उन्होंने उनसे कहा, ‘तुम इन बन्दियों को हमारे प्रदेश में यहाँ मत लाओ। तुम्हारे इस कार्य के कारण हम प्रभु के प्रति दोषी ठहरेंगे। हम प्रभु के प्रति अपराधी और दोषी हैं ही। उनमें एक और अपराध जुड़ जाएगा। हम प्रभु के प्रति महाअपराध कर चुके हैं; और उसकी क्रोधाग्नि हम इस्राएलियों पर भड़की हुई है।’
एफ्रइम कुल-क्षेत्र के अगुए, जिनके नाम ऊपर लिखे हुए हैं, उठे, और उन्होंने बन्दियों को संभाला। उनमें अनेक बन्दी नंगे थे। उनको अगुओं ने लूट के माल से वस्त्र पहिनाए। उन्होंने न केवल कपड़े पहिनाए, वरन् पैरों में जूते भी पहिनाए। उनको खाने को भोजन दिया, और पीने को पानी। उनके सिर पर तेल मल। कमजोर और बीमारों को गधे पर बैठाया, और सब बन्दी जनों को उनके जाति भाई-बन्धुओं के पास खजूर वृक्षों के नगर यरीहो पहुंचा दिया। तत्पश्चात् अगुए सामरी नगर को लौट गए।
शोषण करनेवाले धनी यहूदियों और सरकारी अफसरों ने कहा, ‘हम उन्हें वापस दे देंगे, और आगे उनसे कुछ न लेंगे। जैसा आप कहते हैं, वैसा ही हम करेंगे।’ मैंने पुरोहितों को तत्काल बुलाया, और उन लोगों को यह शपथ खिलाई कि वे अपने वचन के अनुसार कार्य करेंगे।