यिर्मयाह का इतिहास : यिर्मयाह के पिता का नाम हिल्कियाह था। उनका पिता बिन्यामिन कुलक्षेत्र के अनातोत नगर के पुरोहितों में से एक था।
2 इतिहास 36:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि प्रभु ने अपने नबी यिर्मयाह के माध्यम से ऐसा ही कहा था। विश्राम-कालों का पालन न करने के कारण अब इस्राएल देश को विश्राम मिला। सत्तर वर्ष तक देश उजाड़ पड़ा रहा, और उसने विश्राम मनाया। पवित्र बाइबल इस प्रकार यहोवा ने, इस्राएल के लोगों को जो कुछ यिर्मयाह नबी से कहलवाया, वह सब ठीक घटित हुआ। यहोवा ने यिर्मयाह द्वारा कहा था: “यह स्थान सत्तर वर्ष तक सूना उजाड़ देश रहेगा। यह सब्त विश्राम की क्षतिपूर्ति के रूप में होगा जिसे लोग नहीं करते।” Hindi Holy Bible यह सब इसलिये हुआ कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुंह से निकला था, वह पूरा हो, कि देश अपने विश्राम कालों में सुख भोगता रहे। इसलिये जब तक वह सूना पड़ा रहा तब तक अर्थात सत्तर वर्ष के पूरे होने तक उसको विश्राम मिला। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह सब इसलिये हुआ कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुँह से निकला था, वह पूरा हो, कि देश अपने विश्राम कालों में सुख भोगता रहे। इसलिये जब तक वह सूना पड़ा रहा तब तक अर्थात् सत्तर वर्ष के पूरे होने तक उसको विश्राम मिला। सरल हिन्दी बाइबल यह भविष्यद्वक्ता येरेमियाह द्वारा की गई याहवेह की भविष्यवाणी पूरी हुई थी, कि भूमि उन सत्तर सालों का शब्बाथ प्राप्त कर सके, जिनसे इसे दूर रखा गया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह सब इसलिए हुआ कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुँह से निकला था, वह पूरा हो, कि देश अपने विश्रामकालों में सुख भोगता रहे। इसलिए जब तक वह सूना पड़ा रहा तब तक अर्थात् सत्तर वर्ष के पूरे होने तक उसको विश्राम मिला। |
यिर्मयाह का इतिहास : यिर्मयाह के पिता का नाम हिल्कियाह था। उनका पिता बिन्यामिन कुलक्षेत्र के अनातोत नगर के पुरोहितों में से एक था।
इसलिए मैं उत्तर दिशा में रहनेवाले कबीलों को तथा बेबीलोन के राजा, अपने सेवक नबूकदनेस्सर को भेजूंगा। मैं इस देश पर, इस देश के निवासियों पर तथा इस देश के आसपास के सब राष्ट्रों पर कबीलों तथा नबूकदनेस्सर से आक्रमण कराऊंगा। मैं इन सब को पूर्णत: नष्ट कर दूंगा, और इनको आतंक का कारण बना दूंगा। ये सदा के लिए उजड़ जाएंगे और इनको देखकर अन्य कौमों के लोग व्याकुल हो जाएंगे।
‘मैं-प्रभु यों कहता हूँ: जब बेबीलोन के सत्तर वर्ष पूरे हो जाएंगे, तब मैं तुम्हारी सुधि लूंगा, और जो सुन्दर वचन मैंने तुम्हें दिया है, वह पूरा करूंगा, और तुमको यहां वापस लाऊंगा।
उसके राज्य-काल के प्रथम वर्ष में मैं-दानिएल ने धर्मग्रन्थों में उल्लिखित उन वर्षों की संख्या की गणना कर ली, जिनके दौरान यरूशलेम नगर उजाड़ पड़ा रहेगा, जैसा प्रभु ने नबी यिर्मयाह के माध्यम से बताया था। यह संख्या थी सत्तर वर्ष।
किन्तु पहले भूमि उनके द्वारा निर्जन छोड़ी जाएगी। जब तक भूमि उनके न रहने से निर्जन रहेगी, वह विश्राम वर्षों का आनन्दपूर्वक पालन करेगी। वे अपने अधर्म के दण्ड को स्वीकार करेंगे; क्योंकि उन्होंने मेरे न्याय-सिद्धान्तों की अवहेलना की है, उनके प्राणों ने मेरी संविधियों से घृणा की है।
तब प्रभु के दूत ने कहा, ‘हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, तू कब तक यरूशलेम पर और यहूदा प्रदेश के नगरों पर दया नहीं करेगा? तू उनसे पिछले सत्तर वर्षों से नाराज है।’
मैंने उन्हें बवण्डर के द्वारा अनेक राष्ट्रों में जिन्हें वे नहीं जानते थे, बिखेर दिया। उनका देश जिसको उन्हें छोड़ना पड़ा, उजड़ गया। उस उजड़े देश में किसी ने कदम भी नहीं रखा। हरा-भरा देश उजाड़ हो गया।” ’