लगभग तीन महीने के पश्चात् यहूदा को किसी ने बताया, ‘तुम्हारी बहू तामार ने व्यभिचार किया है। उसे व्यभिचार से गर्भ भी है।’ यहूदा ने कहा, ‘उसे बाहर निकालकर जला दो।’
2 शमूएल 12:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह सुनकर दाऊद का क्रोध उस धनी मनुष्य के प्रति बहुत भड़क उठा। उसने नातान से कहा, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! यह अन्याय करनेवाला मनुष्य निश्चय ही मृत्यु-दण्ड के योग्य है। पवित्र बाइबल दाऊद धनी आदमी पर बहुत क्रोधित हुआ। उसने नातान से कहा, “यहोवा शाश्वत है, निश्चय जिस व्यक्ति ने यह किया वह मरेगा। Hindi Holy Bible तब दाऊद का कोप उस मनुष्य पर बहुत भड़का; और उसने नातान से कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, जिस मनुष्य ने ऐसा काम किया वह प्राण दण्ड के योग्य है; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब दाऊद का कोप उस मनुष्य पर बहुत भड़का; और उसने नातान से कहा, “यहोवा के जीवन की शपथ, जिस मनुष्य ने ऐसा काम किया वह प्राण दण्ड के योग्य है; सरल हिन्दी बाइबल यह सुनते ही उस धनी व्यक्ति के प्रति दावीद का क्रोध भड़क उठा. उन्होंने नाथान से कहा, “जीवित याहवेह की शपथ, जिस व्यक्ति ने यह किया है, मृत्यु दंड के योग्य है! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद का कोप उस मनुष्य पर बहुत भड़का; और उसने नातान से कहा, “यहोवा के जीवन की शपथ, जिस मनुष्य ने ऐसा काम किया वह प्राणदण्ड के योग्य है; |
लगभग तीन महीने के पश्चात् यहूदा को किसी ने बताया, ‘तुम्हारी बहू तामार ने व्यभिचार किया है। उसे व्यभिचार से गर्भ भी है।’ यहूदा ने कहा, ‘उसे बाहर निकालकर जला दो।’
‘एक दिन धनी मनुष्य के पास एक यात्री आया। किन्तु धनी मनुष्य उस पथिक को, जो उसके पास आया था, भोजन के लिए अपने रेवड़ में से पशु देने को तैयार न था। अत: उसने गरीब की भेड़ छीन ली, और अपने यहाँ आए हुए यात्री के लिए उसका मांस पकाया।’
राजा दाऊद ने स्त्री से कहा, ‘तुम अपने घर जाओ। मैं स्वयं तुम्हारे मामले के सम्बन्ध में आदेश दूँगा।’
इसलिए, हे दूसरों पर दोष लगाने वाले! तुम चाहे जो भी हो, अक्षम्य हो। तुम दूसरों पर दोष लगाने के कारण अपने को दोषी ठहराते हो; क्योंकि तुम, जो दूसरों पर दोष लगाते हो, ये ही कुकर्म स्वयं करते हो।
इस्राएल को विजय प्रदान करने वाले जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! जिस व्यक्ति ने पाप किया है, यदि वह मेरा पुत्र योनातन ही क्यों न हो, उसको निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।’ उनमें से किसी भी व्यक्ति ने उसको उत्तर नहीं दिया।
जब तक यिशय का पुत्र धरती पर जीवित है तब तक तू राजा नहीं बन सकता है, और न तेरा राज्य स्थापित हो सकता है। अब तू दूतों को भेज, और उसको पकड़ कर मेरे पास ला। उसे निश्चय ही मरना होगा।’
यह काम, जो तुमने किया, अच्छा नहीं है। जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! तुम लोग मृत्यु-दण्ड के पात्र हो। तुमने अपने स्वामी, प्रभु के अभिषिक्त राजा पर पहरा नहीं दिया। अब देखो, महाराज का भाला कहां है? उनके सिरहाने की पानी की सुराही कहां है?’