2 शमूएल 23:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर अधम व्यक्ति उन निकम्मी कंटीली झाड़ियों के समान हैं, जिन्हें हाथों से एकत्र नहीं कर सकते। पवित्र बाइबल “किन्तु सभी बुरे व्यक्ति काँटों की तरह हैं। लोग काँटों को धारण नहीं करते, वे उन्हें दूर फेंक देते हैं। Hindi Holy Bible परन्तु ओछे लोग सब के सब निकम्मी झाड़ियों के समान हैं जो हाथ से पकड़ी नहीं जातीं; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु ओछे लोग सब के सब निकम्मी झाड़ियों के समान हैं जो हाथ से पकड़ी नहीं जातीं; सरल हिन्दी बाइबल निकम्मे व्यक्ति फेंक दी गई कंटीली झाड़ियों के समान हैं, उन्हें हाथों से इकट्ठा नहीं किया जा सकता; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु ओछे लोग सब के सब निकम्मी झाड़ियों के समान हैं जो हाथ से पकड़ी नहीं जातीं; |
संयोग से वहाँ एक गुण्डा था। उसका नाम शेबा था। वह बिकरी नामक मनुष्य का पुत्र था। वह बिन्यामिन कुल का था। शेबा ने विद्रोह का नरसिंगा फूंका। उसने कहा : ‘दाऊद के राज्य में हमारा कोई भाग नहीं; यिशय के पुत्र की सत्ता में हमारा पैतृक अधिकार नहीं। ओ इस्राएल प्रदेश की जनता, अपने घर लौट चल!’
‘जैसे झाड़-झंखाड़ों में सोसन खिलता है, वैसे ही मेरी प्रियतमा कन्याओं के मध्य सुशोभित है।’
मुझ में अब कोप नहीं रहा। यदि मैं कंटीले झाड़-झंखाड़ पाऊंगा, तो मैं उसके विरुद्ध युद्ध छेड़ दूंगा, मैं उन-सब को भस्म कर दूंगा।
कौमें जले हुए चूने के सदृश राख का ढेर बन जाएंगी, जैसे कांटों को काटकर आग में झोंक देते हैं, वैसे ही राष्ट्र आग में झोंक दिए जाएंगे।”
और तू, मानव, उनसे मत डरना, और न उनके कठोर शब्दों से घबराना, चाहे तेरे आसपास कांटे, ऊंटकंटारे हों और चाहे तुझे बिच्छुओं के बीच रहना पड़े। तू उनकी बातों से मत डरना, और न उनकी तीखी दृष्टि से हताश होना; क्योंकि वे विद्रोही कुल की सन्तान हैं।
उनकी अच्छाई का अर्थ है−कंटीली झाड़ी! उनकी ईमानदारी का मतलब है−कांटे! उनके प्रहरियों द्वारा सूचित दिन, उनके दण्ड का दिन समीप आ गया। अब आतंक उनके निकट है।
मानव-पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा और वे उसके राज्य के सब बाधक तत्वों और कुकर्मियों को एकत्र कर
कि तेरे मध्य से ही अधम पुरुष निकले हैं; और उन्होंने यह कहकर नगर-वासियों को पथ-भ्रष्ट किया है, “आओ, हम चलें और दूसरे देवताओं की पूजा करें,” जिन्हें तू नहीं जानता था,
अब इस बात को समझिए, और देखिए कि क्या करना चाहिए। दाऊद और उनके सैनिक हमारे स्वामी और हमारे समस्त परिवार का अनिष्ट करने का निश्चय कर चुके हैं। उधर हमारे स्वामी का स्वभाव ऐसा है कि कोई उनसे बात भी नहीं कर सकता।’