सामरी नगर के प्रवेश-द्वार पर चार कुष्ठ-रोगी रहते थे। उन्होंने एक-दूसरे से यह कहा, ‘हम मौत आने तक यहां क्यों बैठे रहें?
2 इतिहास 26:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा उज्जियाह मृत्युपर्यन्त कुष्ठ-रोगी रहा। वह अलग महल में रहता था। उसको प्रभु के भवन से अलग कर दिया गया था। उसका पुत्र योताम राजपरिवार की व्यवस्था करता था। वही जनता पर शासन और उसका न्याय करता था। पवित्र बाइबल राजा उज्जिय्याह मृत्यु पर्यन्त कोढ़ी था। वह यहोवा के मन्दिर में प्रवेश नहीं कर सकता था। उज्जिय्याह के पुत्र योताम ने राजमहल को व्यवस्थित रखा औऱ लोगों का प्रशासक बना। Hindi Holy Bible और उज्जिय्याह राजा मरने के दिन तक कोढ़ी रहा, और कोढ़ के कारण अलग एक घर में रहता था, वह तो यहोवा के भवन में जाने न पाता था। और उसका पुत्र योताम राजघराने के काम पर नियुक्त किया गया और वह लोगों का न्याय भी करता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उज्जिय्याह राजा मरने के दिन तक कोढ़ी रहा, और कोढ़ के कारण अलग एक घर में रहता था, वह यहोवा के भवन में जाने न पाता था; और उसका पुत्र योताम राजघराने के काम पर नियुक्त किया गया और वह लोगों का न्याय भी करता था। सरल हिन्दी बाइबल मृत्यु तक राजा उज्जियाह कुष्ठरोगी रहा. वह एक अलग घर में रहने लगा, क्योंकि वह कुष्ठरोगी था. याहवेह के भवन में उसका जाना मना हो गया. उसका पुत्र योथाम अब राजमहल पर अधिकारी हो प्रजा का न्याय करने लगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उज्जियाह राजा मरने के दिन तक कोढ़ी रहा, और कोढ़ के कारण अलग एक घर में रहता था, वह यहोवा के भवन में जाने न पाता था। और उसका पुत्र योताम राजघराने के काम पर नियुक्त किया गया और वह लोगों का न्याय भी करता था। |
सामरी नगर के प्रवेश-द्वार पर चार कुष्ठ-रोगी रहते थे। उन्होंने एक-दूसरे से यह कहा, ‘हम मौत आने तक यहां क्यों बैठे रहें?
महापुरोहित अजर्याह और सब पुरोहितों ने देखा कि राजा उज्जियाह के माथे पर कोढ़ हो गया है। प्रभु ने उस पर प्रहार किया था। उन्होंने उसको तुरन्त वहां से निकाल दिया। सच पूछो तो वह स्वयं तुरन्त वहां से चला गया।
जब योताम ने राज्य करना आरम्भ किया तब वह पच्चीस वर्ष का था। उसने सोलह वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्य किया। उसकी मां का नाम यरूशा था। वह सादोक की पुत्री थी।
जितने दिन तक उसमें रोग रहेगा, वह व्यक्ति अशुद्ध माना जाएगा। वह अशुद्ध है। वह पड़ाव के बाहर, अकेला निवास करेगा।
शुद्ध होने वाला व्यक्ति अपने वस्त्र धोएगा, सब बाल मुंड़वाकर जल में स्नान करेगा, और वह शुद्ध हो जाएगा। इसके पश्चात् वह पड़ाव में प्रवेश करेगा, किन्तु सात दिन तक अपने तम्बू के बाहर निवास करेगा।
अत: मिर्याम सात दिन तक पड़ाव के बाहर बन्द रही। जब तक वह पड़ाव के भीतर पुन: न आ गई तब तक लोगों ने प्रस्थान नहीं किया।
इस्राएली लोगों ने ऐसा ही किया। उन्होंने उनको पड़ाव से बाहर निकाल दिया। जैसा प्रभु मूसा से बोला था, वैसा ही इस्राएली समाज ने किया।