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2 शमूएल 20:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

योआब ने उत्तर दिया, ‘प्रभु क्षमा करे कि मैं ऐसा कार्य करूँ! मैं इस नगर को नष्‍ट करूं और प्रभु की मीरास को निगलूँ।

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पवित्र बाइबल

योआब ने कहा, “नहीं, मैं कुछ भी नष्ट नहीं करना चाहता!

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Hindi Holy Bible

योआब ने उत्तर देकर कहा, यह मुझ से दूर हो, दूर, कि मैं निगल जाऊं वा नाश करूं!

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

योआब ने उत्तर देकर कहा, “यह मुझ से दूर हो दूर, कि मैं निगल जाऊँ या नष्‍ट करूँ!

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सरल हिन्दी बाइबल

योआब ने उत्तर दिया, “मैं ऐसा कभी भी नहीं करूंगा कि यह नगर नष्ट किया जाए!

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

योआब ने उत्तर देकर कहा, “यह मुझसे दूर हो, दूर, कि मैं निगल जाऊँ या नष्ट करूँ!

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2 शमूएल 20:20
9 क्रॉस रेफरेंस  

अमासा ने उस तलवार पर ध्‍यान नहीं दिया जो योआब के बाएँ हाथ में थी। योआब ने तलवार को उसके पेट में भोंक दिया। उसकी अंतड़ियाँ बाहर निकलकर भूमि पर गिर पड़ीं। उस पर दूसरी बार प्रहार करने की आवश्‍यकता नहीं हुई। अमासा तत्‍काल मर गया। योआब अपने भाई अबीशय के साथ बिकरी के पुत्र शेबा का पीछा करने के लिए आगे बढ़ा।


हम इस्राएल प्रदेश के शान्‍तिप्रिय और विश्‍वसनीय लोग हैं। आप हमारे इस नगर को, जो इस्राएल प्रदेश का महानगर है, नष्‍ट करने का प्रयत्‍न कर रहे हैं। आप प्रभु की मीरास को क्‍यों निगलना चाहते हैं?’


बात ऐसी नहीं है। एफ्रइम पहाड़ी इलाके का एक मनुष्‍य है। उसका नाम शेबा बेन-बिकरी है। उसने राजा दाऊद से विद्रोह किया है। तुम लोग उसको मेरे हाथ में सौंप दो तब मैं नगर से लौट जाऊंगा।’ स्‍त्री ने योआब से कहा, ‘उसका सिर परकोटा से आपके पास फेंक दिया जाएगा।’


उसने कहा, ‘प्रभु मुझसे यह कार्य कदापि न कराए। यह उन मनुष्‍यों का रक्‍त है जो अपने प्राण को हथेली पर रखकर गए थे।’ अत: उसने उस पानी को नहीं पिया। उन तीन महायोद्धाओं ने ऐसे ही कार्य किए थे।


देखो, दुर्जनों की सुख-समृद्धि उनके ही हाथ में रहती है दुर्जनों के ये विचार मुझसे दूर ही रहें।


तो भी परमेश्‍वर ने उनके घर को सुख-समृद्धि से भर दिया! दुर्जनों के ये विचार मुझसे दूर ही रहें!


जो मनुष्‍य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्‍तु अपने अपराध को स्‍वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्‍य पर परमेश्‍वर दया करता है।


‘मनुष्‍य का हृदय छल-कपट से भरा होता है, निस्‍सन्‍देह वह सब से अधिक भ्रष्‍ट होता है। मनुष्‍य के हृदय को कौन समझ सकता है?


इस पर व्‍यवस्‍था के आचार्य ने अपने प्रश्‍न की सार्थकता दिखलाने के लिए येशु से पूछा, “लेकिन मेरा पड़ोसी कौन है?”