यदि तू भलाई करे तो क्या मैं तुझे ग्रहण न करूंगा? किन्तु यदि तू भलाई न करे तो देख, तेरे द्वार पर पाप खड़ा है। वह तेरी कामना कर रहा है। तू उसको अपने वश में कर।’
अय्यूब 11:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब तुम निस्सन्देह, निष्कलंक होकर अपना मुख परमेश्वर की ओर उठा सकोगे! तुम सुरक्षित रहोगे, और तुम्हें किसी बात का डर न होगा। पवित्र बाइबल तभी तू निश्चय ही बिना किसी लज्जा के आँख ऊपर उठा कर परमेश्वर को देख सकता है। तू दृढ़ता से खड़ा रहेगा और नहीं डरेगा। Hindi Holy Bible तब तो तू निश्चय अपना मुंह निष्कलंक दिखा सकेगा; और तू स्थिर हो कर कभी न डरेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब तो तू निश्चय अपना मुँह निष्कलंक दिखा सकेगा; और तू स्थिर होकर कभी न डरेगा। सरल हिन्दी बाइबल तो तुम निःसंकोच अपना सिर ऊंचा कर सकोगे तथा तुम निर्भय हो स्थिर खड़े रह सकोगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब तो तू निश्चय अपना मुँह निष्कलंक दिखा सकेगा; और तू स्थिर होकर कभी न डरेगा। |
यदि तू भलाई करे तो क्या मैं तुझे ग्रहण न करूंगा? किन्तु यदि तू भलाई न करे तो देख, तेरे द्वार पर पाप खड़ा है। वह तेरी कामना कर रहा है। तू उसको अपने वश में कर।’
यदि मैं दुर्जन होऊं तो मुझे धिक्कार है! यदि मैं धार्मिक हूं तो भी मैं अपना सिर उठाने का साहस नहीं कर सकता; क्योंकि मैं अपमान की बाढ़ में डूब चुका हूं, मैं क्षण-क्षण पीड़ा की मार सह रहा हूं!
तब तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर में आनन्दित होगे; तुम निष्कलंक होकर अपना मुख परमेश्वर की ओर उठा सकोगे।
प्रभु मेरी ज्योति और मेरा सहायक है; तब मैं किससे डरूँ? प्रभु मेरा जीवन-रक्षक है; तब मैं क्यों भयभीत होऊं?
यद्यपि सेना ने मुझे घेरा है, तोभी मेरा हृदय आतंकित न होगा; यद्यपि मेरे विरुद्ध युद्ध छिड़ा है; फिर भी मैं आश्वस्त रहूँगा।
प्रभु की भक्ति करने से मनुष्य में सुदृढ़ आत्म-विश्वास जागता है; प्रभु के भक्त की सन्तान कभी निराश्रित नहीं होगी।
जब कोई पीछा भी नहीं करता तब भी दुर्जन डर से भागता है; पर धार्मिक मनुष्य सिंह के समान साहसी होता है, और वह निर्भयता से शत्रु का सामना करता है।
हमें एक बात का गर्व है-हमारा अन्त:करण हमें विश्वास दिलाता है कि हमने मनुष्यों के साथ और विशेष कर आप लोगों के साथ जो व्यवहार किया है, वह संसार की बुद्धिमानी के अनुसार नहीं, बल्कि उस सच्चाई और ईमानदारी के अनुसार था जो परमेश्वर की कृपा का वरदान है।
मैं चाहता हूँ कि सब जगह पुरुष, बैर तथा विवाद छोड़कर, श्रद्धापूर्वक हाथ ऊपर उठा कर प्रार्थना करें।
बच्चो! अब तुम उन में बने रहो, जिससे जब वह प्रकट हों, तो हमें पूरा भरोसा हो और उनके आगमन पर उनके सामने हमें लज्जित न होना पड़े।