मेरी ओर अपना कान दे, हे प्रभु, मेरी प्रार्थना को सुन; अपनी आंखों को खोल। हे प्रभु, मेरी विपत्ति पर ध्यान दे। सनहेरिब के सन्देश को सुन, जो उसने तुझ, जीवित परमेश्वर का मजाक उड़ाने के लिए भेजा है।
2 इतिहास 6:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस भवन की ओर, जिसके विषय में तूने यह कहा था, “मेरा नाम वहां प्रतिष्ठित होगा,” तेरी आंखें रात-दिन खुली रहें। इस स्थान के सम्बन्ध में तेरा सेवक, जो प्रार्थना कर रहा है, उसको तू सुन। पवित्र बाइबल मैं प्रार्थना करता हूँ कि तेरी आँखें मन्दिर को देखने के लिये दिन रात खुली रहें। तूने कहा था कि तू इस स्थान पर अपना नाम अंकित करेगा। मन्दिर को देखता हुआ जब मैं तुझसे प्रार्थना कर रहा हूँ तो तू मेरी प्रार्थना सुन। Hindi Holy Bible वह यह है कि तेरी आंखें इस भवन की ओर, अर्तात इसी स्थान की ओर जिसके विषय में तू ने कहा है कि मैं उस में अपना नाम रखूंगा, रात दिन खुली रहें, और जो प्रार्थना तेरा दास इस स्थान की ओर करे, उसे तू सुन ले। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह यह है कि तेरी आँखें इस भवन की ओर, अर्थात् इसी स्थान की ओर जिसके विषय में तू ने कहा है कि मैं उसमें अपना नाम रखूँगा, रात दिन खुली रहें, और जो प्रार्थना तेरा दास इस स्थान की ओर करे, उसे तू सुन ले। सरल हिन्दी बाइबल कि यह भवन दिन-रात हमेशा आपकी दृष्टि में बना रहे, उस स्थान पर, जिसके बारे में आपने कहा था कि आप वहां अपनी महिमा की स्थापना करेंगे, कि आप उस प्रार्थना पर ध्यान दें, जो आपका सेवक इसकी ओर फिरकर करेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह यह है कि तेरी आँखें इस भवन की ओर, अर्थात् इसी स्थान की ओर जिसके विषय में तूने कहा है कि मैं उसमें अपना नाम रखूँगा, रात-दिन खुली रहें, और जो प्रार्थना तेरा दास इस स्थान की ओर करे, उसे तू सुन ले। |
मेरी ओर अपना कान दे, हे प्रभु, मेरी प्रार्थना को सुन; अपनी आंखों को खोल। हे प्रभु, मेरी विपत्ति पर ध्यान दे। सनहेरिब के सन्देश को सुन, जो उसने तुझ, जीवित परमेश्वर का मजाक उड़ाने के लिए भेजा है।
सम्पूर्ण पृथ्वी पर प्रभु की दृष्टि यहां से वहां दौड़ती रहती है, ताकि वह अपने उन भक्तों को अपना सामर्थ्य दिखा सके जो निष्कलंक हृदय से प्रभु पर विश्वास करते हैं। किन्तु महाराज, आपने यह बहुत मूर्खतापूर्ण कार्य किया। इसलिए अब से आप निरन्तर युद्ध में जूझते रहेंगे।’
“हे परमेश्वर, तेरा नाम इस भवन में प्रतिष्ठित है। अत: जब हम पर अनिष्ट का बादल छाएगा, जब हम पर शत्रु की तलवार का प्रहार होगा, हम पर महामारी और अकाल की छाया पड़ेगी, अथवा जब तू हमें न्यायपूर्ण दण्ड देगा, तब हम तेरे इस भवन में तेरे सम्मुख खड़े होंगे, और अपने संकट में तेरी दुहाई देंगे। तब प्रभु, तू हमारी प्रार्थना सुनेगा, और हमें बचाएगा।”
हे मेरे प्रभु परमेश्वर, अपने सेवक की प्रार्थना और उसकी विनती पर ध्यान दे। जो दुहाई और प्रार्थना आज तेरा सेवक तेरे सम्मुख प्रस्तुत कर रहा है, उसको तू सुन।
अब हे मेरे परमेश्वर, जो प्रार्थना तेरे इस भवन में की जाए, उसकी ओर तेरी आंखें सदा खुली रहें, तू उसकी ओर कान देना।
उसने यह कहा था, “जिस दिन मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों को मिस्र देश से बाहर निकाला, उस दिन से आज तक मैंने इस्राएली कुलों का कोई भी नगर नहीं चुना कि मैं एक भवन बनाऊं और वहां मेरा नाम प्रतिष्ठित हो। मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों पर शासन करने के लिए भी किसी व्यक्ति को नहीं चुना।
किन्तु मैंने यरूशलेम में अपना नाम प्रतिष्ठित करने के लिए उसको चुना। मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों पर शासन करने के लिए दाऊद को चुना।”
मेरी आंखें सब समय इस भवन पर लगी रहेंगी। जो प्रार्थना इस भवन में की जाएगी, उसको मैं सुनूंगा।
प्रभु, तू मेरी ओर कान लगा, अपनी आंखों को खोल और मेरी प्रार्थना को, अपने सेवक के निवेदन को, सुन जो मैं तेरे सेवकों, इस्राएली लोगों के लिए अब दिन-रात कर रहा हूँ। प्रभु, हमने तेरे विरुद्ध पाप किया है, मैं इस्राएली कौम के इस पाप को स्वीकार करता हूँ। निस्सन्देह मैंने और मेरे पितृकुल ने पाप किया है।
देखो, प्रभु की दृष्टि उन लोगों पर है जो उससे डरते हैं; और उन पर है जो उसकी करुणा की प्रतीक्षा करते हैं;
जब दानिएल को यह मालूम हुआ कि निषेधाज्ञा के पत्र पर सम्राट दारा का हस्ताक्षर हो गया, तब वह अपने घर गए। उनके घर की ऊपरी मंजिल के कमरे की खिड़कियां यरूशलेम नगर की दिशा में खुलती थीं। वह दिन में तीन बार घुटने टेककर परमेश्वर से प्रार्थना करते और उसको धन्यवाद दिया करते थे। आज भी उन्होंने वैसा ही किया।
तब तुम उस स्थान पर, जिसको तुम्हारा प्रभु परमेश्वर चुनेगा और अपने नाम को वहां प्रतिष्ठित करेगा, ये सब वस्तुएं लाना, जिनका आदेश मैंने तुम्हें दिया है : तुम्हारी अग्नि-बलि और पशु-बलि, तुम्हारा दशमांश तथा भेंट जिसको तुम चढ़ाते हो, और तुम्हारी समस्त मन्नत-बलि, जिसकी मन्नत तुम प्रभु से मानते हो।
तब तू भूमि की समस्त प्रथम फल में से कुछ उपज लेना, जो तूने उस देश में उत्पन्न की है जिसको तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दिया है। तू उसको एक टोकरी में रखना, और उस स्थान को जाना, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर चुनेगा और वहां अपना नाम प्रतिष्ठित करेगा।