इस्राएल के राजा पेकह के राज्य-काल में असीरिया देश के राजा तिग्लत-पलेसेर ने आक्रमण किया। उसने इन नगरों और प्रदेशों पर कब्जा कर लिया : इय्योन, आबेल बेत-माकाह, यानोह, केदेश, हासोर, गिलआद, तथा गलील और नफ्ताली का समस्त प्रदेश। वह लोगों को बन्दी बनाकर असीरिया देश ले गया।
अत: परमेश्वर ने असीरिया देश के राजाओं पूल और तिग्लत-पलेसेर को उनके विरुद्ध उभाड़ा। वे रूबेन तथा गाद के वंशजों को और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों को बन्दी बनाकर ले गए। वे उनको हलह, हाबोर तथा हारा नगर में और गोजान नदी के तट पर ले गए, जहां वे आज भी निवास करते हैं।
अत: सन्देशवाहक राजा हिजकियाह तथा उसके उच्चाधिकारियों के पत्र लेकर समस्त इस्राएल और यहूदा प्रदेशों में गए। राजा हिजकियाह ने पत्र में यह लिखा था : ‘ओ इस्राएली राष्ट्र के लोगो, तुम जो असीरिया देश के राजाओं के हाथ से बच गए हो, अपने पूर्वजों, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्वर के पास लौटो, ताकि वह तुम्हारी ओर पुन: लौटे।
प्रभु तुझ पर, तेरी प्रजा पर और तेरे राज-परिवार पर भीषण संकट के दिन लाएगा− ऐसा संकट-काल जो पहली बार देश पर तब आया जब एफ्रइम राज्य यहूदा राज्य से अलग हुआ था− अर्थात् असीरिया के राजा के दिन!’
वहां से भी तू खाली हाथ लौटेगी, सिर पकड़ कर रोती हुई। क्योंकि जिन पर तूने भरोसा किया है, उनको मुझ-प्रभु ने तिरस्कृत कर दिया है। उनकी सहायता से तेरा काम सफल नहीं होगा।
जब एफ्रइम ने अपना घाव देखा, और यहूदा ने अपना रोग, तब एफ्रइम असीरिया देश को गया। उसने अविलम्ब सम्राट से सहायता मांगी। पर वह उसे स्वस्थ नहीं कर सकता है, वह उसके घाव नहीं भर सकता है।