जब लोट ने बहुत अनुनय-विनय की तब वे उसके साथ चले और उसके घर में आए। लोट ने उनके लिए विशेष भोजन तैयार किया। उसने बेखमीर रोटी बनाई, और उन्होंने खायी।
2 राजाओं 4:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक दिन एलीशा शूनेम नगर से गुजरे। वहां एक धनवान महिला रहती थी। उसने एलीशा को भोजन के लिए विवश किया। इस घटना के बाद जब-जब एलीशा उस मार्ग से गुजरते थे, वह भोजन करने के लिए वहां रुक जाते थे। पवित्र बाइबल एक दिन एलीशा शूनेम को गया। शूनेम में एक महत्वपूर्ण स्त्री रहती थी। इस स्त्री ने एलीशा से कहा कि वह ठहरे और उसके घर भोजन करे। इसलिये जब भी एलीशा उस स्थान से होकर जाता था तब भोजन करने के लिये वहाँ रूकता था। Hindi Holy Bible फिर एक दिन की बात है कि एलीशा शूनेम को गया, जहां एक कुलीन स्त्री थी, और उसने उसे रोटी खाने के लिये बिनती कर के विवश किया। और जब जब वह उधर से जाता, तब तब वह वहां रोटी खाने को उतरता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एक दिन की बात है कि एलीशा शूनेम को गया, जहाँ एक कुलीन स्त्री थी, और उसने उसे रोटी खाने के लिये विनती करके विवश किया। अत: जब जब वह उधर से जाता, तब तब वह वहाँ रोटी खाने को उतरता था। सरल हिन्दी बाइबल एक दिन एलीशा शूनेम नाम के स्थान पर गए. वहां एक धनी स्त्री रहती थी. उसने एलीशा को विनती करके भोजन पर बुलाया. इसके बाद जब कभी एलीशा वहां से जाते थे, वहीं रुक कर भोजन कर लेते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर एक दिन की बात है कि एलीशा शूनेम को गया, जहाँ एक कुलीन स्त्री थी, और उसने उसे रोटी खाने के लिये विनती करके विवश किया। अतः जब जब वह उधर से जाता, तब-तब वह वहाँ रोटी खाने को उतरता था। |
जब लोट ने बहुत अनुनय-विनय की तब वे उसके साथ चले और उसके घर में आए। लोट ने उनके लिए विशेष भोजन तैयार किया। उसने बेखमीर रोटी बनाई, और उन्होंने खायी।
बर्जिल्लय बहुत वृद्ध था। उसकी उम्र अस्सी वर्ष की थी। जब राजा दाऊद महनइम नगर में था, तब बर्जिल्लय ने उसकी भोजन-व्यवस्था की थी; क्योंकि वह अत्यन्त समृद्ध था।
अत: उन्होंने इस्राएली देश की समस्त सीमा में एक सुन्दर कन्या की खोज की। उन्हें अबीशग मिली। वह शूनेम नगर की रहने वाली थी। वे उसे राजा के पास लाए।
शूनेमवासी महिला का पुत्र बड़ा हुआ। एक दिन वह अपने पिता के पास गया, जो फसल काटने वालों के साथ था।
उसके पास सात हजार भेड़ें, तीन हजार ऊंट, पाँच सौ जोड़ी बैल, पाँच सौ गदहियाँ और बहुत नौकर-चाकर थे। वह मनुष्य पूर्व देश के लोगों में सबसे अधिक अमीर था।
यह बात सच नहीं है कि केवल बड़े-बूढ़े ही बुद्धिमान होते हैं, कि न्याय को समझने वाले वृद्ध ही होते हैं।
ऐसे लुभावने वचन बोलकर उस स्त्री ने युवक को फांस लिया; उसने मीठी-मीठी बातें कहकर उसको अपने वश में कर लिया।
क्योंकि वह प्रभु की दृष्टि में महान् होगा। वह दाखरस और मदिरा नहीं पिएगा, वरन् अपनी माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होगा।
तो स्वामी ने सेवक से कहा, ‘सड़कों और बाड़ों की ओर जाओ और लोगों को भीतर आने के लिए बाध्य करो, जिससे मेरा घर भर जाए;
किन्तु शिष्यों ने यह कह कर उन से आग्रह किया, “हमारे साथ रह जाइए। संध्या हो रही है और अब दिन ढल चुका है।” वह उनके साथ ठहरने के लिए भीतर गये।
जब उसने तथा उसके परिवार ने बपतिस्मा ग्रहण कर लिया तब लुदिया ने हमसे यह अनुरोध किया, “यदि आप लोग मानते हैं कि मैं सचमुच प्रभु में विश्वास करती हूँ तो आइए, मेरे यहाँ ठहरिए।” और उसने हमें बाध्य कर दिया।
बूढ़े ने कहा, ‘तुम्हारा स्वागत है! तुम्हारे सब अभावों को दूर करने का दायित्व मुझ पर है। तुम चौक में रात व्यतीत मत करो।’
पलिश्ती सैनिक एकत्र हुए। वे आए। उन्होंने शूनम नगर में पड़ाव डाला। शाऊल ने सब इस्राएली सैनिकों को एकत्र किया। उन्होंने गिल्बोअ में पड़ाव डाला।