‘मैं अपने जीवन से तंग आ गया हूँ। मैं निस्संकोच अपनी शिकायत पेश करूंगा। मैं अपने प्राण की पीड़ा व्यक्त करूंगा।
अय्यूब 6:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम शब्दों की बाजीगरी दिखाते हो, तुम सोचते हो कि केवल तुम्हारे शब्द ही सच हैं, और उसके शब्द मात्र हवा हैं, जो निराशा में डूबा है। पवित्र बाइबल क्या तुम मेरी आलोचना करने की योजनाऐं बनाते हो? क्या तुम इससे भी अधिक निराशापूर्ण शब्द बोलोगे? Hindi Holy Bible क्या तुम बातें पकड़ने की कल्पना करते हो? निराश जन की बातें तो वायु की सी हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या तुम बातें पकड़ने की कल्पना करते हो? निराश जन की बातें तो वायु की सी हैं। सरल हिन्दी बाइबल क्या तुम्हारा अभिप्राय मेरे कहने की निंदा करना है, निराश व्यक्ति के उद्गार तो निरर्थक ही होते हैं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या तुम बातें पकड़ने की कल्पना करते हो? निराश जन की बातें तो वायु के समान हैं। |
‘मैं अपने जीवन से तंग आ गया हूँ। मैं निस्संकोच अपनी शिकायत पेश करूंगा। मैं अपने प्राण की पीड़ा व्यक्त करूंगा।
‘क्या बुद्धिमान मनुष्य थोथे ज्ञान के बल पर उत्तर देता है? अथवा पूरवी वायु के सदृश निस्सार और हानिकारक तर्क करता है?
क्या थोथी बातों का कभी अन्त होता है? मेरी कौन-सी बात तुम्हें भड़काती है कि तुम मुझे उत्तर दो?
अय्यूब ने कहा, ‘तू एक मूर्ख स्त्री की तरह बक रही है। क्या हम परमेश्वर के हाथ से केवल सुख ही सुख ग्रहण करें, और दु:ख नहीं?’ अय्यूब पर ये विपत्तियाँ आईं, किन्तु उसने पाप नहीं किया; उसने परमेश्वर को नहीं कोसा।
क्या तू मेरे न्याय को व्यर्थ सिद्ध करेगा? तू स्वयं को निर्दोष ठहराकर मुझे दोषी प्रमाणित करेगा?
तूने कहा था : “वह कौन है जो अज्ञान की बातों से मेरी योजनाओं पर परदा डालता है?” इसलिए जो बातें मैं नहीं समझता हूँ, उनको मैंने कहा; ऐसी अनोखी बातें मैंने कहीं, जिनका अर्थ तक मैं नहीं जानता था।
जब प्रभु अय्यूब से ये बातें कह चुका तब वह तेमान नगर के रहने वाले एलीपज से बोला, ‘मेरा क्रोध तेरे प्रति और तेरे दोनों मित्रों पर भड़क उठा है, क्योंकि तुमने मेरे विषय में सच्चाई को प्रकट नहीं किया, वरन् मेरे सेवक अय्यूब ने मेरी सच्चाई को प्रकट किया है।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के जहर-बुझे तीरों ने मुझे बेधा है, मेरी आत्मा उनका विष-पान कर रही है, परमेश्वर का आतंक मेरे विरुद्ध आक्रमण के लिए पंिक्तबद्ध खड़ा है।
‘मित्र, तुम कब तक ये बातें कहते रहोगे? तुम्हारे मुँह की बातें ऐसी लगती हैं, मानो प्रचण्ड वायु बह रही है!
एफ्रइम हवा को चराता है, और दिन भर पूर्वी हवा का पीछा करता है। वह झूठ और हिंसा की वृद्धि करता है। वह असीरिया देश से सन्धि करता और मिस्र देश को तेल की भेंट चढ़ाता है।
इस प्रकार हम बालक नहीं बने रहेंगे और भ्रम में डालने के उद्देश्य से निर्मित धूर्त्त मनुष्यों के प्रत्येक सिद्धान्त के झोंके से विचलित हो कर बहकाये नहीं जायेंगे।