अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैंने यह कार्य इसलिए किया : मैं सोचता था कि इस स्थान में परमेश्वर का भय किसी को नहीं है। इसलिए वे मुझे मेरी पत्नी के कारण मार डालेंगे।
अय्यूब 6:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘जो व्यक्ति अपने दु:खी मित्र पर करुणा नहीं करता, वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर की भक्ति छोड़ देता है। पवित्र बाइबल “क्योंकि वह जो अपने मित्रों के प्रति निष्ठा दिखाने से इन्कार करता है। वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर का भी अपमान करता है। Hindi Holy Bible जो पड़ोसी पर कृपा नहीं करता वह सर्वशक्तिमान का भय मानना छोड़ देता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “जो पड़ोसी पर कृपा नहीं करता वह सर्वशक्तिमान का भय मानना छोड़ देता है। सरल हिन्दी बाइबल “जो अपने दुःखी मित्र पर करुणा नहीं दिखाता, वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रति श्रद्धा छोड़ देता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “जो पड़ोसी पर कृपा नहीं करता वह सर्वशक्तिमान का भय मानना छोड़ देता है। |
अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मैंने यह कार्य इसलिए किया : मैं सोचता था कि इस स्थान में परमेश्वर का भय किसी को नहीं है। इसलिए वे मुझे मेरी पत्नी के कारण मार डालेंगे।
जब भोज-उत्सव के दिन समाप्त हो जाते, तब अय्यूब सन्देश भेजता और अपने पुत्रों को बुलवाकर उनको शुद्ध करता था। वह उनकी शुद्धि के लिए सबेरे उठता और अपने सात पुत्रों की गिनती के अनुसार, सात अग्नि-बलि चढ़ाता था, क्योंकि अय्यूब सोचता था, ‘यह हो सकता है कि मेरे पुत्रों ने पाप किया हो, और अपने हृदय में ईश-निन्दा की हो।’ अय्यूब प्रत्येक भोज-उत्सव पर हर बार ऐसा ही किया करता था।
मैं अपनी थोथी बातों से तुम्हें बल प्रदान करता, मेरी बनावटी सांत्वना तुम्हारे दर्द को कम करती!
‘ओ मेरे मित्रो, मुझ पर दया करो, मुझ पर दया करो! क्योंकि परमेश्वर ने ही मुझे रोगी बनाया है!
संकट में विश्वासघाती मनुष्य पर भरोसा करना मानो सड़े हुए दांत पर अथवा टूटे हुए पैर पर भरोसा करना है।
‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: “प्रत्येक व्यक्ति अपने जाति-भाई के साथ सच्चाई से न्याय करे, उसके प्रति करुणा और दया का व्यवहार करे।
पर दूसरे कुकर्मी ने उसे डाँट कर कहा, “क्या तुझे परमेश्वर का भी डर नहीं? तू भी तो वही दण्ड भोग रहा है।
यदि एक अंग को पीड़ा होती है, तो उसके साथ सभी अंगों को पीड़ा होती है और यदि एक अंग का सम्मान किया जाता है, तो उसके साथ सभी अंग आनन्द मनाते हैं।
जब कोई दुर्बल है, तो क्या मैं उसकी दुर्बलता से प्रभावित नहीं? जब किसी का पाप में पतन होता है, तो क्या मैं इसका तीखा अनुभव नहीं करता?
आप बन्दियों की इस तरह सुध लेते रहें, मानो आप उनके साथ बन्दी हों और जिन पर अत्याचार किया जाता है, उनको भी स्मरण करें; क्योंकि आप पर भी अत्याचार किया जा सकता है।