फिर भी, मैं यह कार्य तेरे पिता दाऊद के कारण तेरे जीवन-काल में नहीं करूंगा। वरन् मैं तेरे पुत्र के हाथ से उसका राज्य छीनूंगा।
2 राजाओं 20:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हिजकियाह ने यशायाह से कहा, ‘प्रभु का यह वचन, जो तुमने मुझसे कहा, अच्छा है!’ वह यह सोचता था, ‘अगर मेरे जीवन-काल में शान्ति और सुरक्षा बनी रहती है, तो क्या बुरा है’ पवित्र बाइबल तब हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा के यहाँ से यह सन्देश अच्छा है।” (हिजकिय्याह ने यह भी कहा, “यह बहुत अच्छा है यदि मेरे जीवनकाल में सच्ची शान्ति रहे।”) Hindi Holy Bible हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, यहोवा का वचन जो तू ने कहा है, वह भला ही है, फिर उसने कहा, क्या मेरे दिनों में शांति और सच्चाई बनी न रहेंगी? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा का वचन जो तू ने कहा है, वह भला ही है;” क्योंकि उसने सोचा, “यदि मेरे दिनों में शान्ति और सच्चाई बनी रहेंगी, तो क्या यह भला नहीं है?” सरल हिन्दी बाइबल तब हिज़किय्याह ने यशायाह से कहा, “याहवेह का वचन जो तुमने कहा वह भला ही है!” फिर कहा, “कम से कम मेरे जीवनकाल में तो शांति एवं सुरक्षा तो बनी रहेगी!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब हिजकिय्याह ने यशायाह से कहा, “यहोवा का वचन जो तूने कहा है, वह भला ही है;” क्योंकि उसने सोचा, “यदि मेरे दिनों में शान्ति और सच्चाई बनी रहेंगी? तो क्या यह भला नहीं है?” |
फिर भी, मैं यह कार्य तेरे पिता दाऊद के कारण तेरे जीवन-काल में नहीं करूंगा। वरन् मैं तेरे पुत्र के हाथ से उसका राज्य छीनूंगा।
शिमई ने राजा को उत्तर दिया, ‘आपकी बात ठीक है, महाराज मेरे स्वामी! जैसा आपने कहा है, वैसे ही आपका सेवक करेगा।’ अत: शिमई यरूशलेम नगर में बहुत दिनों तक निवास करता रहा।
हिजकियाह ने जलकुण्ड और नहर बनाकर नगर के भीतर जल पहुंचाया था। इसका विवरण, तथा उसके शेष कार्यों और वीरतापूर्ण कार्यों का विवरण, ‘यहूदा प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्थ’ में लिखा हुआ है।
इसीलिए, मैं तुझे तेरे पूर्वजों के साथ सुलाऊंगा। तू शान्ति से अपनी कबर में सोएगा। जो विपत्ति मैं इस स्थान पर तथा इसके निवासियों पर ढाहूंगा, वह तू अपनी आंखों से नहीं देखेगा।’ राजा योशियाह के दरबारी लौटे और उन्होंने राजा को यह सन्देश दिया।
इस प्रकार मोरदकय ने सम्राट क्षयर्ष के अधीन एक सौ सत्ताईस प्रदेशों के रहने वाले यहूदियों को कल्याण और सत्यनिष्ठा की कामना करते हुए पत्र लिखे।
उसने कहा, ‘मैं अपनी मां के पेट से नंगा बाहर निकला था। मैं नंगा ही वहाँ लौटूंगा, जहाँ से आया था। प्रभु ने दिया था, प्रभु ने ले लिया। प्रभु का नाम धन्य है।’
‘किन्तु, यिर्मयाह! मैं इस प्रहार के बाद इस नगर में औषधि और स्वास्थ्य लाऊंगा, और इस के निवासियों को स्वस्थ कर दूंगा। मैं इनको सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करूंगा।
तब जीवित मनुष्य प्रभु के न्याय की शिकायत क्यों करे; मनुष्य अपने पाप के दण्ड के लिए क्यों कुड़कुड़ाए?
मूसा ने हारून से कहा, ‘प्रभु ने यही बात कही थी : “अपने निकटवर्ती लोगों के मध्य, मैं स्वयं को पवित्र सिद्ध करूँगा; समस्त लोगों के सम्मुख मैं अपनी महिमा करूँगा।” ’ परन्तु हारून मौन रहा।
‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : चौथे, पांचवें, सातवें और दसवें महीने के उपवास-दिवस यहूदा के वंशजों के लिए आनन्द और हर्ष के दिन होंगे, उत्सव के पर्व होंगे। अत: सच्चाई और शान्ति से प्रेम करो।
स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो! देखो, मैं तुम्हें बड़े आनन्द का शुभ समाचार सुना रहा हूँ जो सब लोगों के लिए है।
“सर्वोच्च स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा हो और पृथ्वी पर उन मनुष्यों को शान्ति मिले, जिनसे वह प्रसन्न है।”
अत: शमूएल ने सब बातें उसको बता दीं; और उससे कुछ नहीं छिपाया। एली ने कहा, ‘वह प्रभु है! जो उसकी दृष्टि में उचित है, वही वह करे!’