कुछ दिन पश्चात् पौलुस ने बरनबास से कहा, “आइए, हमने जिन-जिन नगरों में प्रभु के वचन का प्रचार किया है, वहाँ चल कर भाई-बहिनों से मिलें और यह देखें कि वे कैसे हैं।”
2 कुरिन्थियों 11:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और इन बातों के अतिरिक्त सब कलीसियाओं के विषय में मेरी चिन्ता, जो हर समय मुझे व्याकुल किये रहती है। पवित्र बाइबल और अब और अधिक क्या कहूँ? मुझ पर सभी कलीसियाओं की चिंता का भार भी प्रतिदिन बना रहा है। Hindi Holy Bible और और बातों को छोड़कर जिन का वर्णन मैं नहीं करता सब कलीसियाओं की चिन्ता प्रति दिन मुझे दबाती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और अन्य बातों को छोड़कर जिनका वर्णन मैं नहीं करता, सब कलीसियाओं की चिन्ता प्रतिदिन मुझे दबाती है। नवीन हिंदी बाइबल इनके साथ-साथ और भी बातें हैं, इन सब के अतिरिक्त प्रतिदिन सब कलीसियाओं की चिंता मुझे दबाए रखती है। सरल हिन्दी बाइबल इन सब बाहरी कठिनाइयों के अलावा प्रतिदिन मुझ पर सभी कलीसियाओं की भलाई की चिंता का दबाव रहता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और अन्य बातों को छोड़कर जिनका वर्णन मैं नहीं करता सब कलीसियाओं की चिन्ता प्रतिदिन मुझे दबाती है। |
कुछ दिन पश्चात् पौलुस ने बरनबास से कहा, “आइए, हमने जिन-जिन नगरों में प्रभु के वचन का प्रचार किया है, वहाँ चल कर भाई-बहिनों से मिलें और यह देखें कि वे कैसे हैं।”
पौलुस कुछ समय अन्ताकिया में रहे। तब उन्होंने प्रस्थान किया और गलातिया और फ्रुगिया के क्षेत्रों से होते हुए एक नगर से दूसरे नगर का भ्रमण करते हुए सब शिष्यों को विश्वास में सुदृढ़ करते रहे।
उन्होंने समस्त प्रदेश का दौरा किया और बहुत-से उपदेशों द्वारा विश्वासियों का उत्साह बढ़ाते हुए वह दक्षिण यूनान देश पहुँचे।
अब समस्त यहूदा, गलील तथा सामरी प्रदेशों में कलीसिया को शान्ति मिली और उसका निर्माण होता रहा। वह प्रभु के भय में आचरण करती हुई और पवित्र आत्मा की सान्त्वना प्राप्त कर वृद्धि करती गई।
मैं अपने को यूनानियों और गैर-यूनानियों, ज्ञानियों और अज्ञानियों के प्रति उत्तरदायी समझता हूँ।
मैं आप गैर-यहूदियों से यह कहता हूँ। मैं तो गैर-यहूदियों में प्रचार करने भेजा गया और इस धर्मसेवा पर गर्व भी करता हूँ।
कि मैं, गैर-यहूदियों को लिए येशु मसीह का जन्म-सेवक बनकर, परमेश्वर के शुभ समाचार की सेवा पुरोहित के रूप में करूँ, जिससे गैर-यहूदी, पवित्र आत्मा द्वारा पवित्र किये जाने के बाद, परमेश्वर को अर्पित और सुग्राह्य हो जायें।
जिन्होंने मेरे प्राण बचाने के लिए अपना सिर दाँव पर रख दिया। मैं ही नहीं, बल्कि गैर-यहूदियों की सब कलीसियाएँ उनका आभार मानती हैं।
सामान्य नियम यह है कि हर एक व्यक्ति जिस स्थिति में परमेश्वर द्वारा बुलाया गया है, उसी में बना रहे और उसे प्रभु से जो वरदान मिला है, उसी के अनुरूप जीवन बिताये। मैं सभी कलीसियाओं के लिए यही नियम निर्धारित करता हूँ।
मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया नगर के विश्वासियों और उन सब के लिए जो मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ।