एलियाह ने कहा, ‘तूने कठिन मांग की। फिर भी, जब मैं तेरे पास से अलग किया जाऊंगा, तब, यदि तू मुझे देख सकेगा तो तेरी मांग पूरी होगी। पर यदि तू मुझे नहीं देख सकेगा तो वह पूरी नहीं होगी।’
2 राजाओं 20:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हिजकियाह ने उत्तर दिया, ‘छाया के लिए दस अंश आगे बढ़ना सरल है। इसलिए मैं चाहता हूँ कि छाया दस अंश पीछे जाए।’ पवित्र बाइबल हिजकिय्याह ने उत्तर दिया, “छाया के लिये दस पैड़ियाँ उतर जाना सरल है। नहीं, छाया को दस पैड़ी पीछे हटने दो।” Hindi Holy Bible हिजकिय्याह ने कहा, छाया का दस अंश आगे बढ़ना तो हलकी बात है, इसलिए ऐसा हो कि छाया दस अंश पीछे लौट जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हिजकिय्याह ने कहा, “छाया का दस अंश आगे बढ़ना तो हलकी बात है, इसलिये ऐसा हो कि छाया दस अंश पीछे लौट जाए।” सरल हिन्दी बाइबल हिज़किय्याह ने उत्तर दिया, “छाया का दस कदम लंबी हो जाना आसान है. नहीं. ऐसा कीजिए कि छाया दस कदम पीछे लौट जाए.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हिजकिय्याह ने कहा, “छाया का दस अंश आगे बढ़ना तो हलकी बात है, इसलिए ऐसा हो कि छाया दस अंश पीछे लौट जाए।” |
एलियाह ने कहा, ‘तूने कठिन मांग की। फिर भी, जब मैं तेरे पास से अलग किया जाऊंगा, तब, यदि तू मुझे देख सकेगा तो तेरी मांग पूरी होगी। पर यदि तू मुझे नहीं देख सकेगा तो वह पूरी नहीं होगी।’
नबी यशायाह ने प्रभु को पुकारा, और प्रभु ने राजा आहाज की धूप-घड़ी की छाया को, जो दस अंश बढ़ चुकी थी, पीछे की ओर लौटा दिया।
यशायाह ने बताया, ‘जो वचन प्रभु ने आपको दिया है, वह उसको पूरा करेगा। उस ने आपको यह चिह्न दिया है। बताओ : क्या छाया दस अंश आगे जाएगी अथवा दस अंश पीछे?’
वह कहता है, ‘यह साधारण-सी बात है कि याकूब के कुलों को पुन: स्थापित करने के लिए, इस्राएल के बचे हुए लोगों को वापस लाने के लिए तू मेरा सेवक बने; पर यह पर्याप्त नहीं है : मैं तुझे राष्ट्रों के लिए ज्योति बनाऊंगा, जिससे मेरा उद्धार पृथ्वी के सीमान्तों तक पहुँच सके।’
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मुझ में विश्वास करता है, वह स्वयं वे कार्य करेगा, जिन्हें मैं करता हूँ। वह उन से भी महान कार्य करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ।
जिस दिन प्रभु ने इस्राएलियों को एमोरी जाति पर विजय प्रदान की, उस दिन यहोशुअ प्रभु से यों बोला। उसने इस्राएलियों के सम्मुख यह कहा : ‘ओ सूर्य, गिब्ओन के आकाश पर अचल रह; ओ चन्द्रमा, अय्यालोन की घाटी में रुक जा!’
वस्तुत: ऐसा ही हुआ! जब तक इस्राएली सेना ने अपने शत्रुओं को पराजित नहीं कर दिया तब तक सूर्य अचल रहा, और चन्द्रमा आगे नहीं बढ़ा! यह घटना ‘याशर की पुस्तक’ में लिखी हुई है। उस दिन सूर्य आकाश के मध्य ठहर गया था और वह अस्त होने के लिए पूरे दिन तक आगे नहीं बढ़ा।