वह इस्राएल प्रदेश के राजाओं के मार्ग पर चला। जैसा अहाब के राज-परिवार ने किया था वैसा ही उसने भी किया; क्योंकि अहाब की पुत्री उसकी पत्नी थी। जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसने वही किया।
अय्यूब 30:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे मूर्ख और नीच लोगों के वंशज हैं; उन्हें मार-मार कर देश से निकाल दिया गया है। पवित्र बाइबल वे बेकार के लोगों का दल है, जिनके नाम तक नहीं हैं। उनको अपना गाँव छोड़ने को मजबूर किया गया है। Hindi Holy Bible वे मूढ़ों और नीच लोगों के वंश हैं जो मार मार के इस देश से निकाले गए थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे मूढ़ों और नीच लोगों के वंश हैं जो मार मार के इस देश से निकाले गए थे। सरल हिन्दी बाइबल वे मूर्ख एवं अपरिचित थे, जिन्हें कोड़े मार-मार कर देश से खदेड़ दिया गया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे मूर्खों और नीच लोगों के वंश हैं जो मार-मार के इस देश से निकाले गए थे। |
वह इस्राएल प्रदेश के राजाओं के मार्ग पर चला। जैसा अहाब के राज-परिवार ने किया था वैसा ही उसने भी किया; क्योंकि अहाब की पुत्री उसकी पत्नी थी। जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसने वही किया।
जैसा अहाब के राज-परिवार ने किया था वैसा अहज्याह ने किया। वह अहाब के राज-परिवार के मार्ग पर चला; क्योंकि वह अहाब के राज-परिवार का दामाद था। जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसने वही किया।
जैसा अहाब के राज-परिवार ने किया था, वैसा ही अहज्याह ने भी किया। वह अहाब के राज-परिवार के मार्ग पर चला; क्योंकि उसको परामर्श देने वाली उसकी मां थी। अपनी मां के कारण ही उसने दुराचरण किया।
‘अब मैं उन्हीं के बनाए गए व्यंग्य गीतों का पात्र बन गया हूँ। वे मुझ पर ताना मारते हैं।
‘प्रभु, मैं एक तुच्छ मनुष्य हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दे सकता हूँ? मैंने अपने ओंठ सिल लिये हैं।
जिसकी दृष्टि में अधार्मिक मनुष्य तुच्छ है, पर जो प्रभु के भक्तों का आदर करता है, जो हानि उठाकर भी अपने वचन से नहीं फिरता,
किन्तु जब मैं लड़खड़ाकर गिर पड़ा तब वे हर्षित होकर एकत्र हो गए। वे मेरे विरुद्ध एक हो गए। नीच व्यक्ति, जिन्हें मैं जानता ही नहीं, निरन्तर मुझे फाड़ते रहे।
‘ओ अज्ञानियो, कब तक तुम अज्ञान गले लगाए रखोगे? ज्ञान की हंसी उड़ाने वालो, कब तक तुम ज्ञान की हंसी उड़ाते रहोगे? ओ मुर्खो, तुम कब तक ज्ञान से बैर रखोगे?
प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्छ समझते हैं।
जिस मनुष्य में बुद्धि है, उसके पास जीवन का झरना है। पर मूर्ख व्यक्ति की ताड़ना स्वयं उसकी मूर्खता है।
क्योंकि मूर्ख मूर्खता की बातें करता है, उसका हृदय दुष्कर्म की योजना रचता है। उसका हर कार्य धर्महीन होता है, वह प्रभु के विषय में कुतर्क करता है। वह भूखे को भूखा ही रहने देता है। वह प्यासे की प्यास नहीं बुझाता है।
“आकाश की रानी” को वे देवी मानते हैं। उसको रोटी चढ़ाने के लिए पुत्र-पुत्रियां लकड़ी बीनते हैं, पिता चूल्हे में आग सुलगाता है, और मां आटा गूंधती है। वे दूसरे देवताओं को पेय-बलि चढ़ाते हैं। क्या इससे मेरा क्रोध नहीं भड़केगा?
मैं तुझ पर कूड़ा-कर्कट फेंकूंगा; मैं तुझे मूर्ख सिद्ध करूंगा; मैं सबसे तेरी हंसी कराऊंगा।
और अन्यजातियों के हाथ में सौंप देंगे, जिससे वे उसका उपहास करें, उसे कोड़े लगाएँ और क्रूस पर चढ़ाएँ; लेकिन तीसरे दिन वह जीवित हो उठेगा।”
लड़की ने बाहर जा कर अपनी माँ से पूछा, “मैं क्या माँगूं?” उसने कहा, “योहन बपतिस्मादाता का सिर।”