2 यूहन्ना 1:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और प्रेम का अर्थ यह है कि हम परमेश्वर की आज्ञाओं के मार्ग पर चलते रहें। जो आदेश आप को प्रारम्भ से प्राप्त है, वह यह है कि आप को प्रेम के मार्ग पर चलना चाहिए। पवित्र बाइबल प्रेम का अर्थ यही है कि हम उसके आदेशों पर चलें। यह वही आदेश है जिसे तुमने प्रारम्भ से ही सुना है कि तुम्हें प्रेमपूर्वक जीना चाहिए। Hindi Holy Bible और प्रेम यह है कि हम उस की आज्ञाओं के अनुसार चलें: यह वही आज्ञा है, जो तुम ने आरम्भ से सुनी है और तुम्हें इस पर चलना भी चाहिए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञाओं के अनुसार चलें; यह वही आज्ञा है जो तुम ने आरम्भ से सुनी है, और तुम्हें इस पर चलना भी चाहिए। नवीन हिंदी बाइबल प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञाओं के अनुसार चलें। आज्ञा यह है जो तुमने आरंभ से सुनी कि तुम प्रेम में चलो। सरल हिन्दी बाइबल प्रेम यही है कि हम उनकी आज्ञा के अनुसार स्वभाव करें. यह वही आज्ञा है, जो तुमने प्रारंभ से सुनी है, ज़रूरी है कि तुम उसका पालन करो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञाओं के अनुसार चलें: यह वही आज्ञा है, जो तुम ने आरम्भ से सुनी है और तुम्हें इस पर चलना भी चाहिए। |
जो मेरी आज्ञाएँ मानते और उनका पालन करते हैं, वे ही मुझ से प्रेम करते हैं और जो मुझ से प्रेम करते हैं, उनसे पिता प्रेम करेगा और मैं भी उनसे प्रेम करूँगा और उन पर अपने को प्रकट करूँगा।
येशु ने उसे उत्तर दिया, “जो मुझ से प्रेम करेंगे, वे मेरे वचन का पालन करेंगे और मेरा पिता उन से प्रेम करेगा और हम उनके पास आएँगे और उनके साथ निवास करेंगे।
यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे; जैसे मैंने भी अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।
तू केवल अपने प्रभु परमेश्वर का अनुसरण करना, उसकी भक्ति करना, उसकी आज्ञाओं का पालन करना, और उसकी वाणी को सुनना। तू उसकी आराधना करना, और उससे सम्बद्ध रहना।
जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्भ से सुना, वह तुम में बना रहे। जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्भ से सुना, यदि वह तुम में बना रहेगा, तो तुम भी पुत्र तथा पिता में बने रहोगे।
परन्तु जो उसके वचन का पालन करता है, उस में सचमुच परमेश्वर का प्रेम परिपूर्णता तक पहुँचता है। हम परमेश्वर में हैं, इसका यह प्रमाण है :
प्रियो! मैं तुम्हें कोई नयी आज्ञा नहीं लिख रहा हूँ। यह वही पुरानी आज्ञा है, जो प्रारम्भ से ही तुम्हें प्राप्त है। यह पुरानी आज्ञा वह वचन है, जिसे तुम सुन चुके हो।
यदि हम यह जानते हैं कि हम जो भी माँगें, वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ परमेश्वर से माँगा है वह हमें मिल गया है।
क्योंकि परमेश्वर का प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करें। उसकी आज्ञाएँ भारी नहीं हैं,
अब, हे महिला! मेरा आप से एक निवेदन है। मैं आप को कोई नया आदेश नहीं, बल्कि वही आदेश लिख रहा हूँ, जो हमें प्रारम्भ से मिला है कि हम एक दूसरे से प्रेम करें।