इसहाक ने उस देश में भूमि पर अनाज बोया और उसी वर्ष सौ गुना उपज प्राप्त की। प्रभु ने उनको आशिष दी।
2 इतिहास 31:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सादोक-वंशीय महापुरोहित अजर्याह ने उसको बताया, ‘महाराज, जबसे लोग प्रभु के भवन में भेंट लाने लगे हैं, तबसे हमें पर्याप्त भोजन प्राप्त होने लगा है। सच तो यह है कि वे इतनी अधिक भेंट चढ़ाते हैं, कि भरपेट खाने के बाद भी अत्यधिक बच जाता है। प्रभु ने अपने निज लोग इस्राएलियों पर आशिष की वर्षा की है। उसके कारण ही हमारे पास यह ढेर बच गया है।’ पवित्र बाइबल सादोक परिवार के मुख्य याजक अजर्याह ने हिजकिय्याह से कहा, “क्योंकि लोगों ने भेंटों को यहोवा के मन्दिर में लाना आरम्भ कर दिया है अत: हम लोगों के पास खाने के लिये बहुत अधिक है। हम लोगों ने पेट भर खाया और अभी तक हम लोगों के पास बहुत बचा है! यहोवा ने अपने लोगों को सच में आशीष दी है। इसलिये हम लोगों के पास यह सब बचा है।” Hindi Holy Bible और अजर्याह महायाजक ने जो सादोक के घराने का था, उस से कहा, जब से लोग यहोवा के भवन में उठाई हुई भेंटें लाने लगे हैं, तब से हम लोग पेट भर खाने को पाते हैं, वरन बहुत बचा भी करता है; क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को आशीष दी है, और जो शेष रह गया है, उसी का यह बड़ा ढेर है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अजर्याह महायाजक ने जो सादोक के घराने का था, उससे कहा, “जब से लोग यहोवा के भवन में उठाई हुई भेंटें लाने लगे हैं, तब से हम लोग पेट भर खाने को पाते हैं, वरन् बहुत बचा भी करता है; क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को आशीष दी है, और जो शेष रह गया है, उसी का यह बड़ा ढेर है।” सरल हिन्दी बाइबल सादोक परिवार से प्रमुख पुरोहित अज़रियाह ने राजा को उत्तर दिया, “जब से याहवेह के भवन में भेंटें लाने लगे हैं, हमारे लिए भोजन की सामग्री बहुत हो गई है. यह सब बचा हुआ है क्योंकि याहवेह ने अपनी प्रजा को आशीष दी है; इतनी, कि बचे हुए भाग की यह बड़ी मात्रा रह गई है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अजर्याह महायाजक ने जो सादोक के घराने का था, उससे कहा, “जब से लोग यहोवा के भवन में उठाई हुई भेंटें लाने लगे हैं, तब से हम लोग पेट भर खाने को पाते हैं, वरन् बहुत बचा भी करता है; क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को आशीष दी है, और जो शेष रह गया है, उसी का यह बड़ा ढेर है।” |
इसहाक ने उस देश में भूमि पर अनाज बोया और उसी वर्ष सौ गुना उपज प्राप्त की। प्रभु ने उनको आशिष दी।
कारागार का मुख्याधिकारी यूसुफ के हाथ में सौंपी गई किसी भी वस्तु को देखता तक न था; क्योंकि प्रभु यूसुफ के साथ था। जो कुछ भी यूसुफ करता था, प्रभु उसे सफल बनाता था।
जिस समय से पोटीफर ने उसे अपने घर का निरीक्षक बनाया, और उसके हाथ में अपना सब कुछ सौंपा, उस समय से प्रभु ने यूसुफ के कारण उस मिस्र-निवासी के घर को आशिष दी। उसके घर और खेत की प्रत्येक वस्तु पर प्रभु की आशिष होने लगी।
तत्पश्चात् राजा ने योआब के स्थान पर बनायाह बेन-यहोयादा को सेनापति तथा एबयातर के स्थान पर सादोक को पुरोहित नियुक्त किया।
हे हमारे प्रभु परमेश्वर, यह सब भेंट, जो हमने तेरे पवित्र नाम की प्रतिष्ठा के लिए, तेरे भवन के निर्माण के लिए एकत्र की है, वह हमें तेरे ही हाथ से प्राप्त हुई थी। यह सब तेरा ही है।
उसी समय उसके पीछे-पीछे पुरोहित अजर्याह गया। पुरोहित अजर्याह के साथ प्रभु के अस्सी पुरोहित थे जो शूरवीर भी थे।
कोनन्याह और उसके भाई की सहायता करने के लिए राजा हिजकियाह तथा परमेश्वर के भवन के मुख्य अधिकारी महापुरोहित अजर्याह ने निम्नलिखित प्रबन्धकों को नियुक्त किया था: यहीएल, अजज्याह, नहत, असाहेल, यरीमोत, योजाबाद, एलीएल, यिस्मक्याह, महत और बनायाह।
क्योंकि जितनी सामग्री कामगारों के पास एकत्र हो चुकी थी, वह निर्माण के सब कार्यों के लिए पर्याप्त थी। वस्तुत: पर्याप्त से अधिक थी।
मुक्त हृदय से लुटानेवाला मनुष्य धनवान होता जाता है; पर जो मनुष्य जितना देना चाहिए उतना नहीं देता; वह अभावग्रस्त हो जाता है।
‘किन्तु लेवी कुल के पुरोहित, जो सादोक के वंशज हैं, मेरी सेवा करने के लिए मेरे समीप आएंगे। ये सादोक के वंशज मेरी सेवा में बलि-पशु की चर्बी और रक्त चढ़ाएंगे। जब इस्राएली मुझे छोड़कर भटक गए थे, तब सादोक-वंशीय पुरोहित ही मेरे पवित्र स्थान में सेवा-कार्य करते रहे। मैं, स्वामी-प्रभु यही कहता हूँ।
सब प्रकार की प्रथम उपज में से सर्वोत्तम उपज, मुझे चढ़ाई गई सब प्रकार की भेंटों पर पुरोहितों का हक होगा। तुम नए अन्न का पहिला गूंधा हुआ आटा भी पुरोहित को देना जिससे तुम्हारे घर पर आशिष की वर्षा हो।
तो मैं छठे वर्ष तुम पर अपनी आशिष प्रेषित करूंगा जिससे भूमि की उपज तीन वर्ष के लिए पर्याप्त होगी।
‘अपने हृदय में विचार करो: आगे क्या होगा? जिस दिन मुझ-प्रभु के मन्दिर की नींव डाली गई थी, उस दिन से, अर्थात् नवें महीने की चौबीसवीं तारीख से, आगे की स्थिति पर विचार करो।
‘मेरे भण्डार-गृह में पूर्ण दशमांश लाओ, जिससे मेरे भवन में भोजन-वस्तु रहे। तब मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे खोलकर तुम्हारे लिए वर्षा करता हूँ कि नहीं, मैं तुम पर आशिष की वर्षा करता हूँ कि नहीं।’
परमेश्वर ने बिल्आम से कहा, ‘तू बालाक के लोगों के साथ नहीं जाएगा, और उन लोगों को श्राप नहीं देगा; क्योंकि वे मेरी आशिष पाए हुए लोग हैं।’
सब ने खाया और वे खा कर तृप्त हो गये और शिष्यों ने बचे हुए टुकड़ों से भरे सात टोकरे उठाये।
प्रभु आशिष को आदेश देगा कि वह तेरे खत्तों और सब उद्यमों में तेरे साथ जाए। जो देश तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे दे रहा है, उसमें वह तुझे आशिष देगा।
अब मुझे पूर्ण राशि प्राप्त हो गई है; मैं सम्पन्न हूँ। इपफ्रोदितुस से आपकी भेजी हुई वस्तुएँ पा कर मैं समृद्ध हो गया हूँ। आप लोगों की यह भेंट एक मधुर सुगन्ध है, एक सुग्राह्य बलि है, जो परमेश्वर को प्रिय है।
शरीर के व्यायाम से कुछ लाभ तो होता है, किन्तु भक्ति से जो लाभ मिलता है, वह असीम है; क्योंकि वह जीवन का आश्वासन देती है, इहलोक में भी और परलोक में भी।