तीसरे दिन एक मनुष्य शाऊल के शिविर से आया। वह मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए फटे वस्त्र पहिने हुए था और अपने सिर पर धूल डाले हुए था। वह दाऊद के पास आया। उसने भूमि पर गिरकर दाऊद का अभिवादन किया।
2 शमूएल 15:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब दाऊद पर्वत के शिखर पर पहुँचा, जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती थी, तब दाऊद का मित्र हूशय जो अर्की जाति का था, उससे भेंट करने के लिए आया। उसका अंगरखा फटा हुआ था। उसके सिर पर धूल थी। पवित्र बाइबल दाऊद पर्वत की चोटी पर आया। यही वह स्थान था जहाँ वह प्राय: परमेश्वर से प्रार्थना करता था। उस समय एरेकी हूशै उसके पास आया। हूशै का अंगरखा फटा था और उसके सिर पर धूलि थी। Hindi Holy Bible जब दाऊद चोटी तक पहुंचा, जहां परमेश्वर को दण्डवत् किया करते थे, तब एरेकी हूशै अंगरखा फाड़े, सिर पर मिट्टी डाले हुए उस से मिलने को आया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब दाऊद चोटी तक पहुँचा, जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती थी, तब एरेकी हूशै अंगरखा फाड़े, सिर पर मिट्टी डाले हुए उससे मिलने को आया। सरल हिन्दी बाइबल जब दावीद पर्वत की चोटी पर पहुंच रहे थे, जिस स्थान पर परमेश्वर की आराधना की जाती है, अर्की हुशाई उनसे भेंटकरने आ गया. उसका बाहरी वस्त्र फटे हुए थे और सिर पर धूल पड़ी हुई थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब दाऊद चोटी तक पहुँचा, जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती थी, तब एरेकी हूशै अंगरखा फाड़े, सिर पर मिट्टी डाले हुए उससे मिलने को आया। |
तीसरे दिन एक मनुष्य शाऊल के शिविर से आया। वह मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए फटे वस्त्र पहिने हुए था और अपने सिर पर धूल डाले हुए था। वह दाऊद के पास आया। उसने भूमि पर गिरकर दाऊद का अभिवादन किया।
तब तामार ने शोक प्रकट करने के लिए अपने सिर पर राख डाली। अपना बाहोंवाला कुरता, जिसको वह पहिने हुए थी, फाड़ दिया। उसने अपना हाथ सिर पर रखा, और उच्च स्वर में रोती हुई चली गई।
दाऊद जैतून पहाड़ पर चढ़ने लगा। वह रो रहा था। वह नंगे पैर था। उसका सिर ढका था। जो लोग उसके साथ थे, वे भी अपना सिर ढांपे हुए थे। वे रोते हुए पहाड़ पर चढ़ रहे थे।
दाऊद पर्वत के शिखर को पार कर कुछ दूर गया था कि मपीबोशेत का सेवक सीबा दाऊद से भेंट करने के लिए आया। वह अपने साथ जीन कसे हुए दो गधे, दो सौ रोटियाँ, किशमिश के एक सौ गुच्छे, एक सौ ग्रीष्मकालीन फल और अंगूर के रस से भरी एक मशक लाया था।
उसने यरूशलेम की पश्चिमी दिशा में एक पहाड़ पर मोआब जाति के घृणित देवता कमोश तथा अम्मोन जाति के घृणित देवता मोलेक के लिए एक वेदी निर्मित की।
उठ, प्रभु! हे मेरे परमेश्वर, मुझे बचा! तू मेरे समस्त शत्रुओं के जबड़े पर मारता है, तू दर्जनों के दांत तोड़ता है।
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्त करूंगा और उसे महिमान्वित करूंगा।
जब येशु जैतून नामक पहाड़ के समीप, बेतफगे और बेतनियाह गाँव के निकट पहुँचे, तब उन्होंने दो शिष्यों को
बिन्यामिन कुल का एक सैनिक युद्ध भूमि से भागा। वह उसी दिन शिलोह पहुँचा। उसके वस्त्र फटे हुए थे। सिर पर धूल थी।