मैंने हृदय में सोचा, “जो आयु में बड़े हैं, पहले उनको बोलने दो; बड़े-बूढ़े ही बुद्धि की बातें सिखाएँ।”
अय्यूब 8:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या तुम्हारे पूर्वज तुम्हें शिक्षा न देंगे, तुम्हें नहीं सिखाएँगे? निस्सन्देह वे तुम्हें हृदय से शिक्षा देंगे। पवित्र बाइबल हो सकता है कि वृद्ध लोग तुझे कुछ सिखा सकें। हो सकता है जो उन्होंने सीखा है वे तुझे सिखा सकें।” Hindi Holy Bible क्या वे लोग तुझ से शिक्षा की बातें न कहेंगे? क्या वे अपने मन से बात न निकालेंगे? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या वे लोग तुझ से शिक्षा की बातें न कहेंगे? क्या वे अपने मन से बात न निकालेंगे? सरल हिन्दी बाइबल क्या वे तुम्हें शिक्षा देते हुए प्रकट न करेंगे, तथा अपने मन के विचार व्यक्त न करेंगे? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या वे लोग तुझ से शिक्षा की बातें न कहेंगे? क्या वे अपने मन से बात न निकालेंगे? |
मैंने हृदय में सोचा, “जो आयु में बड़े हैं, पहले उनको बोलने दो; बड़े-बूढ़े ही बुद्धि की बातें सिखाएँ।”
‘मित्र, क्या कछार की घास कछार के पानी के बिना उग सकती है? क्या नरकुल बिना कीचड़ के पनप सकता है?
हम तो कल के लोग हैं, हमें कुछ भी अनुभव नहीं है। पृथ्वी पर हमारी उम्र छाया के समान ढलती है।
बुद्धिमान मनुष्य का मन उसके वचन को ज्ञान से परिपूर्ण करता है, और उसकी वाणी में विद्या की वृद्धि करता है।
तेज बुद्धिवाला मनुष्य ज्ञान प्राप्त करता है; बुद्धिमान व्यक्ति के कान ज्ञान की बातों की ओर लगे रहते हैं।
अच्छा मनुष्य अपने अच्छे भण्डार से अच्छी वस्तुएँ निकालता है और बुरा मनुष्य अपने बुरे भण्डार से बुरी वस्तुएँ।
तुम उन्हें अपने बच्चों को सिखाना। जब तुम अपने घर में बैठते हो, अथवा मार्ग पर चलते हो, जब तुम लेटते हो अथवा उठते हो, तब तुम, इन्हीं आज्ञाओं की चर्चा करना।
तू इन्हें अपने बच्चों के हृदय में बैठा देना। जब तू अपने घर में बैठता है, अथवा मार्ग पर चलता है, जब तू लेटता है अथवा उठता है, तब तू इन्हीं की चर्चा करना।
विश्वास के कारण हाबिल ने काइन की अपेक्षा कहीं अधिक श्रेष्ठ बलि चढ़ायी। विश्वास के कारण वह धार्मिक समझा गया, क्योंकि परमेश्वर ने उसका चढ़ावा स्वीकार किया। उसकी मृत्यु हुई; किन्तु विश्वास के कारण वह आज भी बोल रहा है।
जब विश्वास के साक्षी इतनी बड़ी संख्या में हमारे चारों ओर विद्यमान हैं, तो हम हर प्रकार की बाधा दूर कर, और उस पाप को छोड़ कर जो लक्ष्य से सहज ही हमारा ध्यान हटा देता है, और येशु पर अपनी दृष्टि लगा कर धैर्य के साथ उस दौड़ में आगे बढ़ते जायें, जिस में हमारा नाम लिखा गया है।