तत्पश्चात् दाऊद ने शाऊल के पुत्र ईशबोशेत को दूतों के हाथ यह सन्देश भेजा, ‘मेरी पत्नी मीकल मुझे लौटा दीजिए। मैंने उसे सौ पलिश्ती सैनिकों के लिंग की खलड़ी के बदले में प्राप्त किया था।’
2 शमूएल 6:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब प्रभु की मंजूषा ने दाऊदपुर में प्रवेश किया, तब शाऊल की पुत्री मीकल ने खिड़की से झांका। उसने देखा कि राजा दाऊद प्रभु के सम्मुख उछल-कूद रहा है, नाच रहा है। उसने अपने हृदय में दाऊद का तिरस्कार किया। पवित्र बाइबल शाऊल की पुत्री मीकल खिड़की से देख रही थी। जब यहोवा का पवित्र सन्दूक नगर में आया तो दाऊद यहोवा के सामने नाच—कूद कर रहा था। मीकल ने यह देखा और वह दाऊद पर गुस्सा हो गई। उसने सोचा कि वह अपने आप को मूर्ख सिद्ध कर रहा है। Hindi Holy Bible जब यहोवा का सन्दूक दाऊदपुर में आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झांककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब यहोवा का सन्दूक दाऊदपुर में आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झाँककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना। सरल हिन्दी बाइबल जब याहवेह का संदूक दावीद राजा के नगर में प्रवेश हो रहा था, शाऊल की पुत्री मीखल ने खिड़की के बाहर दृष्टि की, तो यह देखा कि राजा दावीद याहवेह के सामने उछलते हुए नाच रहे थे. यह देख उसका हृदय दावीद के प्रति घृणा से भर गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब यहोवा का सन्दूक दाऊदपुर में आ रहा था, तब शाऊल की बेटी मीकल ने खिड़की में से झाँककर दाऊद राजा को यहोवा के सम्मुख नाचते कूदते देखा, और उसे मन ही मन तुच्छ जाना। |
तत्पश्चात् दाऊद ने शाऊल के पुत्र ईशबोशेत को दूतों के हाथ यह सन्देश भेजा, ‘मेरी पत्नी मीकल मुझे लौटा दीजिए। मैंने उसे सौ पलिश्ती सैनिकों के लिंग की खलड़ी के बदले में प्राप्त किया था।’
इस प्रकार दाऊद और इस्राएल के सब कुलों के लोग जय-जयकार करते और नरसिंघा फूंकते हुए प्रभु की मंजूषा ले आए।
दाऊद अपने परिवार को आशिष देने के लिए महल को लौटा। शाऊल की पुत्री मीकल उससे भेंट करने के लिए महल से बाहर निकली। उसने कहा, ‘आज इस्राएल देश के महाराज ने स्वयं को कितना सम्मानित किया! जैसे गंवार व्यक्ति निर्लज्ज होकर अपने को नंगा करता है, वैसे ही आपने अपने सेवकों की दासियों के सामने स्वयं को नंगा किया!’
जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने दाऊदपुर में प्रवेश किया, तब शाऊल की पुत्री मीकल ने खिड़की से झांका। उसने देखा कि राजा दाऊद प्रभु के सम्मुख उछल-कूद रहा है, नाच रहा है। उसने अपने हृदय में दाऊद का तिरस्कार किया।
लोगों ने उससे घृणा की; उन्होंने उसको त्याग दिया। वह दु:खी मनुष्य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्य नहीं जाना।
प्राकृत मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की शिक्षा स्वीकार नहीं करता। वह उसे मूर्खता मानता और उसे समझने में असमर्थ है, क्योंकि आत्मा की सहायता से ही उस शिक्षा की परख हो सकती है।
एक दिन शाऊल ने दाऊद से कहा, ‘देखो, यह मेरी बड़ी पुत्री मेरब है। मैं इसका विवाह तुम्हारे साथ कर दूंगा। पर शर्त यह है कि तुम्हें मेरे लिए शौर्य का प्रदर्शन करना होगा कि तुम शूरवीर हो। तुम्हें प्रभु के युद्ध लड़ने होंगे।’ शाऊल हृदय में यह कहता था, ‘अच्छा हो कि दाऊद पलिश्तियों के हाथ से मारा जाए, मेरे हाथ से नहीं।’
शाऊल की दूसरी पुत्री मीकल दाऊद से प्रेम करने लगी। लोगों ने यह बात शाऊल को बताई। उसे अपनी दृष्टि में यह बात उचित प्रतीत हुई।