तब असीरिया के राजा ने असीरियों को यह आदेश दिया, ‘जो पुरोहित तुम वहां से बन्दी बनाकर लाए हो, उनमें से किसी को वहां भेजो। वह वहां जाएगा, और वहीं रहेगा। वह लोगों को उस देश के देवता की प्रथा के विषय में शिक्षा देगा।’
2 राजाओं 17:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: एक पुरोहित, जिसको वे सामरी नगर से बन्दी बनाकर ले गए थे, बेत-एल नगर में गया और वहां रहने लगा। वह लोगों को सिखाता था कि उन्हें किस प्रकार प्रभु की आराधना करनी चाहिए। पवित्र बाइबल इसलिये अश्शूरियों द्वारा शोमरोन से लाये हुए याजकों में से एक बेतेल में रहने आया। उस याजक ने लोगों को सिखाया कि उन्हें यहोवा का सम्मान कैसे करना चाहिये। Hindi Holy Bible तब जो याजक शोमरोन से निकाले गए थे, उन में से एक जा कर बेतेल में रहने लगा, और उन को सिखाने लगा कि यहोवा का भय किस रीति से मानना चाहिये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब जो याजक शोमरोन से निकाले गए थे, उनमें से एक जाकर बेतेल में रहने लगा, और उनको सिखाने लगा कि यहोवा का भय किस रीति से मानना चाहिये। सरल हिन्दी बाइबल तब शमरिया से निकले पुरोहितों में से एक पुरोहित बेथेल नगर में आकर निवास करने लगा, जो उन्हें याहवेह के प्रति भय रखने के विषय में शिक्षा देता था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब जो याजक सामरिया से निकाले गए थे, उनमें से एक जाकर बेतेल में रहने लगा, और उनको सिखाने लगा कि यहोवा का भय किस रीति से मानना चाहिये। |
तब असीरिया के राजा ने असीरियों को यह आदेश दिया, ‘जो पुरोहित तुम वहां से बन्दी बनाकर लाए हो, उनमें से किसी को वहां भेजो। वह वहां जाएगा, और वहीं रहेगा। वह लोगों को उस देश के देवता की प्रथा के विषय में शिक्षा देगा।’
फिर भी सामरी नगरों में बसी हुई जातियां अपने-अपने राष्ट्रीय देवता की मूर्तियां बनातीं, और उनको पहाड़ी शिखर की वेदियों के आराधना-गृहों में प्रतिष्ठित करती थीं। इन आराधना-गृहों को सामरी लोगों ने निर्मित किया था। प्रत्येक जाति ने अपने नगर में अपने राष्ट्रीय देवता की मूर्ति प्रतिष्ठित की।
स्वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्मान करते हैं; किन्तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्ति करते हैं; इनकी भक्ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।
तब योना ने उन्हें यह बताया, ‘मैं यहूदीहूँ। मैं समुद्र और भूमि के बनानेवाले स्वर्गिक प्रभु परमेश्वर का आराधक हूँ।’
उन्हें रहने दो; वे अन्धों के अन्धे पथप्रदर्शक हैं। यदि अन्धा अन्धे को मार्ग दिखाए तो दोनों ही गड्ढे में गिरेंगे।”
तुम जिसकी आराधना करते हो, उसे नहीं जानते। हम जिसकी आराधना करते हैं, उसे जानते हैं, क्योंकि उद्धार यहूदियों में से है।