2 थिस्सलुनीकियों 3:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भाइयो और बहिनो! आप लोग भलाई करते हुए हिम्मत न हारें। पवित्र बाइबल किन्तु हे भाईयों, जहाँ तक तुम्हारी बात है, भलाई करते हुए कभी थको मत। Hindi Holy Bible और तुम, हे भाइयो, भलाई करने में हियाव न छोड़ो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम, हे भाइयो, भलाई करने में साहस न छोड़ो। नवीन हिंदी बाइबल परंतु हे भाइयो, तुम भलाई करने में साहस न छोड़ो। सरल हिन्दी बाइबल किंतु, प्रिय भाई बहनो, तुम स्वयं वह करने में पीछे न हटना, जो सही और भला है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और तुम, हे भाइयों, भलाई करने में साहस न छोड़ो। |
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है: ‘ओ पुरोहितो! तुम यह भी कहते हो, “यह सब उबानेवाला काम है।” तुम घृणा से मुझ पर नाक-भौं सिकोड़ते हो। बल-प्रयोग से लूटी-छीनी गई वस्तु, लंगड़ा-रोगी पशु तुम मन्दिर में लाते हो−मुझे चढ़ाने के लिए। क्या यह मैं तुम्हारे हाथ से ग्रहण करूंगा? कदापि नहीं!’ प्रभु ने यह कहा है।
येशु ने शिष्यों को यह बतलाने के लिए कि उन्हें सदा प्रार्थना करना चाहिए, और निराश नहीं होना चाहिए, एक दृष्टान्त सुनाया।
जो लोग धैर्यपूर्वक भलाई करते हुए महिमा, सम्मान और अमरत्व की खोज में लगे रहते हैं, परमेश्वर उन्हें शाश्वत जीवन प्रदान करेगा;
जब सब कुछ पुत्र के अधीन कर दिया जायेगा, तब पुत्र स्वयं उस परमेश्वर के अधीन हो जायेगा, जिसने सब कुछ उसके अधीन कर दिया और इस प्रकार परमेश्वर सब पर पूर्ण शासन करेगा।
यही कारण है कि हम हिम्मत नहीं हारते। हमारे शरीर की शक्ति भले ही क्षीण होती जा रही हो, किन्तु हमारे अभ्यन्तर में दिन-प्रतिदिन नये जीवन का संचार होता रहता है;
‘शास्त्री सैनिकों से आगे यह कहेंगे, “ऐसा कौन डरपोक व्यक्ति है, जिसका मनोबल कम हो गया है? वह अपने घर लौट जाए। ऐसा न हो कि उसके हृदय के समान उसके सैनिक भाई-बन्धुओं का हृदय भी निरुत्साह हो जाए।”
परमेश्वर से मेरी प्रार्थना यह है कि आपका प्रेम, ज्ञान में तथा हर प्रकार की अन्तर्दृष्टि में, उत्तरोत्तर बढ़ता जाये,
भाइयो और बहिनो! आप लोग हमसे यह शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं कि किस प्रकार आचरण करना और परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहिए, और आप इसके अनुसार चलते भी हैं। अन्त में, हम प्रभु येशु के नाम पर आपसे आग्रह के साथ अनुनय करते हैं कि आप इस विषय में और आगे बढ़ते जायें।
फिर भी आप उसके साथ शत्रु-जैसा व्यवहार नहीं करें, बल्कि उसे भाई अथवा बहिन की तरह समझायें।
कहीं ऐसा न हो कि आप लोग निराश होकर हिम्मत हार जायें, इसलिए आप उनका स्मरण करते रहें, जिन्होंने पापियों का इतना घोर विरोध सहा।
क्या आप लोग धर्मग्रन्थ का यह प्रबोधन भूल गये हैं, जिस में परमेश्वर आप को अपनी संतान कह कर सम्बोधित करता है? “मेरे बच्चो†! प्रभु के अनुशासन की उपेक्षा मत करो और उसकी फटकार से हिम्मत मत हारो;