अय्यूब 6:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सीधे-सादे शब्दों में कितनी शक्ति होती है! किन्तु तुम्हारी डांट-फटकार से क्या लाभ? पवित्र बाइबल सच्चे शब्द सशक्त होते हैं किन्तु तुम्हारे तर्क कुछ भी नहीं सिद्ध करते। Hindi Holy Bible सच्चाई के वचनों में कितना प्रभाव होता है, परन्तु तुम्हारे विवाद से क्या लाभ होता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सच्चाई के वचनों में कितना प्रभाव होता है, परन्तु तुम्हारे विवाद से क्या लाभ होता है? सरल हिन्दी बाइबल सच्चाई में कहे गए उद्गार कितने सुखदायक होते हैं! किंतु आपके विवाद से क्या प्रकट होता है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सच्चाई के वचनों में कितना प्रभाव होता है, परन्तु तुम्हारे विवाद से क्या लाभ होता है? |
मित्रो, तुम अपनी खोखली बातों से मुझे कैसे सांत्वना दोगे? तुम्हारे उत्तरों में झूठ के सिवाय और कुछ नहीं है!’
जो मैंने कहा, क्या वह सच नहीं है? कौन व्यक्ति मुझे झूठा सिद्ध कर सकता है? कौन व्यक्ति मेरी बातों को निस्सार कह सकता है?’
वह अय्यूब के तीनों मित्रों से भी नाराज हुआ; क्योंकि उन्होंने अय्यूब को दोषी तो घोषित किया, पर अपने पक्ष में अय्यूब को उत्तर न दे सके।
तुम्हारे शब्दों ने गिरते हुए मनुष्य को सम्भाला, और कांपते हुए घुटनों को स्थिर किया।
‘मित्रो, मुझे बताओ कि मेरी भूल क्या है। तब मैं चुप रहूंगा; मुझे समझाओ कि मैंने किस बात में गलती की है।
तुम शब्दों की बाजीगरी दिखाते हो, तुम सोचते हो कि केवल तुम्हारे शब्द ही सच हैं, और उसके शब्द मात्र हवा हैं, जो निराशा में डूबा है।
बिना सोच-विचार के बोलनेवाले मनुष्य के शब्द तलवार की तरह बेधते हैं; पर बुद्धिमान की बातें मलहम का काम करती हैं।
समय पर उपयुक्त उत्तर देना मनुष्य को आनन्द प्रदान करता है; अवसर पर कही गई बात कितनी भली होती है।
जीभ के वश में मनुष्य का जीवन और मृत्यु दोनों हैं; और जो मनुष्य अपनी जीभ का प्रयोग जानता है उसको उचित फल प्राप्त होता है।