नामान के कर्मचारी उसके समीप आए। उन्होंने नामान से कहा, ‘हमारे पिता, यदि नबी ने आपको कोई बड़ा काम करने को कहा होता तो क्या आप उसको नहीं करते? उनका यह कथन, “स्नान करो और शुद्ध हो जाओ।” कितना सहज है।’
2 कुरिन्थियों 11:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए उसके सेवक भी धार्मिकता के सेवक बनने का स्वांग रचते हैं, किन्तु जैसे उनके काम हैं वैसे ही उनका अन्त होगा। पवित्र बाइबल इसलिए यदि उसके सेवक भी नेकी के सेवकों का सा रूप धर लें तो इसमें क्या बड़ी बात है? किन्तु अंत में उन्हें अपनी करनी के अनुसार फल तो मिलेगा ही। Hindi Holy Bible सो यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कुछ बड़ी बात नहीं परन्तु उन का अन्त उन के कामों के अनुसार होगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कोई बड़ी बात नहीं, परन्तु उनका अन्त उनके कामों के अनुसार होगा। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए यदि उसके सेवक भी धार्मिकता के सेवक होने का ढोंग रचते हैं तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं; उनका अंत उनके कार्यों के अनुसार ही होगा। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये इसमें कोई बड़ी बात नहीं कि उसके सेवक भी जो धार्मिकता के सेवक होने का नाटक करते हैं, जिनका अंत उनके कामों के अनुसार ही होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए यदि उसके सेवक भी धार्मिकता के सेवकों जैसा रूप धरें, तो कुछ बड़ी बात नहीं, परन्तु उनका अन्त उनके कामों के अनुसार होगा। |
नामान के कर्मचारी उसके समीप आए। उन्होंने नामान से कहा, ‘हमारे पिता, यदि नबी ने आपको कोई बड़ा काम करने को कहा होता तो क्या आप उसको नहीं करते? उनका यह कथन, “स्नान करो और शुद्ध हो जाओ।” कितना सहज है।’
इसलिए मैं-प्रभु यह कहता हूं: देखो, मैं नेहेलाम नगर के शमायाह और उसके वंश को दण्ड दूंगा। उस के वंश में एक भी व्यक्ति जीवित नहीं बचेगा, जो उस भलाई के दर्शन कर सकेगा जो मैं अपने निज लोगों के साथ करूंगा, क्योंकि उसने प्रभु से विद्रोहपूर्ण बातें कही हैं। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
नबी झूठी नबूवत करते हैं; पुरोहित उनकी हां में हां मिलाते हैं। मेरे निज लोगों को यह पसन्द भी है। परन्तु जब अन्त आएगा तब तुम क्या करोगे?
‘मैंने धार्मिक व्यक्ति को निराश नहीं होने दिया, लेकिन तुमने अपनी झूठी भविष्यवाणियों से उसको निराश किया। तुमने दुर्जन को उत्साहित किया कि वह अपने दुराचरण को न छोड़े। यदि दुर्जन अपना दुराचरण छोड़ देता तो वह जीवित रहता।
और कहा, “तू शैतान की संतान है! तू धूर्तता और कपट से कूट-कूट कर भरा हुआ है और हर प्रकार की धार्मिकता का शत्रु है! क्या तू प्रभु के सीधे मार्ग टेढ़े बनाने से बाज़ नहीं आयेगा?
यदि ऐसी बात है, तो हम बुराई क्यों न करें, जिससे भलाई उत्पन्न हो? जैसा कि कुछ लोग जो हमारी निंदा करते हैं, कहते हैं कि हम यही सिखाते हैं। ऐसे लोग दण्डाज्ञा के योग्य हैं।
यदि हम ने आप लोगों के लिए आध्यात्मिक बीज बोये हैं, तो क्या आप से भौतिक फसल की आशा करना कोई बड़ी बात है?
क्योंकि वे झूठे प्रेरित और कपटपूर्ण कार्यकर्ता हैं, जो मसीह के प्रेरित होने का स्वांग रचते हैं।
वे मसीह के सेवक हैं? मैं नादानी की झोंक में कहता हूँ कि मैं इस में उन से बढ़ कर हूँ। मैंने उन से अधिक परिश्रम किया, अधिक समय बन्दीगृह में बिताया और अधिक बार कोड़े खाए। मैं बारम्बार मौत के मुँह में पड़ा।
यदि दोषी ठहराने की प्रक्रिया में सेवाकार्य इतना तेजस्वी था, तो दोषमुक्त करने की प्रक्रिया में सेवाकार्य कहीं अधिक तेजोमय होगा।
क्योंकि हमें निरे मनुष्यों से नहीं, बल्कि वर्तमान अन्धकार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा महाशासकों से, स्वर्गिक क्षेत्र के दुष्ट आत्माओं से ही संघर्ष करना पड़ता है।
उन लोगों का अन्त सर्वनाश है। वे भोजन को अपना ईश्वर बना लेते हैं और ऐसी बातों पर गर्व करते हैं, जिन पर लज्जा करनी चाहिए। उनका मन संसार की वस्तुओं में लगा हुआ है।
वे लोभ के कारण अपनी मनगढ़न्त बातों द्वारा आप से अनुचित लाभ उठायेंगे। उनकी दण्डाज्ञा का निर्णय बहुत पहले हो चुका है और वह उनका पीछा कर रहा है। उनका विनाश सोया हुआ नहीं है!
क्योंकि कुछ व्यक्ति आप लोगों के बीच छिप कर घुस आये हैं। इन धर्मद्रोही लोगों की दण्डाज्ञा प्राचीन काल से धर्मग्रन्थ में लिखी हुई है। ये धर्मद्रोही हमारे परमेश्वर की कृपा को विलासिता का बहाना बनाते और हमारे एकमात्र स्वामी एवं प्रभु येशु मसीह को अस्वीकार करते हैं।
पशु के निरीक्षण में उस को जिन चमत्कारों को दिखाने की अनुमति मिली है, उन चमत्कारों द्वारा वह पृथ्वी के निवासियों को बहकाता है। वह पृथ्वी के निवासियों द्वारा उस पशु के आदर में एक प्रतिमा बनवाता है, जो तलवार का प्रहार सहने पर भी जीवित है।
मैंने जिस पशु को देखा, वह चीते के सदृश था, किन्तु उसके पैर भालू के पैरों-जैसे थे और उसका मुँह सिंह के मुँह-जैसा था। पंखदार सर्प ने उसे अपना सामर्थ्य, अपना सिंहासन और महान अधिकार प्रदान किया।
उनका एक राजा था, अर्थात अगाध गर्त्त का दूत, जिसका नाम इब्रानी में अबद्दोन है और यूनानी में अप्पुलयोन।