यूब 9:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यद्यपि मैं निर्दोष हूं तो भी मेरा मुँह मुझे दोषी ठहराएगा; यद्यपि मैं प्रत्येक दृष्टि से सिद्ध हूं, तो भी वह मुझे कुटिल प्रमाणित कर देगा। पवित्र बाइबल मैं निर्दोंष हूँ किन्तु मेरा भयभीत मुख मुझे अपराधी कहेगा। अत: यद्यपि मैं निरपराधी हूँ किन्तु मेरा मुख मुझे अपराधी घोषित करता है। Hindi Holy Bible चाहे मैं निर्दोष ही क्यों न हूँ, परन्तु अपने ही मुंह से दोषी ठहरूंगा; खरा होने पर भी वह मुझे कुटिल ठहराएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) चाहे मैं निर्दोष ही क्यों न हूँ, परन्तु अपने ही मुँह से दोषी ठहरूँगा; खरा होने पर भी वह मुझे कुटिल ठहराएगा। सरल हिन्दी बाइबल यद्यपि मैं ईमानदार हूं, मेरे ही शब्द मुझे दोषारोपित करेंगे; यद्यपि मैं दोषहीन हूं, मेरा मुंह मुझे दोषी घोषित करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 चाहे मैं निर्दोष ही क्यों न हूँ, परन्तु अपने ही मुँह से दोषी ठहरूँगा; खरा होने पर भी वह मुझे कुटिल ठहराएगा। |
ऊत्स देश में एक मनुष्य रहता था। उसका नाम अय्यूब था। वह प्रत्येक दृष्टि से सिद्ध और निष्कपट था। वह परमेश्वर से डरता और बुराई से दूर रहता था।
यदि मैं दुर्जन होऊं तो मुझे धिक्कार है! यदि मैं धार्मिक हूं तो भी मैं अपना सिर उठाने का साहस नहीं कर सकता; क्योंकि मैं अपमान की बाढ़ में डूब चुका हूं, मैं क्षण-क्षण पीड़ा की मार सह रहा हूं!
“क्या परमेश्वर के सामने नश्वर मनुष्य धार्मिक प्रमाणित हो सकता है? क्या बलवान मनुष्य अपने बनानेवाले के सामने पवित्र सिद्ध हो सकता है?
यद्यपि मैं निर्दोष हूं तो भी उसको उत्तर नहीं दे सकता! मैं अपने मुद्दई से केवल दया की भीख मांग सकता हूं!
‘मैं सचमुच यह जानता हूं कि जो तुमने कहा है, वह सच है। पर परमेश्वर के सम्मुख मनुष्य किस प्रकार धार्मिक सिद्ध हो सकता है?
तो मुझे अपने दु:ख की याद आती है, और मैं उसके कारण भयभीत हो जाता हूं; क्योंकि मैं जानता हूं, हे परमेश्वर तू मुझे निर्दोष नहीं मानेगा।
हे प्रभु, यदि तू मेरे अधर्म पर ध्यान देगा, तो, हे स्वामी, तेरे सम्मुख कौन खड़ा रह सकेगा?
हे प्रभु, अपने सेवक के साथ न्याय में प्रवेश न कर; क्योंकि एक भी प्राणी तेरी दृष्टि में धार्मिक नहीं है।
जो मनुष्य अधिक बोलता है, वह अपराध करने से बच नहीं सकता; पर अपनी जीभ को वश में रखनेवाला मनुष्य बुद्धिमान है!
जो मनुष्य कुटिल हृदय का है, वह कभी सफल न होगा; कुटिल वचन बोलनेवाला विपत्ति के गड्ढे में गिरता है।
तब मैंने कहा, ‘हाय! अब मैं जीवित नहीं रह सकता! मैं अशुद्ध ओंठवाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध ओंठवाले लोगों के मध्य निवास करता हूं। मैंने साक्षात् स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा।’
इस पर व्यवस्था के आचार्य ने अपने प्रश्न की सार्थकता दिखलाने के लिए येशु से पूछा, “लेकिन मेरा पड़ोसी कौन है?”
इस पर येशु ने उनसे कहा, “तुम लोग मनुष्यों के सामने तो धर्मी होने का ढोंग रचते हो, परन्तु परमेश्वर तुम्हारा हृदय जानता है। जो बात मनुष्यों की दृष्टि में महत्व रखती है, वह परमेश्वर की दृष्टि में घृणित है।
और निरन्तर झगड़े उत्पन्न होते हैं। यह सब ऐसे लोगों के योग्य है, जिनका मन विकृत और सत्य से वंचित हो गया है और यह समझते हैं कि भक्ति लाभ का एक साधन है।
हम सब बारम्बार गलत काम करते हैं। जो कभी गलत बात नहीं कहता, वह पहुँचा हुआ मनुष्य है और वह अपने पूर्ण शरीर को नियंत्रण में रख सकता है।