अत: इस्राएली कुलों के सब धर्मवृद्ध हेब्रोन नगर में राजा दाऊद के पास आए। राजा दाऊद ने उनके साथ हेब्रोन नगर में प्रभु के सम्मुख सन्धि की। उन्होंने दाऊद को इस्राएली प्रदेश का भी राजा बनाने के लिए उसका अभिषेक किया।
2 राजाओं 11:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तत्पश्चात् पुरोहित यहोयादा ने प्रभु और राजा तथा लोगों के मध्य विधान की धर्मविधि सम्पन्न की, जिससे लोग प्रभु के निज लोग बनें। उसने राजा और प्रजा के मध्य भी सन्धि स्थापित की। पवित्र बाइबल तब यहोयादा ने यहोवा, राजा और लोगों के बीच एक सन्धि कराई। इस वाचा से यह पता चलता था कि राजा और लोग यहोवा के अपने ही हैं। यहोयादा ने राजा और लोगों के बीच भी एक वाचा कराई। इस वाचा से यह पता चलता था कि राजा लोगों कि लिये कार्य करेगा और इससे यह पता चलता था कि लोग राजा का आदेश मानेंगे और उसका अनुसरण करेंगे। Hindi Holy Bible तब यहोयादा ने यहोवा के, और राजा-प्रजा के बीच यहोवा की प्रजा होने की वाचा बन्धाई, और उसने राजा और प्रजा के मध्य भी वाचा बन्धाई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहोयादा ने यहोवा के और राजा–प्रजा के बीच यहोवा की प्रजा होने की वाचा बन्धाई, और उसने राजा और प्रजा के मध्य भी वाचा बन्धाई। सरल हिन्दी बाइबल यहोयादा ने उस अवसर पर याहवेह तथा सारी प्रजा और राजा के बीच यह वाचा स्थापित की, कि वे सिर्फ याहवेह ही को समर्पित रहेंगे. एक वाचा राजा और प्रजा के बीच भी स्थापित की गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहोयादा ने यहोवा के, और राजा-प्रजा के बीच यहोवा की प्रजा होने की वाचा बँधाई, और उसने राजा और प्रजा के मध्य भी वाचा बँधाई। |
अत: इस्राएली कुलों के सब धर्मवृद्ध हेब्रोन नगर में राजा दाऊद के पास आए। राजा दाऊद ने उनके साथ हेब्रोन नगर में प्रभु के सम्मुख सन्धि की। उन्होंने दाऊद को इस्राएली प्रदेश का भी राजा बनाने के लिए उसका अभिषेक किया।
सातवें वर्ष में पुरोहित यहोयादा ने दूत भेजकर कारी जाति के सैनिकों और अंगरक्षकों के शतपतियों को बुलाया। पुरोहित यहोयादा ने उन्हें प्रभु के भवन में आने दिया। उसने उनसे सन्धि की। उसने प्रभु के भवन में उनको शपथ दिलाई। तत्पश्चात् उसने उनको राजपुत्र दिखाया।
तब राजा योशियाह मंच पर खड़ा हुआ। उसने प्रभु के साथ यह विधान स्थापित किया, कि वह प्रभु का अनुसरण करेगा, अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से उसकी आज्ञाओं, सािक्षयों तथा संविधियों का पालन करेगा। वह इस विधान की पुस्तक में लिखे गए वचनों पर दृढ़ रहेगा। समस्त जनता ने भी प्रतिज्ञा की, कि वह विधान का पालन करेगी।
अत: इस्राएली समाज के सब धर्मवृद्ध हेब्रोन नगर में राजा दाऊद के पास आए। राजा दाऊद ने उनके साथ हेब्रोन नगर में प्रभु के सम्मुख सन्धि की। उन्होंने दाऊद को इस्राएल देश का राजा बनाने के लिए उसका अभिषेक किया, जैसा कि प्रभु ने शमूएल के माध्यम से कहा था।
तत्पश्चात् पुरोहित यहोयादा ने प्रभु और प्रजा तथा राजा के मध्य विधान की धर्मविधि सम्पन्न की, जिससे वे प्रभु के निज लोग बन सकें।
अब यह मेरी हार्दिक इच्छा है कि मैं इस्राएल के प्रभु परमेश्वर के साथ विधान की धर्मविधि सम्पन्न करूं, जिससे उसकी क्रोधाग्नि हमसे दूर हो जाए।
तब योशियाह मंच पर खड़ा हुआ। उसने प्रभु के साथ विधान की धर्मविधि सम्पन्न की कि वह प्रभु का अनुसरण करेगा, अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से उसकी आज्ञाओं, सािक्षयों, तथा संविधियों का पालन करेगा। वह इस विधान की पुस्तक में लिखे गए वचनों पर दृढ़ रहेगा।
इसलिए आइए, हम अपने परमेश्वर से प्रतिज्ञा करें और आपके तथा परमेश्वर की आज्ञा के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखने वालों के परामर्श के अनुसार इन विदेशी पत्नियों और उनकी सन्तान को अपने समाज से निकाल दें। यह कार्य व्यवस्था के अनुसार किया जाए।
‘इन सब बातों के कारण हम तेरे साथ सुदृढ़ व्यवस्थान स्थापित करते हैं। हम उसको लिख देते हैं; और उस पर हमारे शासक, उपपुरोहित और पुरोहित हस्ताक्षर करेंगे।’
यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह ने यरूशलेम में अपनी प्रजा से यह समझौता किया कि उसकी प्रजा के सब लोग दास-प्रथा को समाप्त कर दें,
वे अपनी उदारता में हमारी आशा से बहुत अधिक आगे बढ़ गये। उन्होंने पहले परमेश्वर के प्रति और बाद में, परमेश्वर की इच्छा के अनुसार, हमारे प्रति अपने को अर्पित किया।
अत: यहोशुअ ने उस दिन इस्राएली लोगों के लिए एक विधान स्थापित किया। उसने वहां शकेम में, संविधियों और न्यास-सिद्धान्त निश्चित किए।
शमूएल ने लोगों को राजा के अधिकार और कर्त्तव्य के विषय में बताया। उसने राजा के अधिकारों और कर्त्तव्यों को एक पुस्तक में लिखा, और पुस्तक को प्रभु के सम्मुख रख दिया। अन्त में शमूएल ने लोगों को उनके घर विदा किया।