जब दाऊद पर्वत के शिखर पर पहुँचा, जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती थी, तब दाऊद का मित्र हूशय जो अर्की जाति का था, उससे भेंट करने के लिए आया। उसका अंगरखा फटा हुआ था। उसके सिर पर धूल थी।
2 शमूएल 16:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अर्की जाति का हूशय, जो दाऊद का मित्र था, अबशालोम के पास आया। उसने अबशालोम से यह कहा, ‘महाराज चिरायु हों! महाराज चिरायु हों!’ पवित्र बाइबल दाऊद का एरेकी मित्र हूशै अबशालोम के पास आया। हूशै ने अबशालोम से कहा, “राजा दीर्घायु हो। राजा दीर्घायु हो!” Hindi Holy Bible जब दाऊद का मित्र एरेकी हूशै अबशालोम के पास पहुंचा, तब हूशै ने अबशालोम से कहा, राजा चिरंजीव रहे! राजा चिरंजीव रहे! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब दाऊद का मित्र एरेकी हूशै अबशालोम के पास पहुँचा, तब हूशै ने अबशालोम से कहा, “राजा चिरंजीव रहे! राजा चिरंजीव रहे!” सरल हिन्दी बाइबल यह उस समय की घटना है, जब दावीद के मित्र अर्की हुशाई ने अबशालोम की उपस्थिति में पहुंचकर उससे कहा, “महाराज की लंबी आयु हो! महाराज की लंबी आयु हो!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब दाऊद का मित्र एरेकी हूशै अबशालोम के पास पहुँचा, तब हूशै ने अबशालोम से कहा, “राजा चिरंजीव रहे! राजा चिरंजीव रहे!” |
जब दाऊद पर्वत के शिखर पर पहुँचा, जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती थी, तब दाऊद का मित्र हूशय जो अर्की जाति का था, उससे भेंट करने के लिए आया। उसका अंगरखा फटा हुआ था। उसके सिर पर धूल थी।
परन्तु यदि तुम यरूशलेम नगर लौट जाओ, और अबशालोम से यह कहो, “महाराज, मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ। जैसे मैं पहले आपके पिता का सेवक था वैसे अब मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ” , तो तुम मेरे लिए अहीतोफल की सम्मति निष्फल कर दोगे।
अत: दाऊद के मित्र हूशय ने यरूशलेम नगर में प्रवेश किया। उस समय अबशालोम भी नगर में प्रवेश कर रहा था।
वह आज नीचे घाटी में गया है। उसने अनेक बैलों, हृष्ट-पुष्ट पशुओं और भेड़ों की बलि की है, और राजकुमारों, सेनापति योआब और पुरोहित एबयातर को निमन्त्रित किया है। देखिए, वे उसके साथ खा-पी रहे हैं। वे यह भी कह रहे हैं’ “महाराज अदोनियाह अमर हों!”
वहां पुरोहित सादोक और नबी नातान सुलेमान को इस्राएली राष्ट्र का राजा अभिषिक्त करेंगे। तत्पश्चात् तुम लोग नरसिंगा फूंकना, और कहना, “महाराज सुलेमान अमर हों!”
तत्पश्चात् यहोयादा ने राजकुमार योआश को बाहर निकाला। उसने राजकुमार के सिर पर मुकुट रखा, उसको साक्षी-पत्र सौंपा और उसका अभिषेक किया। जनता ने ताली बजाकर जय-जयकार किया। उन्होंने कहा, ‘राजा चिरायु हो!’
कसदी पंडितों ने (अरामी भाषा में) राजा से निवेदन किया, ‘महाराज लाखों वर्ष जीएं! आप हमें अपना स्वप्न बताइए, और हम आपको उसका अर्थ समझा देंगे।’
राजा और सामन्तों की आवाज सुनकर राजमाता भोज-भवन में आई। उसने अपने पुत्र से कहा, ‘महाराज, लाखों वर्ष जीएं! आप अपने हृदय के विचारों के कारण व्याकुल न हों और न ही आपके मुख का रंग बदले।
अत: ये अध्यक्ष और क्षत्रप एक मत होकर सम्राट दारा के पास आए और उन्होंने उससे यह कहा, ‘महाराज दारा, आप लाखों वर्ष जीएं!
येशु के आगे-आगे और उनके पीछे आनेवाले लोग यह नारा लगा रहे थे, “दाऊद के वंशज की जय हो! जय हो! धन्य है वह, जो प्रभु के नाम पर आता है! सर्वोच्च स्वर्ग में जय हो! जय हो!”
शमूएल ने लोगों से कहा, ‘जिस व्यक्ति को प्रभु ने चुना, उसे तुमने देख लिया कि सब लोगों में उसके समान दूसरा कोई भी नहीं है।’ लोगों ने जय-जयकार किया, ‘राजा चिरायु हो!’