अय्यूब 38:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पृथ्वी के सीमान्तों को किसने निश्चित् किया है? डोरी से उसको किसने नापा है? क्या तू यह जानता है? पवित्र बाइबल अय्यूब, इस संसार का विस्तार किसने निश्चित किया था? किसने संसार को नापने के फीते से नापा? Hindi Holy Bible उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसकी नाप किसने ठहराई, क्या तू जानता है! उस पर किसने सूत खींचा? सरल हिन्दी बाइबल यदि तुम्हें मालूम हो! तो मुझे बताओ, किसने पृथ्वी की नाप ठहराई है? अथवा, किसने इसकी माप रेखाएं निश्चित की? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसकी नाप किसने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किसने सूत खींचा? |
फिर भी उनकी आवाज समस्त पृथ्वी पर फैल जाती है, और पृथ्वी के सीमान्त तक उनकी ध्वनि। परमेश्वर ने आकाश के मध्य सूर्य के लिए एक शिविर स्थापित किया है।
उसने उनके सामने से राष्ट्रों को निकाल दिया, एवं भूमि को बांटकर उनकी पैतृक संपत्ति बना दी; उसने इस्राएल के कुलों को उनके शिविरों में बसा दिया।
जब प्रभु ने आकाश की रचना की तब मैं वहां थी; जब उसने गहरे महासागर के ऊपर वितान खींचा था, तब भी मैं उपस्थित थी।
जब उसने सागर की सीमा निर्धारित की, कि जल उसकी आज्ञा का उल्लंघन कर उस सीमा को पार न करे; जब उसने पृथ्वी की नींव के चिह्न लगाए,
धनेशपक्षी और साही उस पर राज्य करेंगे, उल्लू और कौवे उस में निवास करेंगे। प्रभु उसको संभ्रम के माप से नापेगा; वह उसके कुलीनों पर अव्यवस्था का साहुल तानेगा।
अपनी अंजली से किसने महासागर को नापा है? किसने बित्ते से आकाश को नापा है? किसने पृथ्वी की मिट्टी को नाप में भरा है? किसने तराजू से पहाड़ी को तौला है? किसने पहाड़ियों को पलड़ों में रखा है?
वह प्रभु ही है जो पृथ्वी के चक्र के ऊपर विराजमान है। और हम, पृथ्वी के निवासी, मात्र टिड्डियां हैं! प्रभु आकाश को वितान के समान तानता है, उसको तम्बू के समान फैलाता है ताकि मनुष्य उस के नीचे रह सकें।
और हम अन्य दूरवर्त्ती क्षेत्रों में शुभ समाचार का प्रचार करेंगे। इस तरह दूसरों के क्षेत्र में जो कार्य हो चुका है, हमें उस पर गर्व करने की जरूरत नहीं होगी।
वह दुर्बलों को धूल से उठाकर खड़ा करता है, दरिद्रों को राख के ढेर से निकालकर उठाता है। वह उन्हें शासकों के साथ बैठाता है; वह उन्हें सम्मानित आसन का उत्तराधिकारी बनाता है; क्योंकि पृथ्वी के आधार-स्तम्भ प्रभु के ही हैं, इन पर ही उसने जगत को खड़ा किया है।