तब उसने लोगों से विचार-विमर्श किया, और कुछ गायकों को नियुक्त किया कि वे पवित्र वस्त्र पहिन कर प्रभु का स्तुति-गान करें, और जब सेना प्रस्थान करे तब वे उसके आगे-आगे यह गाएं : “प्रभु की स्तुति करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।”
2 इतिहास 30:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएली राष्ट्र के लोगों ने जो यरूशलेम में उपस्थित थे, बड़े आनन्द-उत्साह के साथ सात दिन तक बेखमीर रोटी का पर्व मनाया। उप-पुरोहित तथा पुरोहित प्रतिदिन प्रभु की स्तुति गाते थे। वे जोर-शोर से प्रभु का स्तुति-गान करते थे। पवित्र बाइबल इस्राएल की सन्तानों ने यरूशलेम में अखमीरी रोटी का उत्सव सात दिन तक मनाया। वे बहुत प्रसन्न थे। लेवीवंशी और याजकों ने अपनी पूरी शक्ति से हर एक दिन यहोवा की स्तुति की। Hindi Holy Bible और जो इस्राएली यरूशलेम में उपस्थित थे, वे सात दिन तक अखमीरी रोटी का पर्व्व बड़े आनन्द से मनाते रहे; और प्रतिदिन लेवीय और याजक ऊंचे शब्द के बाजे यहोवा के लिये बजा कर यहोवा की स्तुति करते रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो इस्राएली यरूशलेम में उपस्थित थे, वे सात दिन तक अखमीरी रोटी का पर्व बड़े आनन्द से मनाते रहे; और प्रतिदिन लेवीय और याजक ऊँचे शब्द के बाजे यहोवा के लिये बजाकर यहोवा की स्तुति करते रहे। सरल हिन्दी बाइबल इस्राएल के वंशजों ने, जो इस समय येरूशलेम में थे, सात दिन तक बड़े आनंद के साथ अखमीरी रोटी का उत्सव मनाया. लेवी और पुरोहित दिन-प्रतिदिन वाद्यों की आवाजों की संगत पर याहवेह की स्तुति करते रहते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो इस्राएली यरूशलेम में उपस्थित थे, वे सात दिन तक अख़मीरी रोटी का पर्व बड़े आनन्द से मनाते रहे; और प्रतिदिन लेवीय और याजक ऊँचे शब्द के बाजे यहोवा के लिये बजाकर यहोवा की स्तुति करते रहे। |
तब उसने लोगों से विचार-विमर्श किया, और कुछ गायकों को नियुक्त किया कि वे पवित्र वस्त्र पहिन कर प्रभु का स्तुति-गान करें, और जब सेना प्रस्थान करे तब वे उसके आगे-आगे यह गाएं : “प्रभु की स्तुति करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।”
इसके पश्चात् राजा हिजकियाह और उसके उच्चाधिकारियों ने उप-पुरोहितों को आदेश दिया कि वे राजा दाऊद तथा द्रष्टा आसाफ के रचे हुए गीतों से प्रभु का स्तुति-गान करें। अत: उप-पुरोहितों ने हर्ष और उल्लास से स्तुति-गान गाए, और राजा तथा उसके साथ उपस्थित आराधकों ने प्रभु के सम्मुख सिर झुकाकर आराधना की।
केवल आशेर, मनश्शे और जबूलून के कुछ लोगों ने अपने हृदय को विनम्र किया और वे प्रभु के सम्मुख यरूशलेम में आए।
यरूशलेम में चारों ओर हर्ष ही हर्ष था। इस्राएल देश के राजा दाऊद के पुत्र सुलेमान के समय के बाद ऐसा आनन्द यरूशलेम में कभी नहीं मनाया गया था।
उपस्थित इस्राएलियों ने उसी दिन पास्का का पर्व मनाया तथा वे सात दिन तक बेखमीर रोटी का पर्व मनाते रहे।
सातवें महीने की तेईस तारीख को राजा सुलेमान ने लोगों को विदा किया, और लोग अपने-अपने घर को लौट गए। उनके हृदय आनन्द और हर्ष से भरे हुए थे कि प्रभु ने अपने सेवक दाऊद और राजा सुलेमान तथा अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए कितने भले कार्य किए हैं।
फिर उसने उनसे कहा, ‘अब जाओ, अच्छे से अच्छा भोजन खाओ, और मधु तथा मीठा रस पीओ। उन गरीबों को भोजन खिलाओ, जिनके घर में चूल्हा भी नहीं जलता है, क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिए पवित्र है। उदास मत हो; क्योंकि प्रभु का आनन्द तुम्हारी शक्ति है।’
इस प्रकार समस्त धर्मसभा ने, अर्थात् उन सब लोगों ने, जो निष्कासन से लौटे थे, मण्डप बनाए और वे उनमें पर्व मनाने के लिए रहने लगे। यहोशुअ बेन-नून के समय से अब तक इस्राएलियों ने इस प्रकार पर्व नहीं मनाया था। अत: लोगों ने खूब उत्साह से यह पर्व मनाया।
तुम सात दिन तक बेखमीर रोटी खाना। तुम पहले ही दिन अपने-अपने घरों से खमीर दूर करना; क्योंकि जो व्यक्ति पहले दिन से सातवें दिन तक, इस अवधि में खमीरी वस्तु खाएगा, वह इस्राएली समाज में से नष्ट किया जाएगा।
और इसी महीने के पन्द्रहवें दिन प्रभु के लिए बेखमीर रोटी का यात्रा-पर्व मनाया जाएगा। तुम सात दिन तक बेखमीर रोटी खाना।
पर्व के दिन समाप्त हुए तो वे लौटे; परन्तु किशोर येशु यरूशलेम में ही रह गया। उसके माता-पिता यह नहीं जानते थे।
वे प्रतिदिन मन्दिर में एक भाव से उपस्थित होते, घर-घर में रोटी तोड़ते और निष्कपट हृदय से आनन्दपूर्वक एक साथ भोजन करते थे।
तुम अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख अपने पुत्र-पुत्रियों, सेवक-सेविकाओं तथा तुम्हारे नगर के भीतर रहनेवाले लेवी जन के साथ आनन्द मनाना, क्योंकि तुम्हारे साथ लेवी का कोई अंश अथवा पैतृक सम्पत्ति नहीं।
तुम वहीं अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख भोजन करना। तुम अपने समस्त परिवार के साथ अपने उद्यम के लिए आनन्द मनाना, जिस पर तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने आशिष दी है।
तू अपने पुत्र-पुत्रियों, सेवक-सेविकाओं, तथा तेरे नगर में रहने वाले लेवीय जन, प्रवासियों, पितृहीनों और विधवाओं के साथ पर्व में आनन्द मनाना।