किन्तु जो कुटिल मार्गों की ओर मुड़ते हैं, उन्हें प्रभु कुकर्मियों के साथ निकाल देगा। इस्राएल को शान्ति मिले!
2 पतरस 2:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ऐसे लोग अपने को प्रदत्त पवित्र आदेशों का ज्ञान प्राप्त कर उन से मुँह फेर लेते हैं। उनके लिए अच्छा यही होता कि उन्हें धर्म-मार्ग का ज्ञान कभी प्राप्त नहीं हुआ होता। पवित्र बाइबल क्योंकि उनके लिए यही अच्छा था कि वे इस धार्मिकता के मार्ग को जान ही नहीं पाते बजाय इसके कि जो पवित्र आज्ञा उन्हें दी गयी थी, उसे जानकर उससे मुँह फेर लेते। Hindi Holy Bible क्योंकि धर्म के मार्ग में न जानना ही उन के लिये इस से भला होता, कि उसे जान कर, उस पवित्र आज्ञा से फिर जाते, जो उन्हें सौंपी गई थी। उन पर यह कहावत ठीक बैठती है, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि धर्म के मार्ग का न जानना ही उनके लिये इससे भला होता कि उसे जानकर, उस पवित्र आज्ञा से फिर जाते जो उन्हें सौंपी गई थी। नवीन हिंदी बाइबल उनके लिए उस पवित्र आज्ञा को जानकर, जो उन्हें सौंपी गई थी, फिर जाने की अपेक्षा भला होता कि वे धार्मिकता के मार्ग को ही न जानते। सरल हिन्दी बाइबल उत्तम तो यही होता कि उन्हें धार्मिकता के मार्ग का अहसास ही न हुआ होता बजाय इसके कि वह उसे जानने के बाद जो पवित्र आज्ञा उन्हें सौंपी गई थी उससे मुंह मोड़ते. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि धार्मिकता के मार्ग का न जानना ही उनके लिये इससे भला होता, कि उसे जानकर, उस पवित्र आज्ञा से फिर जाते, जो उन्हें सौंपी गई थी। |
किन्तु जो कुटिल मार्गों की ओर मुड़ते हैं, उन्हें प्रभु कुकर्मियों के साथ निकाल देगा। इस्राएल को शान्ति मिले!
मुझे सुनने दो, कि प्रभु परमेश्वर क्या कहता है? वह अपनी प्रजा से, अपने भक्तों से, और उनसे, जो हृदय से उसकी ओर लौटते हैं, शान्तिप्रद वचन बोलेगा।
जिस सिर के बाल दीर्घ आयु के कारण पके हैं, वह सुन्दर मुकुट के सदृश है। यह मुकुट सदाचरण के द्वारा प्राप्त होता है।
किन्तु दूसरी ओर, जब धार्मिक व्यक्ति अपने सदाचरण को छोड़कर अधर्म के काम करने लगता है, वह दुर्जन के समान दुराचरण करने लगता है, तो क्या ऐसा व्यक्ति जीवित रहेगा? न्याय के दिन उसका एक भी पुण्य कर्म स्मरण नहीं किया जाएगा। उसने मेरे प्रति विश्वासघात किया है, इसलिए वह दोषी है। उसने पाप किया है; अत: वह निस्सन्देह मरेगा।
‘इसी प्रकार यदि धार्मिक मनुष्य अपने सन्मार्ग से विमुख हो जाए और अधर्म करने लगे, और मैं उसको रोकने के लिए उसके आगे बाधाएँ उत्पन्न करूं, तो वह निस्सन्देह मर जाएगा। अब, क्योंकि तूने उस धार्मिक मनुष्य को चेतावनी नहीं दी थी, इसलिए वह अपने पाप में मरा और उसके सत्कर्मों को स्मरण नहीं किया गया, अत: मैं उसकी मृत्यु का दोष तेरे माथे ही मढूंगा।
‘यदि मैं धार्मिक मनुष्य से कहूँ कि तू जीवित रहेगा, और वह अपनी धार्मिकता पर भरोसा करके अधर्म करे, तो उस के सत्कर्म उसको नहीं बचा सकेंगे। मैं उन को स्मरण नहीं करूंगा। वह अपने अधर्म में मरेगा।
इन्होंने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया है। ये मुझ-प्रभु की खोज नहीं करते; ये मुझसे विमुख हो गए हैं; ये मेरी इच्छा जानने के लिए मेरे पास नहीं आते।’
योहन धर्म का मार्ग दिखाते हुए तुम्हारे पास आए और तुम लोगों ने उन पर विश्वास नहीं किया, परन्तु चुंगी-अधिकारियों और वेश्याओं ने उन पर विश्वास किया। तुम ने यह देखा; फिर भी तुम ने बाद में पश्चात्ताप नहीं किया और न उन पर विश्वास किया।
“अपने स्वामी की इच्छा जान कर भी जिस सेवक ने कुछ तैयार नहीं किया और न उसकी इच्छा के अनुसार काम किया, वह बहुत मार खाएगा।
“यदि मैं नहीं आता और उन्हें शिक्षा नहीं देता, तो उन्हें पाप नहीं लगाता, परन्तु अब तो उनके पास अपने पाप का कोई बहाना नहीं।
येशु ने उन से कहा, “यदि तुम लोग अन्धे होते, तो तुम्हें पाप नहीं लगता, परन्तु तुम तो कहते हो कि हम देखते हैं; इसलिए तुम्हारा पाप बना रहता है।
कि हमारे प्रभु येशु मसीह के प्रकट होने तक निष्कलंक तथा निर्दोष रूप से अपने दायित्व का पालन करो।
क्योंकि सत्य का ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी यदि हम जान-बूझ कर पाप करते रहते हैं, तो पापों के लिए कोई बलि शेष नहीं रह जाती,
आप लोग पवित्र नबियों की भविष्यवाणियाँ और प्रभु एवं मुक्तिदाता की वह आज्ञा याद रखें, जो आपके प्रेरितों ने सुनाई थी।
प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्तु अब मुझे आवश्यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्तों को सौंपा गया है;