काँटों में गिरे हुए बीज वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं, परन्तु आगे चल कर वे चिन्ता, धन-सम्पत्ति और जीवन के भोग-विलास से दब जाते हैं और परिपक्वता तक नहीं पहुँच पाते हैं।
2 तीमुथियुस 2:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो सेना में नाम लिखा चुका है, वह नागरिक जीवन की झंझटों में अपने को नहीं फँसाता, जिससे वह सेना के अधिकारी को प्रसन्न कर सके। पवित्र बाइबल ऐसा कोई भी, जो सैनिक के समान सेवा कर रहा है, अपने आपको साधारण जीवन के जंजाल में नहीं फँसाता क्योंकि वह अपने शासक अधिकारी को प्रसन्न करने के लिए यत्नशील रहता है। Hindi Holy Bible जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करनेवाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फँसाता। नवीन हिंदी बाइबल सैनिक के रूप में कार्य करनेवाला कोई भी व्यक्ति अपने आपको दैनिक जीवन के झंझटों में इसलिए नहीं फँसाता कि वह अपने भरती करनेवाले को प्रसन्न कर सके। सरल हिन्दी बाइबल कोई भी योद्धा रणभूमि में दैनिक जीवन के झंझटों में नहीं पड़ता कि वह योद्धा के रूप में अपने भर्ती करनेवाले को संतुष्ट कर सके. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिए कि अपने वरिष्ठ अधिकारी को प्रसन्न करे, अपने आपको संसार के कामों में नहीं फँसाता |
काँटों में गिरे हुए बीज वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं, परन्तु आगे चल कर वे चिन्ता, धन-सम्पत्ति और जीवन के भोग-विलास से दब जाते हैं और परिपक्वता तक नहीं पहुँच पाते हैं।
इसलिए हम चाहे घर में हों चाहे परदेश में, हमारी एकमात्र अभिलाषा यह है कि हम प्रभु को अच्छे लगें,
मसीह ने स्वतन्त्र बने रहने के लिए ही हमें स्वतन्त्र किया है, इसलिए आप लोग दृढ़ रहें और फिर दासता के जूए में नहीं जुतें।
परमेश्वर ने हमें योग्य समझ कर शुभ समाचार सौंपा है। इसलिए हम मनुष्यों को नहीं, बल्कि हमारा हृदय परखनेवाले परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए उपदेश देते हैं।
क्योंकि देमास इस वर्तमान युग-संसार की ओर आकर्षित हो गया और वह मुझे छोड़ कर थिस्सलुनीके नगर चला गया है। क्रेसेन्स गलातिया प्रदेश को चला गया और तीतुस, दलमतिया प्रदेश को।
जो व्यक्ति हमारे प्रभु एवं मुक्तिदाता येशु मसीह का ज्ञान प्राप्त कर संसार के दूषण से बच गये, वे यदि फिर उसी में फँस कर उसके अधीन हो जाते हैं, तो उनकी यह पिछली दशा पहली से भी बुरी होती है।