2 इतिहास 24:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यहोयादा वृद्धावस्था में तथा दीर्घायु भोगकर मरा। मृत्यु के समय उसकी आयु एक सौ तीस वर्ष थी। पवित्र बाइबल यहोयादा बूढ़ा हुआ। उसने बहुत लम्बी उम्र बिताई तब वह मरा। यहोयादा जब मरा, वह एक सौ तीस वर्ष का था। Hindi Holy Bible परन्तु यहोयादा बूढ़ा हो गया और दीर्घायु हो कर मर गया। जब वह मर गया तब एक सौ तीस वर्ष का था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु यहोयादा बूढ़ा हो गया और दीर्घायु होकर मर गया। जब वह मरा तब एक सौ तीस वर्ष का था। सरल हिन्दी बाइबल जब यहोयादा पूरे बुढ़ापे को पहुंचा, उसकी मृत्यु हो गई. मृत्यु के समय उसकी अवस्था एक सौ तीस साल की थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु यहोयादा बूढ़ा हो गया और दीर्घायु होकर मर गया। जब वह मर गया तब एक सौ तीस वर्ष का था। |
तब उन्होंने अन्तिम सांस ली। वह वृद्ध और दीर्घायु थे। उनका अच्छी पकी आयु में देहान्त हुआ और वह अपने मृत पूर्वजों में जाकर मिल गए।
याकूब ने फरओ को उत्तर दिया, ‘मेरे प्रवास की अवधि कुल एक सौ तीस वर्ष हुई है। मेरे जीवन के दिन थोड़े हैं और वे बुरे बीते हैं। अभी मैंने अपने जीवन के उतने दिन व्यतीत नहीं किए हैं जितने मेरे पूर्वजों ने अपने प्रवास काल में बिताए थे।’
दाऊद वृद्ध हो गया था। वस्तुत: उसकी आयु पुर्ण हो चुकी थी। अत: उसने अपने पुत्र सुलेमान को इस्राएल देश का राजा नियुक्त किया।
जब उन्होंने काम पूरा कर लिया तब वे बचा हुआ रुपया राजा योआश और पुरोहित यहोयादा के पास लाए। बचे हुए सिक्कों से प्रभु के भवन के लिए पवित्र पात्र खरीदे गए: आराधना-कार्य के पात्र, अग्नि-बलि के पात्र, सुगन्धित धूप-बलि के पात्र तथा सोना-चांदी के अन्य पात्र। जब तक पुरोहित यहोयादा जीवित रहा तब तक प्रभु के भवन में नियमित रूप से अग्नि-बलि चढ़ाई जाती रही।
उसने इस्राएली राष्ट्र तथा परमेश्वर एवं उसके भवन के लिए सत्कर्म किये थे, इसलिए उसको दाऊदपुर में राजाओं की कब्रों के मध्य गाड़ा गया।
यहोयादा ने दो कन्याओं से उसका विवाह करवाया, जिनसे उसके पुत्र और पुत्रियां उत्पन्न हुईं।
तुम्हें पूर्ण आयु की सुखद मृत्यु प्राप्त होगी; जैसे अनाज पकने पर, अनाज का पूला खलियान में लाया जाता है, वैसे ही तुम आयु पकने पर दफनाए जाओगे।
हमारी आयु के वर्ष सत्तर हैं; यदि वे बल के कारण अस्सी भी हो जाएं, तोभी उनकी अवधि दु:ख और कष्ट में बीतती है। वे अविलम्ब व्यतीत हो जाते हैं और हमारे प्राण-पखेरू उड़ जाते हैं।