‘प्रभु, तूने ये बातें अपने हृदय में छिपाकर रखी हैं; मैं जानता हूं, तेरा यही उद्देश्य था।
अय्यूब 23:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु वह अपनी बात का पक्का है, उसे कौन मोड़ सकता है? वह अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। पवित्र बाइबल “किन्तु परमेश्वर कभी नहीं बदलता। कोई भी व्यक्ति उसके विरुद्ध खड़ा नहीं रह सकता है। परमेश्वर जो भी चाहता है, करता है। Hindi Holy Bible परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उस से फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उससे फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है। सरल हिन्दी बाइबल “वह तो अप्रतिम है, उनका, कौन हो सकता है विरोधी? वह वही करते हैं, जो उन्हें सर्वोपयुक्त लगता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है, और कौन उसको उससे फिरा सकता है? जो कुछ उसका जी चाहता है वही वह करता है। |
‘प्रभु, तूने ये बातें अपने हृदय में छिपाकर रखी हैं; मैं जानता हूं, तेरा यही उद्देश्य था।
यदि परमेश्वर सामने से गुजर कर किसी को बन्दी बना ले, और न्याय के लिए अदालत में बुलाए तो उसको कौन रोक सकता है?
यदि वह किसी नगर को ध्वस्त कर दे तो कोई भी उसका पुनर्निर्माण नहीं कर सकता। यदि वह किसी को बन्द कर दे तो कौन उसको खोल सकता है?
मैं उसकी आज्ञा का पालान करने से कभी विचलित नहीं हुआ; मैंने उसके वचनों को अपने हृदय में सदा सुरक्षित रखा।
जो कुछ उसने मेरे बारे में निश्चित कर रखा है, वह उसको पूरा भी करेगा। उसके हृदय में ऐसी अनेक बातें हैं।
यदि परमेश्वर चुप रहता है तो उसको कौन दोषी ठहरा सकता है? जब वह अपना मुख छिपा लेता है तब कौन उसका दर्शन पा सकता है, वह चाहे कोई राष्ट्र हो अथवा मनुष्य?
मैं यह जानता हूं कि जो कुछ परमेश्वर करता है, वह सदा बना रहेगा; उसमें न कुछ जोड़ा जा सकता है, और न उससे कुछ घटाया जा सकता है। परमेश्वर ने यह इसलिए किया है ताकि मनुष्य उससे डरे।
मैं आदिकाल से ही अन्त की बातें बताता आया हूं, मैंने प्राचीनकाल में ही भविष्य की घटनाएं घोषित कर दी हैं। मैंने यह कहा है: ‘मेरे संकल्प अटल हैं, मैं अपने समस्त अभिप्रायों को निस्सन्देह पूर्ण करूंगा।’
मैंने पूर्व देश के एक शिकारी पक्षी को बुलाया है; दूर देश से मैंने अपने संकल्प को पूरा करनेवाले को बुलाया है। यह मैं कह चुका हूं; निस्सन्देह मैं यह कार्य सम्पन्न करूंगा; जैसा मेरा अभिप्राय है, वैसा ही मैं करूंगा।
पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
तुम मुझ से कहोगे, “तो, परमेश्वर मनुष्य को क्यों दोष देता है? परमेश्वर की इच्छा का विरोध कौन कर सकता है?”
सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्धकार।