जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
अय्यूब 15:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे भोजन के लिए इधर-उधर भटकता है, और पूछता है, “रोटी कहाँ मिलेगी?” उसे अनुभव होता है, कि विनाश का दिन समीप आ गया है। पवित्र बाइबल वह इधर—उधर भटकता हुआ फिरता है किन्तु उसकी देह गिद्धों का भोजन बनेगी। उसको यह पता है कि उसकी मृत्य़ु बहुत निकट है। Hindi Holy Bible वह रोटी के लिये मारा मारा फिरता है, कि कहां मिलेगी। उसे निश्चय रहता है, कि अन्धकार का दिन मेरे पास ही है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह रोटी के लिये मारा मारा फिरता है, कि कहाँ मिलेगी। उसे निश्चय रहता है कि अन्धकार का दिन मेरे पास ही है। सरल हिन्दी बाइबल वह भोजन की खोज में इधर-उधर भटकता रहता है, यह मालूम करते हुए, ‘कहीं कुछ खाने योग्य वस्तु है?’ उसे यह मालूम है कि अंधकार का दिवस पास है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह रोटी के लिये मारा-मारा फिरता है, कि कहाँ मिलेगी? उसे निश्चय रहता है, कि अंधकार का दिन मेरे पास ही है। |
जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
उसे विश्वास नहीं होता कि वह घोर अन्धकार से बच निकलेगा; उसके सिर पर तलवार लटकती रहती है!
विपदाएँ और संकट उसे भयभीत करते हैं, युद्ध के लिए तैयार राजा की तरह वे उसको दबोच लेते हैं।
वह विनाश के अन्धकार से नहीं बच सकेगा; लपटें उसकी टहनियों को झुलसा देंगी; हवा उसकी कलियों को बिखेर देगी।
मैं तेरे सामर्थ्य के गीत गाऊंगा; प्रात: मैं तेरी करुणा का जयजयकार करूंगा, क्योंकि तू मेरे लिए सुदृढ़ गढ़ था; मेरे संकट के लिए तू शरण-स्थल था।
प्रभु धार्मिक मनुष्य को भूखा मरने नहीं देता; पर वह दुर्जन की लालसा पर पानी फेर देता है।
प्रभु ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्सन्देह दु:ख भोगेगा!
यदि मनुष्य अनेक वर्षों तक जीवित रहता है तो उसे चाहिए कि वह अपनी आयु के सब वर्षों में जीवन का आनन्द ले, किन्तु वह स्मरण रखे कि अन्धकार के दिन भी कम नहीं होंगे। अत: जो कुछ होता है, वह व्यर्थ है।
भोजन-वस्तु प्राप्त करने के लिए हम अपने प्राण संकट में डालते हैं, क्योंकि निर्जन प्रदेश में लुटेरों की तलवार का डर है।
वह अंधकार का, घोर अंधकार का दिन है। उस दिन बादल छा जाएंगे, और सघन अंधकार फैल जाएगा। गहन कालिमा के सदृश शक्तिशाली असंख्य टिड्डी-सेना पहाड़ी पर बिछी है। ऐसी सेना प्राचीनकाल में न हुई थी, और न इसके पश्चात् आगामी पीढ़ियों में कभी होगी।
निस्सन्देह प्रभु का दिन अंधकारमय है, ज्योतिर्मय नहीं। घोर अंधकार, जिसमें तिलमात्र भी प्रकाश नहीं!
वह दिन प्रकोप का दिन है। वह संकट और दु:ख का दिन है। वह विध्वंस और विनाश का दिन है। वह अंधकार और तिमिर का दिन है। वह सघन मेघों और घोर अंधकार का दिन है।
एक भयानक आशंका ही शेष रह जाती है−न्याय की, और एक भीषण अग्नि की, जो विद्रोहियों को निगल जाना चाहती है।