ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




2 शमूएल 21:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

गिबओनी लोगों ने कहा, ‘यह हमारे और शाऊल तथा उनके परिवार के मध्‍य सोना अथवा चाँदी का प्रश्‍न नहीं है। हम इस्राएली जाति के किसी व्यक्‍ति का वध भी नहीं चाहते हैं।’ दाऊद ने फिर पूछा, ‘तब तुम मुझसे क्‍या कहते हो? मैं तुम्‍हारे लिए क्‍या करूँ?’

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

गिबोनी ने दाऊद से कहा, “शाऊल और उसके परिवार के पास इतना सोना—चाँदी नहीं है कि वे उसके बदले उसे दे सकें जो उन्होंने काम किये। किन्तु हम लोगों के पास इस्राएल के किसी व्यक्ति को भी मारने का अधिकार नहीं है।” दाऊद ने पूछा, “किन्तु मैं तुम्हारे लिये क्या कर सकता हूँ?”

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

गिबोनियों ने उस से कहा, हमारे और शाऊल वा उसके घराने के मध्य रुपये पैसे का कुछ झगड़ा नहीं; और न हमारा काम है कि किसी इस्राएली को मार डालें। उसने कहा, जो कुछ तुम कहो, वही मैं तुम्हारे लिये करूंगा।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

गिबोनियों ने उससे कहा, “हमारे और शाऊल या उसके घराने के मध्य रुपये पैसे का कोई झगड़ा नहीं; और न हमारा काम है कि किसी इस्राएली को मार डालें।” उसने कहा, “जो कुछ तुम कहो, वही मैं तुम्हारे लिये करूँगा।”

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

यह सुन गिबियोनवासियों ने उत्तर दिया, “शाऊल के परिवार से हमें न तो स्वर्ण की अपेक्षा है, न चांदी की, न ही हमारी इच्छा यह है कि इस्राएल के किसी भी व्यक्ति की हत्या करें.” राजा ने उन्हें आश्वासन दिया, “मैं तुम्हारे लिए जो कुछ तुम चाहो, करने के लिए तैयार हूं.”

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

गिबोनियों ने उससे कहा, “हमारे और शाऊल या उसके घराने के मध्य रुपये पैसे का कुछ झगड़ा नहीं; और न हमारा काम है कि किसी इस्राएली को मार डालें।” उसने कहा, “जो कुछ तुम कहो, वही मैं तुम्हारे लिये करूँगा।”

अध्याय देखें



2 शमूएल 21:4
5 क्रॉस रेफरेंस  

लाबान ने कहा, ‘मैं क्‍या दूँ?’ याकूब ने उत्तर दिया, ‘आप मुझे कुछ मत दीजिए। यदि आप मेरा एक कार्य करें तो मैं आपकी भेड़-बकरियों को चराऊंगा, और उनकी देख-भाल करूँगा :


तुम हत्‍यारे से, जिसको मृत्‍यु-दण्‍ड सुनाया गया है, उसके प्राण के विमोचन के हेतु उद्धार का शुल्‍क नहीं लेना। उसे निश्‍चय ही मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाएगा।


तुम उस व्यक्‍ति से भी उद्धार का शुल्‍क मत लेना, जिसने शरण-नगर में भाग कर शरण ली है, और जो महापुरोहित की मृत्‍यु के पूर्व ही अपनी भूमि को लौटकर वहाँ निवास करना चाहता है।