उस आशीर्वाद के कारण जिसे उसके पिता ने याकूब को दिया था, एसाव याकूब से घृणा करने लगा। एसाव ने अपने मन में कहा, ‘पिता के मृत्यु-शोक दिवस निकट हैं। उसके बाद मैं अपने भाई की हत्या करूँगा।’
2 शमूएल 11:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब ऊरियाह की पत्नी बतशेबा ने यह सुना कि उसका पति मर गया, तब वह अपने पति के लिए शोक मनाने लगी। पवित्र बाइबल बतशेबा ने सुना कि उसका पति ऊरिय्याह मर गया। तब वह अपने पति के लिये रोई। Hindi Holy Bible जब ऊरिय्याह की स्त्री ने सुना कि मेरा पति मर गया, तब वह अपने पति के लिये रोने पीटने लगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब ऊरिय्याह की स्त्री ने सुना कि मेरा पति मर गया, तब वह अपने पति के लिये रोने पीटने लगी। सरल हिन्दी बाइबल जब उरियाह की पत्नी को यह मालूम हुआ कि उसके पति की मृत्यु हो गई है, वह अपने पति के लिए रोने लगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब ऊरिय्याह की स्त्री ने सुना कि मेरा पति मर गया, तब वह अपने पति के लिये रोने पीटने लगी। |
उस आशीर्वाद के कारण जिसे उसके पिता ने याकूब को दिया था, एसाव याकूब से घृणा करने लगा। एसाव ने अपने मन में कहा, ‘पिता के मृत्यु-शोक दिवस निकट हैं। उसके बाद मैं अपने भाई की हत्या करूँगा।’
जब वे यर्दन नदी के किनारे पर स्थित ‘आटद का खलियान’ नामक स्थान पर पहुँचे, तब उन्होंने अत्यन्त शोक मनाया। यूसुफ ने भी अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक किया।
दाऊद ने दूत से कहा, ‘तुम योआब से यह कहना, “तुम इस बात के कारण चिन्तित मत हो, क्योंकि तलवार कभी एक का वध करती है, कभी दूसरे का। नई शक्ति से नगर पर हमला करो, और उसको खंडहर बना दो।” इस प्रकार सेनापति का उत्साह बढ़ाना।’
अत: उसने तकोआह नगर में एक दूत भेजा, और वहाँ से एक बुद्धिमती स्त्री को बुलाया। योआब ने उससे यह कहा, ‘तुम मृतक के लिए शोक मनानेवाली स्त्री बनो और मातमी वस्त्र पहिन लो। तुम तेल लगाकर बनाव-श्रृंगार मत करना, वरन् ऐसी स्त्री का अभिनय करना जो कई दिन से मृतक के लिए शोक मना रही है।
राजा दाऊद ने योआब और उसके साथ के सब सैनिकों को यह आदेश दिया, ‘मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़ो, कमर में टाट के वस्त्र पहिनो, और अब्नेर के शव के सम्मुख शोक मनाओ।’ दाऊद अर्थी के पीछे-पीछे गया।
जब अहाब ने सुना कि नाबोत मर गया, तब वह पलंग से उठा। वह नाबोत के अंगूर-उद्यान पर कब्जा करने के लिए गया।
इस्राएली समाज ने मोआब के मैदान में मूसा के लिए तीस दिन तक शोक मनाया। उसके बाद उसके मृत्यु-शोक और विलाप के दिन समाप्त हुए।
उन्होंने राख में से मृतकों की अस्थियाँ निकालीं, और उनको याबेश नगर में झाऊ वृक्ष के नीचे गाड़ दिया। उन्होंने शोक प्रकट करने के लिए सात दिन तक उपवास किया।