राजा आहाज असीरिया देश के राजा तिग्लत-पलेसेर से भेंट करने के लिए दमिश्क नगर को गया। उसने दमिश्क में एक वेदी देखी। उसने पुरोहित ऊरियाह के पास उस वेदी का नक्शा और विस्तृत विवरण के साथ वेदी का नमूना भेजा।
2 राजाओं 16:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पुरोहित ऊरियाह ने वेदी निर्मित की। जो निर्देश राजा आहाज ने दमिश्क से भेजे थे, उनके अनुसार पुरोहित ऊरियाह ने राजा आहाज के लौटने के पूर्व ही वेदी का निर्माण कर दिया। पवित्र बाइबल तब याजक ऊरिय्याह ने राजा आहाज द्वारा दमिश्क से भेजे गए नमूने के समान ही एक वेदी बनाई। याजक ऊरिय्याह ने इस प्रकार की वेदी राजा आहाज के दमिश्क से लौटने के पहले बनाई। Hindi Holy Bible और ठीक इसी नमूने के अनुसार जिसे राजा आहाज ने दमिश्क से भेजा था, ऊरिय्याह याजक ने राजा आहाज के दमिश्क से आने तक एक वेदी बना दी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ठीक इसी नमूने के अनुसार जिसे राजा आहाज ने दमिश्क से भेजा था, ऊरिय्याह याजक ने राजा आहाज के दमिश्क से आने के पहले एक वेदी बना दी। सरल हिन्दी बाइबल इसके आधार पर पुरोहित उरियाह ने एक वेदी बनाई; ठीक उसी के अनुसार जैसा राजा आहाज़ ने दमेशेक से भेजा था. पुरोहित उरियाह ने राजा आहाज़ के दमेशेक से लौटने के पहले ही यह वेदी तैयार कर ली थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ठीक इसी नमूने के अनुसार जिसे राजा आहाज ने दमिश्क से भेजा था, ऊरिय्याह याजक ने राजा आहाज के दमिश्क से आने तक एक वेदी बना दी। |
राजा आहाज असीरिया देश के राजा तिग्लत-पलेसेर से भेंट करने के लिए दमिश्क नगर को गया। उसने दमिश्क में एक वेदी देखी। उसने पुरोहित ऊरियाह के पास उस वेदी का नक्शा और विस्तृत विवरण के साथ वेदी का नमूना भेजा।
राजा आहाज दमिश्क नगर से लौटा। उसने वेदी का अवलोकन किया। वह वेदी के समीप गया और उस पर चढ़ा।
उसने प्रभु के सम्मुख की कांस्य वेदी को मन्दिर के सामने से, अर्थात् अपनी नई वेदी और प्रभु-मन्दिर के बीच में से, हटा दिया और उसको अपनी वेदी के उत्तर की ओर रख दिया।
उसने प्रभु के भवन में अनेक वेदियों का निर्माण किया, जबकि अपने भवन के विषय में प्रभु ने यह कहा था, “मैं यरूशलेम में अपने नाम की प्रतिष्ठा करूंगा।”
मनश्शे ने अशेराह देवी की मूर्ति बनाई और उसको प्रभु के भवन में प्रतिष्ठित किया। अपने भवन के विषय में प्रभु ने दाऊद और उसके पुत्र सुलेमान से यह कहा था, ‘मैंने इस्राएल के समस्त कुलों के भूमि-क्षेत्रों में से यरूशलेम नगर को और इस भवन को चुना है। मैं यहां सदा-सर्वदा के लिए अपने नाम की प्रतिष्ठा करूंगा।
उसने प्रभु के भवन में अनेक वेदियों का निर्माण किया, जब कि अपने भवन के विषय में प्रभु ने यह कहा था, ‘मैं यरूशलेम में सदा-सर्वदा के लिए अपना नाम प्रतिष्ठित करूँगा।’
ओ यरूशलेम, तेरे पुरोहित मेरे नियम-विधियों का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने मेरी पवित्र वस्तुओं को अपवित्र किया है। वे मुझ-प्रभु को अर्पित पवित्र वस्तु, और जन-साधारण की वस्तु में कोई भेद नहीं करते। उन्होंने लोगों को यह भी नहीं सिखाया कि कौन-सी वस्तु मेरी दृष्टि में शुद्ध है, और कौन-सी अशुद्ध। उन्होंने मेरे पवित्र विश्राम-दिवस की उपेक्षा की है जिसके कारण मैं अपवित्र समझा गया हूँ।
अत: विश्व की भिन्न-भिन्न कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगों ने ऐसा ही किया। उन्होंने जिस क्षण नरसिंगे, बांसुरी, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई तथा अन्य सब प्रकार के वाद्ययंत्रों का स्वर सुना, वे तत्काल राजा नबूकदनेस्सर द्वारा स्थापित स्वर्ण-मूर्ति के सम्मुख गिरे, और यों उन्होंने मूर्ति के प्रति सम्मान प्रकट किया।
मेरे निज लोग ईश्वरीय ज्ञान के अभाव में नष्ट हो गए। तूने मेरा ज्ञान प्राप्त करना स्वीकार नहीं किया, इसलिए मैं भी तुझे पुरोहित-पद पर स्वीकार नहीं करूंगा। तू मुझ-परमेश्वर की व्यवस्था भूल गया, अत: मैं भी तेरे पुरोहित-वंश को भूल जाऊंगा।
एफ्रइम अत्याचारी है, वह न्याय का गला घोंट रहा है। वह निस्सारता के पीछे हाथ धोकर पड़ा है।
मैं अब किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूँ—मनुष्यों का अथवा परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता, तो मैं मसीह का सेवक नहीं होता।