अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
2 इतिहास 34:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे बोझा और भार उठानेवालों के निरीक्षक थे। वे सब प्रकार का काम करनेवाले मजदूरों के कार्य का संचालन करते थे। कुछ उपपुरोहित लिपिक, अफसर और द्वारपाल थे। Hindi Holy Bible फिर वे बोझियों के अधिकारी थे और भांति भांति की सेवकाई और काम चलाने वाले थे, और कुछ लेवीय मुंशी सरदार और दरबान थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर वे बोझियों के अधिकारी थे और भाँति भाँति की सेवा और काम चलानेवाले थे, और कुछ लेवीय मुंशी, सरदार और दरबान थे। इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर वे बोझियों के अधिकारी थे और भाँति-भाँति की सेवा और काम चलानेवाले थे, और कुछ लेवीय मुंशी सरदार और दरबान थे। |
अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
इनके साथ इनके चचेरे भाई-बन्धु भी थे जो उनके सहायक थे। उनके नाम इस प्रकार हैं: जकर्याह, यअजीएल, शमीरमोट, यहीएल, ऊन्नी, एलीआब, बनायाह, मअसेयाह, मत्तित्याह, एलीपलेहू और मिकनेयाह तथा ओबेद-एदोम और यीईएल, जो द्वारपाल थे।
इनके अतिरिक्त वहाँ ओबेद-एदोम और उसके अड़सठ चचेरे भाई-बन्धु भी थे। ओबेद-एदोम बेन-यदूतून और होसाह प्रहरी थे।
हेमान और यदूतून के पास बजाने के लिए तुरहियां और झांझ थे। इनके अतिरिक्त पवित्र राग बजाने के लिए अन्य वाद्य यन्त्र भी थे। यदूतून के पुत्र द्वार पर नियुक्त थे।
मन्दिर के द्वारपाल ये थे : शल्लूम, अक्कूब, टलमोन और अहीमान तथा उनके चचेरे भाई-बन्धु। शल्लूम मुख्य द्वारपाल था।
और सुनो, महापुरोहित अमर्याह प्रभु की आराधना सम्बन्धी सब मुकद्दमों का निर्णय करेंगे। वह तुम्हारे प्रमुख न्यायाधीश होंगे। राजा से सम्बन्धित सब राजकीय मामलों का निपटारा यहूदा कुल के प्रशासक जबद्याह बेन-यिश्माएल करेंगे। वह राजकीय मुकद्दमों में तुम्हारे प्रमुख न्यायाधीश होंगे। लेवी वंश के उप-पुरोहित तुम्हारी सहायता करने वाले मुन्शी होंगे। अत: साहस और धैर्य से न्याय करो। निष्कपट मनुष्य के साथ प्रभु हो।’
मैं लकड़ी काटने वाले आपके सेवकों के लिए दो हजार टन गेहूं, दो हजार टन जौ, नौ लाख लिटर अंगूर का रस और नौ लाख लिटर तेल दूंगा।’
उनमें से उसने सत्तर हजार को बोझा ढोने का काम दिया, अस्सी हजार को पहाड़ी क्षेत्र में पत्थर फोड़ने का काम दिया, और तीन हजार छ: सौ को निरीक्षक नियुक्त किया, जो मजदूरों से काम कराते थे।
राजा सुलेमान की सेवा में दो सौ पचास उच्चाधिकारी थे जो जनता के मध्य राज्य-कार्य चलाते थे।
उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्त्र बजाते थे, बल्कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्योंकि परमेश्वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था।
यहूदियों ने कहा, ‘बोझ ढोने वालों का बल घटने लगा; पर मलवा अभी बहुत बचा है! शहरपनाह अब हम नहीं उठा सकते।’
‘तुम यह कैसे कह सकते हो कि तुम बुद्धिमान हो, और मेरी व्यवस्था तुम्हारे साथ है? किन्तु देखो, शास्त्रियों ने उसका क्या किया? अपनी झूठी कलम से उसको भी झूठ बना दिया।
अब काइफा नामक प्रधान महापुरोहित के महल में अन्य महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध एकत्र हुए।