उसने एमोरी जाति के सदृश, जिसको प्रभु ने देश में से इस्राएली जाति के लिए निकाला था, मूर्तियों का अनुसरण कर अत्यन्त घृणित कर्म किया था।
2 राजाओं 17:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु ने उनको यह आदेश दिया था : ‘तुम मूर्ति की पूजा मत करना।’ परन्तु उन्होंने मूर्ति की पूजा की। पवित्र बाइबल उन्होंने देवमूर्तियों की सेवा की, और यहोवा ने इस्राएलियों से कहा था, “तुम्हें यह नहीं करना चाहिये।” Hindi Holy Bible और मूरतों की उपासना की, जिसके विषय यहोवा ने उन से कहा था कि तुम यह काम न करना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और मूरतों की उपासना की, जिसके विषय यहोवा ने उनसे कहा था, “तुम यह काम न करना।” सरल हिन्दी बाइबल वे मूर्तियों की सेवा-उपासना करते रहे, जिनके विषय में याहवेह ने उन्हें चेताया था, “तुम यह न करना.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मूरतों की उपासना की, जिसके विषय यहोवा ने उनसे कहा था, “तुम यह काम न करना।” |
उसने एमोरी जाति के सदृश, जिसको प्रभु ने देश में से इस्राएली जाति के लिए निकाला था, मूर्तियों का अनुसरण कर अत्यन्त घृणित कर्म किया था।
वहां वे उन जातियों के समान, जिन्हें प्रभु ने उनके सम्मुख से खदेड़ दिया था, पहाड़ी शिखर की वेदियों पर सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाया करते थे। उन्होंने दुष्कर्म किए, और प्रभु के क्रोध को भड़काया।
‘मैं प्रभु, तेरा परमेश्वर हूं, जो तुझे मिस्र देश से, दासत्व के घर से बाहर निकाल लाया।
(तू किसी अन्य देवता की वन्दना न करना। प्रभु जिसका नाम ईष्र्यालु है, एक ईष्र्यालु परमेश्वर है।)
जब मैं उन्हें उस देश में ले आया जिसको देने की शपथ मैंने खाई थी, तब उन्हें जहां-कहीं भी पहाड़ी शिखर दिखाई दिए और जहां-कहीं उन्होंने हरे वृक्ष देखे, वहां वे बलि चढ़ाने लगे, पूजा करने लगे, और अपनी बलि और पूजा से मुझे चिढ़ाया। वहां वे सुगन्धित धूपद्रव्य जलाते थे, और अपनी पेयबलि उण्डेलते थे।
‘तुम अपने लिए प्रतिमा न बनाना, और न मूर्ति और न पूजा-स्तम्भ खड़ा करना। तुम अपने देश में चित्रित पाषाण भी स्थापित न करना, जिससे उनकी पूजा की जाए; क्योंकि मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
जैसा वे हर स्थान पर पूजा-स्थल बनाते हैं, वैसा तुम अपने प्रभु परमेश्वर के लिए मत बनाना।
तुम इन जातियों में, जो तुम्हारे मध्य शेष रह गई हैं, मत मिलना-जुलना। उनके देवताओं का नाम मत लेना। उन देवताओं के नाम की शपथ भी नहीं खाना। उनकी पूजा मत करना, और न झुककर उन की वन्दना करना।