परन्तु यदि तुम यरूशलेम नगर लौट जाओ, और अबशालोम से यह कहो, “महाराज, मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ। जैसे मैं पहले आपके पिता का सेवक था वैसे अब मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ” , तो तुम मेरे लिए अहीतोफल की सम्मति निष्फल कर दोगे।
2 शमूएल 16:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसके अतिरिक्त, मुझे किसकी सेवा करनी चाहिए? अपने मित्र के पुत्र की न? जैसे मैंने आपके पिता की सेवा की वैसे ही मैं आपकी सेवा करूँगा।’ पवित्र बाइबल बीते समय में मैंने आपके पिता की सेवा की। इसलिये, अब मैं दाऊद के पुत्र की सेवा करूँगा। मैं आपकी सेवा करुँगा।” Hindi Holy Bible और फिर मैं किसकी सेवा करूं? क्या उसके पुत्र के साम्हने रहकर सेवा न करूं? जैसा मैं तेरे पिता के साम्हने रहकर सेवा करता था, वैसा ही तेरे साम्हने रहकर सेवा करूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर मैं किसकी सेवा करूँ? क्या उसके पुत्र के सामने रहकर सेवा न करूँ? जैसा मैं तेरे पिता के सामने रहकर सेवा करता था, वैसा ही तेरे सामने रहकर सेवा करूँगा।” सरल हिन्दी बाइबल यह भी समझ लीजिए: किसकी सेवा करना मेरे लिए सही है; क्या उनके ही पुत्र की नहीं? जिस प्रकार मैंने आपके पिता की सेवा की है, आपकी भी करूंगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और फिर मैं किसकी सेवा करूँ? क्या उसके पुत्र के सामने रहकर सेवा न करूँ? जैसा मैं तेरे पिता के सामने रहकर सेवा करता था, वैसा ही तेरे सामने रहकर सेवा करूँगा।” |
परन्तु यदि तुम यरूशलेम नगर लौट जाओ, और अबशालोम से यह कहो, “महाराज, मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ। जैसे मैं पहले आपके पिता का सेवक था वैसे अब मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ” , तो तुम मेरे लिए अहीतोफल की सम्मति निष्फल कर दोगे।
हूशय ने अबशालोम को उत्तर दिया, ‘महाराज, यह बात नहीं है। जिस व्यक्ति को प्रभु ने, उसके निज लोगों ने, समस्त इस्राएली राष्ट्र ने चुना है, उसके साथ मैं हूँ, और उसी के साथ मैं रहूँगा।
उसके मुंह की बातें मक्खन से अधिक चिकनी थीं, पर उसके हृदय में द्वेष था। उसके शब्द तेल की अपेक्षा कोमल थे; फिर भी वे नंगी तलवार थे।
दूसरे यहूदी भाई-बहिनों ने भी इस प्रकार का ढोंग रचा, यहाँ तक कि बरनबास भी उनके ढोंग के कारण भटक गये।
दाऊद ने आकीश से कहा, ‘जैसी आपकी आज्ञा! उस स्थिति में जो कार्य आपका सेवक कर सकता है, वह आप जान लेंगे।’ आकीश ने दाऊद से कहा, ‘बहुत अच्छा! मैं तुम्हें अपना स्थायी अंगरक्षक नियुक्त करता हूँ।’
दाऊद ने आकीश से पूछा, ‘परन्तु मैंने क्या किया है? जबसे मैं आपकी सेवा में उपस्थित हुआ हूं, तबसे आज तक आपने मुझमें क्या दोष पाया है कि मैं जाकर अपने स्वामी महाराज के शत्रुओं से युद्ध न कर सकूं?’