अय्यूब 16:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पहले मैं सुख-चैन से रहता था, पर उसने मुझे तहस-नहस कर दिया। उसने मेरी गर्दन पकड़कर मेरे टुकड़े-टुकड़े कर दिए। उसने मुझे तीर का निशाना बनाया है। पवित्र बाइबल मेरे साथ सब कुछ भला चंगा था किन्तु तभी परमेश्वर ने मुझे कुचल दिया। हाँ, उसने मुझे पकड़ लिया गर्दन से और मेरे चिथड़े चिथड़े कर डाले। परमेश्वर ने मुझको निशाना बना लिया। Hindi Holy Bible मैं सुख से रहता था, और उसने मुझे चूर चूर कर डाला; उसने मेरी गर्दन पकड़ कर मुझे टुकड़े टुकड़े कर दिया; फिर उसने मुझे अपना निशाना बनाकर खड़ा किया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं सुख से रहता था, और उसने मुझे चूर चूर कर डाला; उसने मेरी गर्दन पकड़कर मुझे टुकड़े टुकड़े कर दिया; फिर उसने मुझे अपना निशाना बनाकर खड़ा किया है। सरल हिन्दी बाइबल मैं तो निश्चिंत हो चुका था, किंतु परमेश्वर ने मुझे चूर-चूर कर दिया; उन्होंने मुझे गर्दन से पकड़कर इस रीति से झंझोड़ा, कि मैं चूर-चूर हो बिखर गया; उन्होंने तो मुझे निशाना भी बना दिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं सुख से रहता था, और उसने मुझे चूर चूरकर डाला; उसने मेरी गर्दन पकड़कर मुझे टुकड़े-टुकड़े कर दिया; फिर उसने मुझे अपना निशाना बनाकर खड़ा किया है। |
परमेश्वर ने मुझे अधर्मियों के हाथ में सौंप दिया है; वह दुर्जनों के पंजों में मुझे फंसाता है।
जब उसका दीपक मेरे सिर के ऊपर प्रकाश देता था, और मैं उसकी ज्योति के प्रकाश से अन्धकार में भी चलता था।
न मुझे सुख है, और न शान्ति; मुझे आराम भी नहीं है; हर क्षण मुझ पर दु:ख के बादल मंडराते हैं।’
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के जहर-बुझे तीरों ने मुझे बेधा है, मेरी आत्मा उनका विष-पान कर रही है, परमेश्वर का आतंक मेरे विरुद्ध आक्रमण के लिए पंिक्तबद्ध खड़ा है।
‘ओ मनुष्य पर पहरा देनेवाले, यदि मैं पाप करता हूं, तो इससे तेरा क्या बिगड़ता है? तूने अपने तीर का निशाना मुझे क्यों बनाया है? मैं तेरे लिए क्यों भार बन गया हूं?
क्योंकि वह तूफान से मेरी गर्दन तोड़ता है; अकारण ही मुझ पर प्रहार के बाद प्रहार करता चला जा रहा है।
अन्यथा तूने हमें खण्डहर बना दिया होता, तूने मृत्यु की छाया में हमें आच्छादित किया होता।
जब उन्होंने तुझे हाथ से पकड़ा तो तू टूट गया, और वे गिर पड़े। उनके कन्धे घायल हो गए। जब वे तुझ से टिके, तब तू टूट गया। अत: उनकी कमर की सब नसें चढ़ गईं।
“[जो इस पत्थर पर गिरेगा, वह चूर-चूर हो जाएगा और जिस पर यह पत्थर गिरेगा, उस को पीस डालेगा।]”
जिन्होंने मेरे प्राण बचाने के लिए अपना सिर दाँव पर रख दिया। मैं ही नहीं, बल्कि गैर-यहूदियों की सब कलीसियाएँ उनका आभार मानती हैं।