पुरोहित ऊरियाह ने वेदी निर्मित की। जो निर्देश राजा आहाज ने दमिश्क से भेजे थे, उनके अनुसार पुरोहित ऊरियाह ने राजा आहाज के लौटने के पूर्व ही वेदी का निर्माण कर दिया।
2 राजाओं 16:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पुरोहित ऊरियाह ने राजा आहाज के आदेश के अनुसार सब कार्य किए। पवित्र बाइबल याजक ऊरिय्याह ने वह सब किया जिसे करने के लिये राजा आहाज ने आदेश दिये। Hindi Holy Bible राजा आहाज की इस आज्ञा के अनुसार ऊरिय्याह याजक ने किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) राजा आहाज की इस आज्ञा के अनुसार ऊरिय्याह याजक ने किया। सरल हिन्दी बाइबल पुरोहित उरियाह ने राजा आहाज़ के आदेश के अनुसार ही किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 राजा आहाज की इस आज्ञा के अनुसार ऊरिय्याह याजक ने किया। |
पुरोहित ऊरियाह ने वेदी निर्मित की। जो निर्देश राजा आहाज ने दमिश्क से भेजे थे, उनके अनुसार पुरोहित ऊरियाह ने राजा आहाज के लौटने के पूर्व ही वेदी का निर्माण कर दिया।
राजा आहाज ने पुरोहित ऊरियाह को यह आदेश दिया, ‘आप इस महावेदी पर पहले के समान प्रात:कालीन अग्नि-बलि, सन्ध्याकालीन अन्न-बलि, राज अग्नि-बलि और राज अन्न-बलि तथा समस्त देशवासियों की अग्नि-बलि, अन्न-बलि और पेय-बलि चढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप इसी महावेदी पर अग्नि-बलि के पशु तथा अन्य बलि-पशुओं का रक्त छिड़केंगे। परन्तु मैं कांस्य वेदी का उपयोग प्रभु का उत्तर प्राप्त करने के लिए करूंगा।’
राजा आहाज ने ठेलों की चौखटों को काट दिया, और चौखटों के दिल्लों को हटा दिया। उसने कांस्य के बैलों पर से, जो हौज के नीचे थे, हौज को उतार कर पत्थर के चबूतरे पर रख दिया।
उसने प्रभु के भवन में अनेक वेदियों का निर्माण किया, जबकि अपने भवन के विषय में प्रभु ने यह कहा था, “मैं यरूशलेम में अपने नाम की प्रतिष्ठा करूंगा।”
उसने प्रभु के भवन में अनेक वेदियों का निर्माण किया, जब कि अपने भवन के विषय में प्रभु ने यह कहा था, ‘मैं यरूशलेम में सदा-सर्वदा के लिए अपना नाम प्रतिष्ठित करूँगा।’
‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्यवस्था प्राप्त होनी चाहिए। पुरोहित स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्देशवाहक है।
इस पर पतरस और योहन ने उन्हें यह उत्तर दिया, “आप लोग स्वयं निर्णय करें : क्या परमेश्वर की दृष्टि में यह उचित होगा कि हम परमेश्वर की नहीं, बल्कि आप लोगों की बात मानें?
इस पर पतरस और अन्य प्रेरितों ने यह उत्तर दिया, “हमें मनुष्यों की आज्ञा की अपेक्षा परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
परमेश्वर ने हमें योग्य समझ कर शुभ समाचार सौंपा है। इसलिए हम मनुष्यों को नहीं, बल्कि हमारा हृदय परखनेवाले परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए उपदेश देते हैं।
धिक्कार इन लोगों को! ये काइन के मार्ग पर चल रहे हैं। ये तुच्छ लाभ के लिए बिलआम की तरह भटक गये और कोरह की तरह विद्रोह करने के कारण विनष्ट हो गये हैं।