अब्नेर ने योआब से कहा, ‘हमारे और तुम्हारे सैनिक उठें, और हमारे सम्मुख द्वन्द्वयुद्ध का खेल प्रदर्शित करें।’ अत: योआब ने आदेश दिया, ‘सैनिको, उठो!’
2 इतिहास 25:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब यहूदा प्रदेश के राजा अमस्याह ने अपने सलाहकारों से सलाह की और इस्राएल प्रदेश के राजा यहोआश के पास दूत भेजे। यहोआश येहू का पौत्र और यहोआहाज का पुत्र था। अमस्याह ने उसको यह सन्देश भेजा : ‘आओ, हम युद्ध में अपनी शक्ति आजमाएँ।’ पवित्र बाइबल यहूदा के राजा अमस्याह ने अपने सलाहकार के साथ सलाह की। तब उसने योआश के पास सन्देश भेजा। अमस्याह ने योआश से कहा, “हम लोग आमने—सामने मिलें।” योआश यहोआहाज का पुत्र था। यहोआहाज येहू का पुत्र था। येहू इस्राएल का राजा था। Hindi Holy Bible तब यहूदा के राजा अमस्याह ने सम्मति ले कर, इस्राएल के राजा योआश के पास, जो येहू का पोता और यहोआहाज का पुत्र था, यों कहला भेजा, कि आ हम एक दूसरे का साम्हना करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहूदा के राजा अमस्याह ने सम्मति लेकर, इस्राएल के राजा यहोआश के पास, जो येहू का पोता और यहोआहाज का पुत्र था, यों कहला भेजा, “आ हम एक दूसरे का सामना करें।” सरल हिन्दी बाइबल सलाह-मशवरा के बाद यहूदिया के राजा अमाज़्याह ने येहू के पोते, यहोआहाज़ के पुत्र इस्राएल के राजा यहोआश को यह संदेश भेजा: “आइए, हम एक दूसरे का सामना करें.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहूदा के राजा अमस्याह ने सम्मति लेकर, इस्राएल के राजा योआश के पास, जो येहू का पोता और यहोआहाज का पुत्र था, यह कहला भेजा, “आ हम एक दूसरे का सामना करें।” |
अब्नेर ने योआब से कहा, ‘हमारे और तुम्हारे सैनिक उठें, और हमारे सम्मुख द्वन्द्वयुद्ध का खेल प्रदर्शित करें।’ अत: योआब ने आदेश दिया, ‘सैनिको, उठो!’
एफ्रइम के सैनिक, जिनको राजा अमस्याह ने अपने साथ युद्ध में नहीं आने दिया था, और वापस भेज दिया था, यहूदा प्रदेश के नगरों पर टूट पड़े। उन्होंने सामरी नगर से बेत-होरोन नगर तक तीन हजार लोगों को मार डाला, और बहुत माल लूट लिया।
नबी यह बोल ही रहा था कि राजा अमस्याह ने उससे कहा, ‘तुझको किसने मेरा सलाहकार नियुक्त किया है? चुप रह! तू क्यों मरना चाहता है?’ नबी चुप हो गया; किन्तु उसने कहा, ‘मैं जानता हूं, परमेश्वर ने आपको नष्ट करने का निश्चय कर लिया है; क्योंकि आपने मेरी सलाह नहीं सुनी और मुझे चुप करा दिया।’
लड़ाई-झगड़ों में हाथ न डालना मनुष्य के लिए गौरव की बात है; मूर्ख मनुष्य ही झगड़े के लिए सदा तैयार रहता है।
पर्व के दिन समाप्त हुए तो वे लौटे; परन्तु किशोर येशु यरूशलेम में ही रह गया। उसके माता-पिता यह नहीं जानते थे।
दाऊद ने अपने हृदय में कहा, ‘एक दिन शाऊल के हाथ से मेरा वध अवश्य होगा। इसलिए मेरा हित इस बात में है कि मैं पलिश्ती देश को भाग जाऊं। तब शाऊल इस्राएली राष्ट्र की सीमा के भीतर मेरी खोज करना बन्द कर देगा। मैं उसके हाथ से बच निकलूंगा।’