वह विश्वास योग्य पुरुषों से बोलने की शक्ति हर लेता है; वह धर्मवृद्धों को विवेक से वंचित कर देता है।
अय्यूब 12:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह लोकनायकों की बुद्धि छीन लेता है, और उन्हें पथहीन उजाड़-खण्डों में इधर- उधर भटकाता है। पवित्र बाइबल परमेश्वर धरती के प्रमुखों को मूर्ख बना देता है, और उन्हें नासमझ बना देता है। वह उनको मरुभूमि में जहाँ कोई राह नहीं भटकने को भेज देता है। Hindi Holy Bible वह पृथ्वी के मुख्य लोगों की बुद्धि उड़ा देता, और उन को निर्जन स्थानों में जहां रास्ता नहीं है, भटकाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह पृथ्वी के मुख्य लोगों की बुद्धि उड़ा देता, और उनको निर्जन स्थानों में, जहाँ रास्ता नहीं है, भटकाता है। सरल हिन्दी बाइबल वह विश्व के शासकों की बुद्धि शून्य कर देते हैं तथा उन्हें रेगिस्तान प्रदेश में दिशाहीन भटकने के लिए छोड़ देते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह पृथ्वी के मुख्य लोगों की बुद्धि उड़ा देता, और उनको निर्जन स्थानों में जहाँ रास्ता नहीं है, भटकाता है। |
वह विश्वास योग्य पुरुषों से बोलने की शक्ति हर लेता है; वह धर्मवृद्धों को विवेक से वंचित कर देता है।
तूने मेरे मित्रों का दिमाग कुन्द कर दिया है; इस कारण तू उनको मुझ पर प्रबल न होने देगा।
कुछ निर्जन प्रदेश में, उजाड़ खण्ड में भटक रहे थे, उन्हें बस्ती का मार्ग नहीं मिला था।
तब प्रभु शासकों पर पराजय के अपमान की वर्षा करता है, और उन्हें मार्गहीन उजाड़ खण्ड में भटकाता है।
उनके मुंह के पाप, उनके ओंठों के शब्दों के कारण वे स्वयं अपने अहंकार में फंस जाएं। शाप देने और झूठ बोलने के कारण
मिस्र देश के विरुद्ध नबूवत: प्रभु एक तीव्रगामी मेघ पर सवार हो मिस्र देश आ रहा है। उसके सम्मुख मिस्र देश के देवताओं की मूर्तियाँ थर्रा उठेंगी। मिस्र के निवासियों का हृदय डूब जाएगा।
उसकी पत्तियां दिखने में सुन्दर थीं और वह फलों से लदा था। उसमें इतने फल थे कि सब प्राणी उनको खाकर तृप्त हो सकते थे। उसकी छांव में सब वन-पशु बसेरा कर रहे थे। उसकी शाखाओं पर आकाश के पक्षियों ने घोंसले बना लिए थे। पृथ्वी के प्राणी उसका फल खाकर अपना भरण-पोषण करते थे।
‘जब मैं पलंग पर लेटा हुआ अपने मन में यह दर्शन देख रहा था, तब मैंने दर्शन में एक प्रहरी को देखा। वह पवित्र दूत था, जो स्वर्ग से नीचे उतरा।
उसका हृदय बदल जाए! उसको मनुष्य के हृदय के बदले पशु का हृदय मिले। वह सात वर्ष तक इसी दशा में रहे।’
“तत्काल ही यह वाणी मुझ पर पूर्ण हुई। मैं मनुष्य-समाज के बीच से निकाल दिया गया। मैंने बैल के समान घास खाई। मेरा शरीर आकाश की ओस की बूंदों से भीगा। मेरे बाल गरुड़ के पैरों के समान लम्बे-लम्बे बढ़ गए। मेरे नाखून चिड़ियों के चंगुलों के समान बड़े-बड़े हो गए।
एफ्रइम मूर्ख और नासमझ कबूतर है; वह सहायता के लिए पुकारता तो है मिस्र देश को, पर जाता है असीरिया देश के पास!