यदि मैं दुर्जन होऊं तो मुझे धिक्कार है! यदि मैं धार्मिक हूं तो भी मैं अपना सिर उठाने का साहस नहीं कर सकता; क्योंकि मैं अपमान की बाढ़ में डूब चुका हूं, मैं क्षण-क्षण पीड़ा की मार सह रहा हूं!
अय्यूब 35:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुमने पूछा कि “मुझे धार्मिकता से क्या लाभ हुआ? पाप न करने से मेरी दशा बेहतर हो गई?” पवित्र बाइबल अय्यूब, तू परमेश्वर से पूछता है कि ‘हे परमेश्वर, मेरा पाप तुझे कैसे हानि पहुँचाता है? और यदि मैं पाप न करुँ तो कौन सी उत्तम वस्तु मुझको मिल जाती है?’ Hindi Holy Bible जो तू कहता है कि मुझे इस से क्या लाभ? और मुझे पापी होने में और न होने में कौन सा अधिक अन्तर है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो तू कहता है, ‘मुझे इस से क्या लाभ? मुझे पापी होने में और न होने में कौन सा अधिक अन्तर है?’ सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि आप तो यही कहेंगे, ‘आप पर मेरे पाप का क्या प्रभाव पड़ता है, और पाप न करने के द्वारा मैंने क्या प्राप्त किया है?’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो तू कहता है, ‘मुझे इससे क्या लाभ? और मुझे पापी होने में और न होने में कौन सा अधिक अन्तर है?’ |
यदि मैं दुर्जन होऊं तो मुझे धिक्कार है! यदि मैं धार्मिक हूं तो भी मैं अपना सिर उठाने का साहस नहीं कर सकता; क्योंकि मैं अपमान की बाढ़ में डूब चुका हूं, मैं क्षण-क्षण पीड़ा की मार सह रहा हूं!
वे परस्पर यह कहते है: “सर्वशक्तिमान परमेश्वर आखिर है क्या कि हम उसकी सेवा करें? यदि उससे प्रार्थना करें तो हमें क्या लाभ होगा?”
यदि मैं अपने इस समझौते को भंग करूं तो स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर मुझे मेरे हिस्से में क्या देगा; सर्वशक्तिमान परमेश्वर मीरास में मुझे क्या प्रदान करेगा?
“यदि मनुष्य परमेश्वर से प्रसन्न रहता है, तो अपने इस कार्य से मनुष्य को कुछ लाभ नहीं!”
‘ओ मनुष्य पर पहरा देनेवाले, यदि मैं पाप करता हूं, तो इससे तेरा क्या बिगड़ता है? तूने अपने तीर का निशाना मुझे क्यों बनाया है? मैं तेरे लिए क्यों भार बन गया हूं?
तुमने क्या यह नहीं कहा है, “परमेश्वर की सेवा करना व्यर्थ है। हमने उसके आदेशों का पालन किया, हम स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु के सम्मुख शोक-संतप्त चलते रहे। हमें क्या लाभ हुआ?