उन्होंने फिर कहा, ‘आओ, हम अपने लिए एक नगर और ऐसी एक मीनार बनाएँ जिसका शिखर आकाश को स्पर्श करे। इस प्रकार हम नाम कमा लें। ऐसा न हो कि हमें समस्त पृथ्वी पर तितर-बितर होना पड़े।’
2 शमूएल 18:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब अबशालोम जीवित था तब उसने अपने लिए एक स्तम्भ खड़ा कराया था। यह स्तम्भ राजघाटी में है। अबशालोम का यह विचार था, ‘मेरे नाम को जीवित करने वाला मेरा कोई पुत्र नहीं है।’ अत: उसने स्तम्भ का नाम अपने नाम पर रखा। आज तक उसको ‘अबशालोम का स्तम्भ’ कहते हैं। पवित्र बाइबल जब अबशालोम जीवित था, उसने राजा की घाटी में एक स्तम्भ खड़ा किया था। अबशालोम ने कहा, था, “मेरा कोई पुत्र मेरे नाम को चलाने वाला नहीं है।” इसलिये उसने स्तम्भ को अपना नाम दिया। वह स्तम्भ आज भी “अबशालोम का स्मृति—चिन्ह” कहा जाता है। Hindi Holy Bible अपने जीते जी अबशालोम ने यह सोचकर कि मेरे नाम का स्मरण कराने वाला कोई पुत्र मेरे नहीं है, अपने लिये वह लाठ खड़ी कराई थी जो राजा की तराई में है; और लाठ का अपना ही नाम रखा, जो आज के दिन तक अबशालोम की लाठ कहलाती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अपने जीते जी अबशालोम ने यह सोचकर कि मेरे नाम का स्मरण करानेवाला कोई पुत्र मेरे नहीं है, अपने लिये वह लाठ खड़ी कराई थी जो राजा की तराई में है; और लाठ का अपना ही नाम रखा, जो आज के दिन तक अबशालोम की लाठ कहलाती है। सरल हिन्दी बाइबल जब अबशालोम जीवित ही था, उसने राजा की घाटी नामक स्थान पर अपने लिए एक स्मारक खंभा बनवा दिया था. उसका विचार था, “मेरे नाम की याद स्थायी रखने के लिए, क्योंकि मेरे कोई पुत्र नहीं है.” इस स्मारक स्तंभ को उसने अपना ही नाम दिया. आज तक यह अबशालोम स्मारक के नाम से जाना जाता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अपने जीते जी अबशालोम ने यह सोचकर कि मेरे नाम का स्मरण करानेवाला कोई पुत्र मेरा नहीं है, अपने लिये वह स्तम्भ खड़ा कराया था जो राजा की तराई में है; और स्तम्भ का अपना ही नाम रखा, जो आज के दिन तक अबशालोम का स्तम्भ कहलाता है। |
उन्होंने फिर कहा, ‘आओ, हम अपने लिए एक नगर और ऐसी एक मीनार बनाएँ जिसका शिखर आकाश को स्पर्श करे। इस प्रकार हम नाम कमा लें। ऐसा न हो कि हमें समस्त पृथ्वी पर तितर-बितर होना पड़े।’
इस कारण उस का नाम ‘बाबेल’ पड़ा; क्योंकि वहाँ प्रभु ने समस्त संसार की भाषा में सम्भ्रम उत्पन्न किया था। प्रभु ने वहीं से उन लोगों को समस्त पृथ्वी पर तितर-बितर किया।
कदार्लाओमर और उसके साथी राजाओं की पराजय के पश्चात् अब्राम लौट रहे थे। तब सदोम का राजा, अब्राम से भेंट करने, शावे की घाटी अर्थात् राजघाटी में आया।
अबशालोम को तीन पुत्र और एक पुत्री उत्पन्न हुई। पुत्री का नाम तामार था। वह देखने में सुन्दर थी।
उनकी कबर ही उनका स्थायी घर है। वह पीढ़ी-दर-पीढ़ी के लिए उनका निवास- स्थान है, चाहे वे अपनी भूमि-क्षेत्रों को अपने नाम से संबोधित करें।
‘तुझ-विदेशी का यहां क्या काम? तेरे नाते-रिश्तेदार यहां कौन हैं कि तू अपने लिए कबर खुदवा रहा है? और वह भी उच्च स्थान पर? तू चट्टान में अपने लिए निवास-स्थान क्यों खुदवा रहा है?
प्रभु यों कहता है, ‘इस पुरुष को निर्वंश लिख, यह अपने जीवन में कभी सफल न होगा। इसके वंश में अब कोई ऐसा भाग्यवान न होगा। जो दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और यहूदा प्रदेश पर पुन: राज्य करेगा।’
तब मैंने सोचा, “क्या यह बेबीलोन नगर महान नहीं है? मैंने इसको अपनी बड़ी ताकत से बनाया है ताकि यह मेरी राजधानी बने और इसके माध्यम से मेरे वैभव की चहुं ओर प्रशंसा हो।”
नोबह भी गया, और उसने कनात और उसके गांवों को जीत लिया। उसने उसका नाम अपने नाम पर नोबह रखा।
वह सबेरे शाऊल से भेंट करने के लिए उठा। परन्तु शमूएल को यह बताया गया : ‘शाऊल कर्मेल नगर को गए थे। उन्होंने वहाँ एक विजय-स्तम्भ स्थापित किया है। वह वहाँ से मुड़कर आगे बढ़ गए और अब गिलगाल की ओर चले गए हैं।’