अय्यूब 14:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वैसे ही मनुष्य भूमि पर लेटने के बाद फिर नहीं उठता; जब तक आकाश का अन्त न होगा, वह नहीं जागेगा; वह अपनी चिरनिद्रा से नहीं उठेगा। पवित्र बाइबल उसी तरह जब कोई व्यक्ति मर जाता है वह नीचे लेट जाता है और वह महानिद्रा से फिर खड़ा नहीं होता। वैसे ही वह व्यक्ति जो प्राण त्यागता है कभी खड़ा नहीं होता अथवा चिर निद्रा नहीं त्यागता जब तक आकाश विलुप्त नहीं होंगे। Hindi Holy Bible वैसे ही मनुष्य लेट जाता और फिर नहीं उठता; जब तक आकाश बना रहेगा तब तक वह न जागेगा, और न उसकी नींद टूटेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वैसे ही मनुष्य लेट जाता और फिर नहीं उठता; जब तक आकाश बना रहेगा तब तक वह न जागेगा, और न उसकी नींद टूटेगी। सरल हिन्दी बाइबल उसी प्रकार मनुष्य, मृत्यु में पड़ा हुआ लेटा रह जाता है; आकाश के अस्तित्वहीन होने तक उसकी स्थिति यही रहेगी, उसे इस गहरी नींद से जगाया जाना असंभव है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वैसे ही मनुष्य लेट जाता और फिर नहीं उठता; जब तक आकाश बना रहेगा तब तक वह न जागेगा, और न उसकी नींद टूटेगी। |
हां, मैं जानता हूं कि तू मुझे मृत्यु के हाथ में सौंप देगा; तू मुझे उस घर में भेज देगा, जो सब प्राणियों के लिए निश्चित् किया गया है।
क्या यह तेरा धर्म नहीं है कि तू मेरे अपराध को क्षमा करे, मेरे अधर्म को दूर करे? मैं शीघ्र ही कबर में सो जाऊंगा; तू मुझे ढूंढ़ेगा, पर मैं तुझे नहीं मिलूंगा!’
जैसे बादल छटकर लुप्त हो जाता है वैसे ही अधोलोक में जानेवाला मृतक मिट जाता है, वह पृथ्वी पर वापस नहीं आता।
सब नष्ट हो जाएंगे, परन्तु तू अटल है; वे वस्त्र के सदृश जीर्ण हो जाएंगे। तू उनको वस्त्र की भाँति बदल देता है,
तू मनुष्यों को बहा ले जाता है; वे मानो स्वप्न हैं, वे घास के सदृश हैं जो प्रात: काल लहलहाती है:
यदि मनुष्य अनेक वर्षों तक जीवित रहता है तो उसे चाहिए कि वह अपनी आयु के सब वर्षों में जीवन का आनन्द ले, किन्तु वह स्मरण रखे कि अन्धकार के दिन भी कम नहीं होंगे। अत: जो कुछ होता है, वह व्यर्थ है।
थोड़ी-सी ऊंचाई चढ़ने में तुझे डर लगेगा। गली-कूचों से तू आतंकित होगा। बादाम के वृक्ष में पंखुड़ियाँ खिलेंगी। टिड्ड़ी भी रेंगकर चलने लगेगी। पर तेरी अभिलाषाएँ मर जाएंगी, और तू अपने शाश्वत निवास स्थान को प्रस्थान करेगा। भाड़े के रोने-पीटनेवाले लोग गली-कूचों को घेर लेंगे।
ओ इस्राएली राष्ट्र, तेरे मृतक जीवित होंगे, उनका मृत शरीर लाशों के मध्य से उठेगा। ओ मिट्टी में दफनाए गए मृत लोगो, जागो, और जयजयकार करो! प्रभु, तेरी यह ओस ज्योतिर्मय ओस है। तू उसको मृत-लोक पर बरसाएगा, और मृतक जीवित हो जाएंगे!
अपनी आंखें आकाश की ओर उठाओ, पृथ्वी पर दृष्टि डालो। धुएँ के समान आकाश लुप्त हो जाएगा, पृथ्वी वस्त्र के सदृश जीर्ण-शीर्ण हो जाएगी; उस पर निवास करनेवाले कीड़े-मकोड़ों के समान नष्ट हो जाएंगे, किन्तु मेरा उद्धार सदा विद्यमान रहेगा मेरे मुक्ति-कार्य का कभी अन्त न होगा।
‘देखो, मैं नया आकाश और नयी पृथ्वी बनाने जा रहा हूं। अतीत की बातें भुला दी जाएंगी, वे मन में भी नहीं आएंगी।
प्रभु यह कहता है; ‘जिस प्रकार नया आकाश और नई पृथ्वी, जो मैं बनानेवाला हूं, मेरे सम्मुख स्थिर रहेंगे, उसी प्रकार तुम्हारे वंशज और तुम्हारा नाम स्थिर रहेंगे।
जो भूमि के नीचे कबर में सोए हुए हैं, उनमें से अनेक जाग उठेंगे : कुछ को शाश्वत जीवन प्राप्त होगा, कुछ को अपमान और स्थायी घृणा का पात्र बनना होगा।
यह आवश्यक है कि वह उस समय तक स्वर्ग में रहें, जब तक उन समस्त वस्तुओं की पुन: स्थापना न हो जाए, जिनके विषय में परमेश्वर प्राचीन काल से अपने पवित्र नबियों के मुख से बोला है।
यह सृष्टि तो इस संसार की असारता के अधीन हो गयी है—अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि उसकी इच्छा से, जिसने उसे अधीन बनाया है—किन्तु यह आशा भी बनी रही
ज्योति जिसे आलोकित करती है, वह स्वयं ज्योति बन जाता है। इसलिए कहा गया है : “हे सोने वाले, जाग! मृतकों में से जी उठ और मसीह तुम को आलोकित करेंगे।”
परमेश्वर के शब्द ने वर्तमान आकाश और पृथ्वी को आग के लिए रख छोड़ा है। उन्हें न्याय-दिवस तक के लिए रख छोड़ा गया है। उस दिन विधर्मी मनुष्यों का विनाश किया जायेगा।
इसके बाद मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्ति को देखा। पृथ्वी और आकाश उसके सामने लुप्त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।
तब मैंने एक नया आकाश और एक नयी पृथ्वी देखी। पुराना आकाश तथा पुरानी पृथ्वी, दोनो लुप्त हो गये थे और समुद्र भी नहीं रह गया था।